क्या आप जानते हैं किडनी फेल होने के कारण व इससे बचाव के उपाय
भारत युवाओं का देश है और युवा इसका भविष्य है लेकिन यदि युवाओं में ही उच्च रक्तचाप, डायबिटीज़ जैसी समस्याएँ उत्पन्न होने लगेंगी तो युवा कहाँ तक भारत का भविष्य बना रह पाएगा।
भारत युवाओं का देश है और युवा इसका भविष्य है लेकिन यदि युवाओं में ही उच्च रक्तचाप, डायबिटीज़ जैसी समस्याएँ उत्पन्न होने लगेंगी तो युवा कहाँ तक भारत का भविष्य बना रह पाएगा। आज की भागदौड़ से भरी जीवनशैली के कारण व्यक्ति की दिनचर्या अनियमित हो रही है जिसका हिस्सा युवा भी हैं। इसी अनियमितता के कारण जो बीमारियाँ पहले प्रौढ़ व्यक्तियों में ज्यादा हुआ करती थी अब युवाओं में भी इन बीमारियों की दस्तक नज़र आ रही है। 'किडनी रोग विशेषज्ञों ' के अनुसार यदि उच्च रक्तचाप पर समय रहते ध्यान नहीं दिया जाए तो 20 से 40 वर्ष के मध्य के व्यस्कों को भविष्य में किडनी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। कुछ मामलों में गंभीरता इतनी बढ़ जाती है कि किडनी प्रत्यारोपण की नौबत भी आ जाती है। इसका खर्चा इतना अधिक है कि यह सामान्य व्यक्ति की पहुँच से बाहर है।
किडनी के निष्क्रिय होने का कारण:
राजधानी के वेंकटेश्वर हॉस्पिटल के किडनी ट्रांसप्लांट के निदेशक डॉ. पीपी वर्मा के अनुसार भारत में डायबिटीज़ और हाई बीपी लगभग 70% मामलों में किडनी फेल होने के पीछे की वजह है। इनका कारण जीवनशैली में अनियमितता है।
एक 25 साल की युवती को सिर दर्द, भूख में कमी, चक्कर आना, पेट में सूजन के घटने - बढ़ने के लक्षण दिखे लेकिन उसने उन्हें सामान्य तौर पर लेते हुए उनको दो वर्ष तक अनदेखा किया। एक दिन उसे श्वास लेने में इतनी परेशानी हुई कि उसे आपातकालीन स्थिति में अस्पताल लाना पड़ा। जाँच के दौरान हाई बीपी और किडनी के फेल होने का पता चला।
मनोज कुमार सिंघल जो कि फोर्टिस नोएडा के नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के निदेशक हैं बताते हैं कि उच्च रक्तचाप और मधुमेह किडनी के फेल होने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। उच्च रक्तचाप के कारण किडनी पर नकारात्मक असर होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। यहाँ भी इन समस्याओं का कारण अनियमित जीवनशैली है। वह आगे बताते हैं कि यदि उच्च रक्तचाप के बारे में आपको पता चलता है तो किडनी की जाँच अवश्य करवानी चाहिए। बहुत बार ऐसा भी हो जाता है कि किडनी फेल होने के लक्षण दिखते ही नहीं हैं और जब पता चलता है तो तब तक काफी देर हो चुकी होती है। उन्होंने बताया कि एक 14-15 साल का मरीज़ उनके पास आ चुका है जिसकी डायलिसिस करनी पड़ी। यदि समय पर उच्च रक्तचाप के बारे में पता चल जाए तो इसको रोका जा सकता है। इसकी संभावना को समाप्त किया जा सकता है।
किडनी में खराबी के लक्षण:
हमारे शरीर के सिस्टम में किडनी भी महत्वपूर्ण अंग है। यह शारीरिक स्वस्थता की वाहक है। यदि किसी भी प्रकार से इसमें खराबी आ जाती है तो व्यक्ति का जीवन कठिन हो जाता है। इसलिए इसके लक्षण जानना आवश्यक है -
- चेहरे पर सूजन, पेट और पैरों में सूजन
- प्रात: उठने पर यदि पलकों के नीचे सूजन नज़र आती है तो यह किडनी के खराब होने के लक्षण हो सकते हैं।
- भूख न लगना, जी मचलाना
- उल्टी होना
आदि लक्षण सामान्य लक्षण हैं। इनकी उपस्थिति किडनी के खराब होने के संकेत देती है।
बचाव के उपाय:
- पौष्टिक आहार का सेवन
- वज़न को नियंत्रित रखना
- नियमित रूप से व्यायाम
- धूम्रपान, शराब , तंबाकू आदि के सेवन से परहेज
- उच्च रक्तचाप के मरीज़ किडनी की नियमित जाच करवाएँ
एक स्वस्थ जीवन एक सफल जीवन की कुंजी है तो ऐसे में बीमारियों से बचे रहना आवश्यक है।