दिल्ली हाई कोर्ट ने नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों पर रोक लगाने से किया इनकार
'फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म, 'द वायर, क्विंट डिजिटल मीडिया लिमिटेड और 'ऑल्ट न्यूज चलाने वाली कंपनी प्रावदा मीडिया फाउंडेशन द्वारा नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों पर रोक लगाने की याचिका को ख़ारिज कर दिया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया । कोर्ट ने कहा की वह ऐसा आदेश पारित करने के लिए याचिकाकर्ताओं से सहमत नहीं है।
यह याचिका 'फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म, 'द वायर, क्विंट डिजिटल मीडिया लिमिटेड और 'ऑल्ट न्यूज चलाने वाली कंपनी प्रावदा मीडिया फाउंडेशन ने कोर्ट में दायर की थी ।
याचिका में कहा गया था की ये नियम डिजिटल न्यूज मीडिया के अधिकारों का हनन करतीं हैं ।
साथ ही याचिका में इन कानूनों को रद्द करने की मांग की गई थी , जो हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने खारिज कर दी ।
आपको बता दें की सरकार ने यह कानून सोशल मीडिया पर निगरानी रखने और फेक पोस्ट्स को काबू करने के लिए बनाया है ।
क्या हैं ये कानून
1. अब सोशल मीडिया कंपनियों को उनके प्लेटफॉर्म के जरिए भेजे ओर शेयर किए गए संदेशों के ओरिजिनल सोर्स को ट्रैक करना पड़ेगा।
2. कोई भी फेक पोस्ट जो वायरल हो रहा है ,सरकार उसे बनाने वाले के बारे में पूछ सकती है ओर कंपनी को बताना पड़ेगा की उस पोस्ट को सबसे पहले किसने शेयर किया था ।
3. सोशल मीडिया कंपनियों को किसी भी पोस्ट की शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्यवाही करनी पड़ेगी ,इसके लिए उसे तीन अधिकारियों को नियुक्त करना पड़ेगा ।
4. किसी भी शिकायत को 15 दिनों के अंदर अंदर हल करना होगा ओर इसी के साथ कंपनियों को पूरे सिस्टम पर निगरानी रखने के लिए स्टाफ रखना होगा ।