पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर किया जा रहा है विचार : क्या पड़ेगा कीमतों पर असर ?
आने वाली 17 सितंबर 2021 को लखनऊ में वित्तमंत्री निर्मला सितारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक होने जा रही है।
आने वाली 17 सितंबर 2021 को लखनऊ में वित्तमंत्री निर्मला सितारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक होने जा रही है। इस बैठक में फूड डिलीवरी एप स्विगी और ज़ोमेटो को 5% तक जीएसटी (गुड्ज़ एण्ड सर्विसेज़ टैक्स ) के दायरे में लाने पर चर्चा होगी और साथ ही पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार किया जा रहा हैं।
इसके अलावा इस बैठक में कोविड-19 में आवश्यक स्रोतों पर दी गई छूट को दिसम्बर 2021 तक बढ़ाने का भी विचार है | पेट्रोल डीजल की आसमान छु रही बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए इन्हें जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार किया जा रहा हैं | जून में केरेल हाई कोर्ट ने एक याचिका के आधार पर जीएसटी परिषद से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाने की बात कही थी | सूत्रों के अनुसार, इस फैंसले से पेट्रोल,डीजल के उपभोक्ता मूल्य और सरकारी राजस्व में बड़े बदलाव देखे जाएंगे | हालांकि, टैक्स एक्स्पर्ट्स की माने तो पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाने में केंद्र और राज्य सरकार दोनों के लिए ही बड़ी चुनौती है।
देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जो आम जनता के लिए चिंता का सबब बनी हुई हैं | राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 101.19 रुपए प्रति लीटर है, वहीं डीजल का भाव 88.26 रुपए प्रति लीटर है। मुंबई में पेट्रोल 107.26 तो वहीं डीजल 96.19 रुपए प्रति लीटर है।
भारत में 1 जुलाई 2017 को अनेक केन्द्रीय टैक्सेस व राज्य टैक्स को खत्म कर जब जीएसटी लागू किया गया था। तब इन पाँच पेट्रोल उत्पादों – पेट्रोल, डीजल, ऐवीऐशन टर्बाइन फ्यूल (ATF), प्राकृतिक गैस, क्रूड ऑइल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया था | जीएसटी लगाने से देश के हर हिस्से में पेट्रोल ओर डीजल के भाव एक समान हो जाएंगे |