कोविड 19 डेथ सर्टिफिकेट : जानिए स्वास्थ्य मंत्रालय और आइसीएमआर द्वारा जारी किए गए नए दिशा निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कोरोना से हुई मौतों के मृत्यु प्रमाण पत्र और उनके नियमों को सरल बनाने के लिए आदेश जारी किया था | उसका पालन करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर ने नियमों की नई रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सोंपी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कोरोना से हुई मौतों के मृत्यु प्रमाण पत्र और उनके नियमों को सरल बनाने के लिए आदेश जारी किया था | उसका पालन करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर ने नियमों की नई रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सोंपी थी। सरकार द्वारा यह रिपोर्ट 10 दिन की देरी से कोर्ट की फटकार के बाद सोंपी गई।
1. नई नियमों के तहत कोरोना के वह मामले जो आरटीपीसीआर, मोलीकुयूलेर, ऐंटीजेन टेस्ट या फिर जिन मामलों की अस्पताल में अन्य किसी टेस्ट से पुष्टि हुई हो उन्हें कोविड डेथ माना जाएगा।
2. नए नियमों के अनुसार रिपोर्ट पाज़िटिव आने के 30 दिन के भीतर यदि मरीज़ की मृत्यु हो जाती है, तो उसे कोविड डेथ मन जाएगा | चाहे मरीज़ का इलाज अस्पताल में हुआ हो या डॉक्टर की सलाह पर घर में | सरकार ने बताया की आईसीएमआर की रिसर्च में सामने आया है कि 95% मौत रिपोर्ट पाज़िटिव आने के 25 दिन के अंदर हो जाती हैं।
3. वह कोरोना संक्रमित मरीज़ जो 30 दिन या उससे अधिक समय तक अस्पताल या फिर अन्य किसी रोगी सुविधा में रहा हो और बाद में उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसे भी नियमों के अनुसार कोविड-19 डेथ ही माना जाएगा |
4. इसके अलावा कोरोना के वह मामले जो हल नहीं हो पाए और मरीज़ की मृत्य अस्पताल या घर में हुई हो, उनके लिए सेक्शन 10 में धारा 1969 जन्म और मृत्यु पंजीकरण, में फॉर्म 4 और 4A जारी किया जाएगा जिसमे मौत का कारण कोविड 19 डेथ होगा |
5. यदि कोरोना मरीज़ की मृत्यु ज़हर, आत्महत्या, अन्य किसी दुर्घटना या कारणवश हुई हो तो उसे कोविड 19 डेथ नहीं माना जाएगा।
6. इसके अलावा यदि मृतक के परिजन मृत्यु प्रमाण पत्र पर लिखे मौत के कारण से संतुष्ट नहीं हैं या प्रमाण पत्र मौजूद नहीं है तो उनके लिए जिला स्तर पर एक कमेटी बनाई जाएगी। इस कमेटी में जिला कलेक्टर, सीएमओएच व अन्य विशेषज्ञ मौजूद रहेगें।
इस मामले में मृतक के परिजनों को जिला अध्यक्ष के समक्ष एक याचिका दायर करनी होगी। उसके बाद कमेटी पूरे मामले की जाँच कर प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। याचिका दायर होने के 30 दिन के भीतर मामले की जाँच कर उसे सुलझा दिया जाएगा।