WTC:FINAL न्यूजीलैंड और भारत के बीच महामुकाबला, किसका पलड़ा भारी और कौन मारेगा बाजी?

  फाइनल के महामुकाबले से पहले न्यूजीलैंड को इंग्लैंड के साथ दो टेस्ट मैच खेलने हैं। यानी 20 दिन में न्यूजीलैंड को तीन टेस्ट मैच खेलना है। पहले अंग्रेजों से दो टेस्ट मैच (पहला 2 जून से और दूसरा 10 जून से) और फिर भारत से महामुकाबला है। ऐसे में परिस्थितियां किस टीम के लिए ज्यादा मुफ़ीद रहेंगी? यह सबसे बड़ा सवाल है। किस टीम का पलड़ा भारी रहेगा? किसको ज्यादा फायदा मिलेगा?

June 1, 2021 - 11:59
December 8, 2021 - 12:31
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WTC:FINAL न्यूजीलैंड और भारत के बीच महामुकाबला, किसका पलड़ा भारी और कौन मारेगा बाजी?

आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में अब 18 दिन का समय बचा है। 18 जून को साउथैंप्टन के द एजिस बाउल में भारत और न्यूजीलैंड की टीमों के बीच खिताबी मुकाबला खेला जाएगा। ‘न तेरा घर, न मेरा घर’, यह मुकाबला एक तटस्थ मैदान में होगा, जिसकी वजह से किसी भी टीम को घरेलू होने का फायदा नहीं मिलेगा।                        फाइनल के महामुकाबले से पहले न्यूजीलैंड को इंग्लैंड के साथ दो टेस्ट मैच खेलने हैं। यानी 20 दिन में न्यूजीलैंड को तीन टेस्ट मैच खेलना है। पहले अंग्रेजों से दो टेस्ट मैच (पहला 2 जून से और दूसरा 10 जून से) और फिर भारत से महामुकाबला है। ऐसे में परिस्थितियां किस टीम के लिए ज्यादा मुफ़ीद रहेंगी? यह सबसे बड़ा सवाल है। किस टीम का पलड़ा भारी रहेगा? किसको ज्यादा फायदा मिलेगा? वैसे भारत और न्यूजीलैंड, दोनों ही टीमों का रिकार्ड इंग्लैंड की धरती पर कुछ ख़ास नहीं है। 

दोनों टीमों का एक जैसा हाल- बात अगर न्यूजीलैंड की हो, तो इस टीम ने इंग्लैंड से, इंग्लैड की जमीं पर कुल 50 टेस्ट खेले हैं। इनमें से न्यूजीलैंड को सिर्फ 4 मुकाबलों में ही जीत मिली है। वहीं भारत ने 62 मुकाबले खेले हैं और सिर्फ 7 मुकाबलों में ही जीत पाया है। इस आंकड़े से देखा जाए तो दोनों ही टीमें बराबरी पर खड़ी हैं।   

बात न्यूजीलैंड टीम की- सन् 2000 में, भारत को ही हराकर न्यूजीलैंड की टीम ने नैरोबी(केन्या) में चैम्पियन्स ट्राफी जीती थी। उसके बाद से न्यूजीलैंड की टीम खिताब से वंचित है। हालाकिं, पिछले दोनों एकदिवसीय विश्व कप 2019 और 2015 में न्यूजीलैंड फाइनल तक तो जरूर पहुंचा, लेकिन दोनों में उसे उपविजेता ट्राफी से ही संतोष करना पड़ा। इस टेस्ट विश्व कप से न्यूजीलैंड को बहुत आस है। फाइनल से पहले इंग्लैंड से दोनों मुकाबले, कीवी टीम का हौसला बढ़ाने का काम कर सकते हैं।  

फाइनल से पहले न्यूजीलैंड का वार्मअप- इंग्लैंड से दोनों मैच न्यूजीलैंड के लिए खुद की समीक्षा करने जैसे होंगे। फाइनल से पहले होने वाले दोनों टेस्ट मैच अगर न्यूजीलैंड हार जाता है, तो इसका कुछ असर जरूर महामुकाबले में दिखेगा। लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है, और वह यह है कि अगर ऐसा होता है तो न्यूजीलैंड को अपनी टीम को तैयार करने का भी मौका मिल जाएगा। जिससे वह बेहतर 11 के साथ फाइनल में उतर सकती है। दो टेस्ट मैच खेलकर कीवी टीम को वहां की परिस्थितियों से सामंजस्य बैठाने में परेशानी भी नहीं होगी। लेकिन अगर मैच जीत जाता है या ड्रा करवा लेता है, तो क्या ही कहने न्यूजीलैंड टीम के...

