लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई यूपी सरकार को फटकार: ‘जांच से कदम पीछे खींच रही यूपी सरकार’

अक्टूबर माह के शुरुआत में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले में, आज यानी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है।

Oct 21, 2021 - 05:23
December 11, 2021 - 23:52
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लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई यूपी सरकार को फटकार: ‘जांच से कदम पीछे खींच रही यूपी सरकार’
Image source: dnaindia.com

अक्टूबर माह के शुरुआत में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले में, आज यानी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है। इस दौरान यूपी सरकार द्वारा देरी से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की योगी सरकार को जमकर फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने कहा,  हम कल आपकी रिपोर्ट का रात के 1:00 बजे तक इंतजार करते रहे, और हमें आपके द्वारा यह रिपोर्ट अभी मिल रही है। मुख्य न्यायाधीश ने प्रदेश सरकार को पिछली सुनवाई के समय दिए गए आदेश को याद दिलाते हुए कहा, कोर्ट ने आप को साफ कहा था कि कम से कम हमें 1 दिन पहले तक स्टेटस रिपोर्ट मिल जाए।

यूपी सरकार की तरफ से आए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा, हमने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दिया है। आप इस मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दीजिए। जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई टालने के अनुरोध को ख़ारिज कर दिया।

पुलिस क्या कर रही है: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के अधिवक्ता हरीश साल्वे से कहा, प्रदेश सरकार लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच से अपने पैर पीछे खींच रही है। कोर्ट ने साल्वे से पूछा, आपके द्वारा बताया गया है कि सिर्फ 44 गवाहों के बयान आए हैं, अभी तक बाकी गवाहों के बयान क्यों नहीं लिए गए। कोर्ट ने यह भी कहा ‘सिर्फ चार आरोपी ही पुलिस हिरासत में, जबकि बाकी अन्य न्यायिक हिरासत में क्यों?’ क्या पुलिस को उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि जल्द से जल्द सभी पीड़ितों और गवाहों के बयान दर्ज कराए जाएं, तथा गवाहों की सुरक्षा का भी पूरा इंतजाम किया जाए। फिलहाल सभी गवाहों के बयान ना होने के कारण तथा स्टेटस रिपोर्ट देर से आने की वजह से कोर्ट ने मामले की सुनवाई को 26 अक्टूबर तक टाल दिया है।
हिंसा के मिले 70 से ज्यादा वीडियो: यूपी सरकार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया, इस मामले में आरोपियों से पूछताछ हो चुकी है। तथा हमें घटनास्थल पर हुई हिंसा के सबूतों के साथ-साथ 70 से अधिक वीडियो भी मिले हैं जिनकी पड़ताल जारी है। साल्वे ने कोर्ट को यह भी बताया कि यूपी पुलिस द्वारा हिंसा की घटनाओं को रीक्रिएट करके भी जांच के प्रयास किए गए हैं। साल्वे ने अदालत में पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा गवाहों और पीड़ितों के बयान दर्ज कराए जा रहे हैं, परंतु दशहरे की छुट्टी के कारण कोर्ट बंद होने से सभी के बयान दर्ज नहीं कराए जा सके हैं।

सीजीआई ने पूछा कितने आरोपी पुलिस गिरफ्त में: अदालत द्वारा पूछे गए  सवाल के जवाब में सरकार के अधिवक्ता ने कहा अभी तक 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। चुकिं वहां दो वारदातें हुई थी, एक जिसमे कार से किसानों को कुचल दिया गया। तथा दूसरी जिसमें भीड़ के आड़ में कुछ लोगों को पीट कर उनकी हत्या कर दी गई। इस मामले की जांच में थोड़ी समस्याएं आ रही हैं क्योंकि उस दौरान वहां काफी भीड़ मौजूद थी।