Cryptocurrency: कैसे तय की जाती है वैल्यू,फैक्टर्स जिनसे प्रभावित होती है करेंसी की कीमत

आज निवेशकों का एक बड़ा वर्ग क्रिप्टो करेंसी मे निवेश करना चाहता है, हमने बिटकॉइन और एथोरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी को रातों रात आसमान छूते देखा है तो वही दूसरी ओर अचानक से कई क्रिप्टो करेंसी की कीमतों को धाराशाही होते हुए भी देखा है।

September 8, 2021 - 21:55
December 9, 2021 - 11:15
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Cryptocurrency: कैसे तय की जाती है वैल्यू,फैक्टर्स जिनसे प्रभावित होती है करेंसी की कीमत
Crypticurrency @News18

आज निवेशकों का एक बड़ा वर्ग क्रिप्टो करेंसी मे निवेश करना चाहता है, हमने बिटकॉइन और एथोरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी को रातों रात आसमान छूते देखा है तो वही दूसरी ओर अचानक से कई क्रिप्टो करेंसी की कीमतों को धाराशाही होते हुए भी देखा है। ऐसे में हमारे लिए ये जानना महत्वपूर्ण हो जाता है की कैसे तय होती है किसी क्रिप्टो करेंसी की कीमत और कौनसे कारक तय करते है उसकी कीमत ?

मांग और पूर्ति का नियम:

अर्थशास्त्र का यह नियम क्रिप्टो करेंसी की कीमत तय करने में भी अहम भूमिका निभाती है, जब भी किसी क्रिप्टो करेंसी की मांग उसके पूर्ति से अधिक हो जाती है तो उसकी कीमत बढ़ने लगती है इसी तरह पूर्ति के मुकाबले मांग के घटने से उस कॉइन की कीमत भी घट जाती है। सिक्को एवम नोटों को बड़ी मात्रा में छापा जाता है जिसे मांग और पूर्ति में संतुलन बना रहता है लेकिन क्रिप्टो करेंसी एक सीमित संख्या में बनती है जिस कारण पिछले कुछ वर्षो में क्रिप्टो करेंसी की मांग बढ़ने से उसकी कीमत भी बढ़ी है। 

उत्पादन लागत:  

क्रिप्टो करेंसी माइनिंग अर्थात जिस प्रक्रिया से कोई क्रिप्टो करेंसी प्रचलन में आती है और उस पर लगने वाला उत्पादन लागत भी उस कॉइन की कीमत तय करने में एक बड़ी भूमिका निभाती है। उत्पादन लागत के अधिक होने पर कॉइन की कीमत भी अधिक होती है जबकि लागत कम होने पर कीमत में भी कमी आती है। 

लोगो के बीच स्वीकृति: 

देश के लोगों और सरकारों के मध्य कॉइन की स्वीकृति कॉइन के ट्रेंड को बढ़ाती है जिससे क्रिप्टो करेंसी की कीमतों में उछाल आता है , वही सरकारों की अस्वीकृति निवेशकों के मध्य शंका पैदा करती है जिससे इसकी कीमत में गिरावट आती है। 

ब्लॉकचेन:

क्रिप्टो करेंसी मे निवेश करने से पहले निवेशक उस क्रिप्टो करेंसी की सुरक्षा और भविष्य की संभावनाओं को खंगालते है। हर पेशेवर निवेशक ऐसे कॉइन को चुनता है जो अपने कॉइंस को अधिक सुरक्षा देता है और उसकी ब्लॉकचेन प्रोद्योगिकी को भविष्य के लिए असीम संभावनाएं देता है। 

प्रतियोगिता:

हर क्रिप्टो करेंसी बाजार में अपने ज्यादा से ज्यादा निवेशक बनाना चाहती है इस कारण अधिक प्रतियोगिता होने पर कॉइन की कीमत नियंत्रित रहती है वही प्रतियोगिता के अभाव में कीमत बढ़ती रहती है।

प्रचार-प्रसार:

आज का युग प्रचार प्रसार का युग है। जिस कॉइन का प्रचार-प्रसार निवेशकों को अधिक लुभाता है उस कॉइन में हर कोई निवेश करना चाहता है, जिससे उस कॉइन की कीमत बढ़ जाती है वहीं प्रचार-प्रसार के अभाव के कारण कई कॉइनस कि कीमत स्थिर रहती हैं अथवा घटने लगती हैं।

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