ऊंचे मनोबल के साथ फाइनल में उतरेगी न्यूजीलैंड की टीम- न्यूजीलैंड ने पिछले साल फरवरी-मार्च में हुई, 2 टेस्ट मैचों की घरेलू सीरीज में भारत को बुरी तरीके से मात दी थी। न्यूजीलैंड ने पहला मैच 10 विकेट से और दूसरा मैच 7 विकेट से जीता था। इस बात का फायदा न्यूजीलैंड की टीम जरूर उठाना चाहेगी। और मजबूत आत्मविश्वास के साथ फाइनल में उतरेगी।

खतरनाक है न्यूजीलैंड की तेज गेंदबाजी - न्यूजीलैंड की टीम में, दो बाएं हाथ के तेज गेंदबाज नील वैगनर और ट्रेंट बोल्ट हैं, और ये बात जगजाहिर है कि भारतीय बल्लेबाजों को बाएं हाथ के गेंदबाजों को खेलने में काफी समस्या होती है। इसका लाभ न्यूजीलैंड जरूर उठाना चाहेगा। इसके अलावा न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज, टिम साउदी और ट्रेंट बोल्ट की जोड़ी ने भारत के खिलाफ 75 विकेट चटकाएं हैं। साउदी ने भारत के खिलाफ 8 मैच में 39 विकेट और बोल्ट ने 9 टेस्ट में 36 विकेट निकाले हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो, फाइनल में साउदी,बोल्ट और वैगनर की तिकड़ी कमाल दिखा सकती है।   

बात भारतीय टीम की-  भारत की टीम 2 जून को इंग्लैंड के लिए रवाना होगी। वहां कोहली की टीम को 3 दिन सख्त क्वारैंटाइन के नियमों से गुजरना होगा। इसके बाद खिलाड़ी प्रैक्टिस कर सकेंगे। ऐसे में खिलाड़ियों को न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल से पहले प्रैक्टिस के लिए 12 दिन मिलेंगे। इससे भारतीय टीम को साउथैंप्टन के बारे में समझने का मौका रहेगा, जिसका फायदा भारतीय खिलाड़ी मैच में उठा पाएंगे। 

तेज गेंदबाज भारत के मुख्य हथियार- इंग्लैंड की पिच तेज गेंदबाजों के लिए हमेशा मददगार रही है। यही वजह है कि भारतीय टीम ने 24 सदस्सयी समूह में 9 तेज गेंदबाजों को शामिल किया है। इनमें इशांत शर्मा,मोहम्मद शमी, उमेश यादव और जसप्रीत बुमराह मुख्य हथियार हैं। अनुभव की बात की जाए, तो भारतीय तेज गेंदबाजों ने न्यूजीलैंड की तुलना में इंग्लैंड में दोगुना ज्यादा मैच खेले हैं और किवी गेंदबाजों से 24 फीसदी ज्यादा विकेट भी लिए हैं। पिछले कई टेस्ट मैचों में देखा गया है कि भारतीय गेंदबाज किसी भी मैदान में, किसी भी टीम के खिलाफ 20 विकेट झटक रहे हैं। तो भारतीय गेंदबाजी न्यूजीलैंड पर भारी दिखाई पड़ रही है। 

सलामी जोड़ी को रखनी होगी जीत की नींव- इस मैच में भारतीय बल्लेबाजों का कड़ा इम्तिहान होगा। बल्लेबाज तय करेंगे कि भारत खिताब जीतेगा या नहीं, ट्रॉफी भारत के नाम होगी या किवी ले जाएंगे। भारत की ओर से शुभमन गिल और रोहित शर्मा पहली बार इंग्लैंड में पारी की शुरूआत करेंगें। फाइनल मैच में नींव कैसी डाली है भारत ने, ये बात सलामी जोड़ी ही तय करेगी। पिछले कई टेस्ट मैचों में देखा गया है कि अगर सलामी जोड़ी रन नहीं बनाती है तो मध्यक्रम के बल्लेबाजों के ऊपर ज्यादा दबाव आ जाता है, वे भी जल्दी आउट हो जाते हैं और टीम की हालत खस्ता हो जाती है। अगर नींव मजबूत है, तो इमारत जरूर ऊंची बनेगी। इसके लिए इन दोनों खिलाड़ियों को सावधानी से खेलना होगा।

