शेयर बाज़ार का गुब्बारा फटने के आसार - RBI
भारतीय अर्थव्यवस्था के हाल पहले से ही बेहाल थे ऊपर से कोरोना काल में हुई तालाबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था की हालत और खस्ता कर दी है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में शेयर बाजार के लगातार बढ़ने और अर्थव्यवस्था के लगातार घटने को शेयर बाजार के लिए खतरा बताया है।
शेयर बाजार में "बबल" शब्द आज से 15 साल पहले 2006-8 के बीच चल रहे "बुल रन" के समय इस्तेमाल किया गया था। उस समय भी मार्केट बेतहाशा बढ़ रहा था और अचानक से शेयर बाजार में क्रैश आया था। हाल ही में RBI की वार्षिक रिपोर्ट में शेयर बाज़ार में आए उछाल पर बात की गई है। RBI ने अपनी इस रिपोर्ट में शेयर बाज़ार के ओवरवैल्यूएशन की बात कही है।
आर्थिक सुस्ती में बाज़ार की चुस्ती ठीक नहीं
भारतीय अर्थव्यवस्था के हाल पहले से ही बेहाल थे ऊपर से कोरोना काल में हुई तालाबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था की हालत और खस्ता कर दी। वित्त वर्ष 2020- 2021 में आर्थिक गतिविधियों में कमी से देश की जीडीपी में करीब 8% की गिरावट आई है। ऐसे समय में जब अचानक शेयर बाज़ार लगातार ऊपर जाता जा रहा है तो यह ख़तरे का सबब भी बन सकता है।
लेकिन सवाल यह उठता है कि जब अर्थव्यवस्था लगातार गिर रही है तो शेयर बाजार कैसे उठ रहा है?
RBI ने इसके लिए फॉरेन निवेश और मार्केट में किए गए मनी सप्लाई को मुख्य तौर पर ज़िम्मेदार माना है। इसके साथ साथ और भी कारक हैं जो इस उछाल का कारण बने हुए हैं
- मार्च 2020 में बाज़ार का गिरना
मार्च 2020 में जब शेयर बाज़ार अचानक से गिरा था उसके बाद इन्वेस्टर की संख्या में बहुत बड़ा फर्क आया था। 2020 में डीमेट अकाउंट की संख्या बहुत बढ़ी है।
- कोरोना ख़त्म होने की आशा, वैक्सीनेशन और अमेरिकी चुनाव
लोगों को इस बात की उम्मीद थी कि कोरोना की पहली लहर के जाने के बाद तालाबंदी ख़त्म होगी और वैक्सीनेशन के बाद सब कुछ फिर से शुरू हो जाएगा जिससे व्यापार वापस शुरू होगा और अर्थव्यवस्था तो पटरी पर आएगी ही साथ ही शेयर के दाम भी बढ़ेंगे। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर आने से तालाबंदी ख़त्म नहीं हुई जिससे व्यापार शुरू नहीं हुआ लेकिन लोगों ने अपना पैसा शेयर बाज़ार में लगा दिया था। यह भी बाज़ार में आए उछाल का कारण बना। साथ ही अमेरिका में चुनाव के समय बहुत अनिश्चितताएं थी कि कौन यह चुनाव जीतेगा। अब चुनाव जब ख़त्म हुए तो जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद शेयर बाज़ार ने बढ़त देखी है।
3.शेयर खरीदने के आसान तरीके
भारत में बेतहाशा एप्लिकेशन आ चुकी हैं जिसके ज़रिए आप आसानी से शेयर खरीद सकते हैं। अब आपको बाहर जाकर किसी एजेंट की मदत से इन्वेस्ट करने की ज़रूरत नहीं अब आपको दर्जनों डॉक्युमेंट्स की कॉपी करके जमा करने की भी ज़रूरत नहीं है बस कुछ मिनटों में मोबाइल एप्लिकेशन से अकाउंट बना कर आप काम शुरू कर सकते हैं। एक ट्रेडिंग ऐप ज़िरोधा ने बताया कि 2020 के पहले क्वाटर में 2.5 लाख लोग इस ऐप के ज़रिए इन्वेस्ट करते थे लेकिन दूसरे क्वाटर में यह संख्या 5 लाख हो गई। इसके साथ यूट्यूब में बेतहाशा ऐसे लोग मौजूद हैं जो शेयर बाज़ार में इन्वेस्ट करना सिखाते हैं यह भी एक बड़ी वजह है बाज़ार में आए उछाल की।
अब ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि RBI की शेयर बाज़ार में बबल वाली बात सही होती है या बाज़ार और उछाल में जाता है यह आने वाला समय ही बताएगा।