मध्यक्रम पर दारोमदार- मध्यक्रम की बात की जाए तो चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली के बल्ले से पिछले कई मैचों से कोई बड़ी पारियां नहीं आयी हैं। कोहली ने 2018 में, इंग्लैंड के दौरे पर रनों की बारिश की थी और 5 मैचों की टेस्ट सीरिज में ‘प्लेयर आफ दी सीरीज’ चुने गए थे। विराट कोहली से वैसे ही प्रदर्शन की उम्मीद फिर रहेगी। अजिंक्या रहाणे ने इंग्लैंड में काफी अच्छी पारियां खेली हैं। उनसे भी टीम को काफी उम्मीदें हैं। अगर बात रिषभ पंत की हो, तो उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से पिछले साल आस्ट्रेलिया के दौरे पर और इस साल इंग्लैंड के खिलाफ दमदार पारियां खेली हैं। हाल में वह जिस फार्म से गुजर रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि वो 5 या 6 नंबर पर भारत के लिए एक्स फैक्टर साबित होंगे और पूरे मैच में विपक्षी टीम पर अकेले भारी पड़ेंगे।।।

महामुकाबले पर पूर्व खिलाड़ियों की राय- इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन का मानना है कि फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड की टीम भारतीय टीम पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है। वान ने स्पार्क स्पोर्ट से बात करते हुए कहा कि न्यूजीलैंड के लिए इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले दोनों मुकाबले फाइनल से पहले न्यूजीलैंड के लिए अभ्यास मैच की तरह होंगे। केन विलियम्सन की कप्तानी में न्यूजीलैंड ने उच्च स्तर का टेस्ट मैच अनुशासित तरीके से खेला है। न्यूजीलैंड की तैयारी बेहतर है। ‘न्यूजीलैंड जीतेगा...।‘ 

वहीं न्यूजीलैंड टीम के लिए सन् 2000-2004 तक खेलने वाले मॉर्क रिचर्डसन का मानना है कि भारत के खिलाफ तभी जीता जा सकता है,जब सही तरीके से खेला जाए। रिचर्डसन ने कहा, ‘भारत के साथ खेलना वैसा होता है, जैसे आप अपने बॉस के साथ गोल्फ खेल रहे हों। आप सही तरीके से खेलेंगे तभी जीतेंगे। हम न्यूजीलैंड में एक तरफा जरूर जीते, लेकिन ऐसा कभी लगा ही नहीं कि सचमुच में हमने उन्हें हराया हो।’ मॉर्क रिचर्डसन का इशारा पिछले साल हुई टेस्ट सीरिज से था, जिसमें न्यूजीलैंड ने दोनों मैचों में भारत को एकतरफा मात दी थी।

टेस्ट चैम्पियन बनते ही इतिहास रच देगा भारत- भारत और न्यूजीलैंड, दोनों टीमें बराबरी पर खड़ी हैं, लेकिन भारतीय टीम ने जिस तरीके से पिछली दो सीरीज में प्रदर्शन किया है, उससे फाइनल में भारत का पलड़ा भारी लग रहा है। भारत ने पिछली दो सीरीज में आस्ट्रेलिया को उसी के घर में और इंग्लैंड को अपनी सरजमीं पर पटखनी दी है। ध्यान देने वाली बात यह है कि किसी भी आईसीसी प्रतिस्पर्धा के मुकाबले में, न्यूजीलैंड की टीम हमेशा भारतीय टीम पर भारी पड़ी है। तो यह देखने वाली बात रहेगी कि क्या इस बार भारत इतिहास रच पाएगा? क्या भारत 2019 विश्व-कप सेमीफाइनल की हार का हिसाब चुकता कर पाएगा? इतिहास से सबक और सीख लेने की संभावना हमेशा रहती है। भारत अगर टेस्ट चैम्पियन बनता है, तो पूरे विश्व का पहला ऐसा देश होगा जिसकी झोली में आईसीसी के सभी खिताब होंगे। भारत, 60 ओवर विश्व कप (1983 में), 50 ओवर विश्व कप (2011 में), 20-20 विश्व कप (2007 में) ,चैम्पियन्स ट्राफी (2013 में) जीत चुका है।