गंगा में तैरती लाशों की एसआईटी जांच करवाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए गंगा नदी में तैरती लाशों की एसआईटी जांच की याचिका को खारिज कर दिया। अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर एसआईटी जांच की मांग की थी।
आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए गंगा नदी में तैरती लाशों की एसआईटी जांच की याचिका को खारिज कर दिया। अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर मांग की थी की बक्सर ,गाजीपुर ओर उन्नाव जिले में गंगा नदी में तरते मिले शवों का पोस्टमार्टम हो और इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए जाएं । जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया ।
याचिका में कहा गया था की जहां लाशें मिली है वहाँ के कई जिलों के लिए गंगा ही पीने के पानी का स्त्रोत है ,अगर वो लाशें कोविड से संक्रमित थी तो इस दूषित पानी से ये महामारी दोनों राज्यों के गाँव में फैल सकती है ।
यह जानते हुए भी अभी तक पानी को साफ करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है जो तैरती लाशों से संक्रमित हो गया है । वहीं उन अधिकारियों पर भी कारवाई होनी चाहिए जिनकी लापरवाही से इतनी बड़ी अमानवीय घटना हुई है ।
हालांकि न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति विनीत सरन और एमआर शाह की पीठ ने इस पर विचार करने से इनकार कर दिया ।
क्या है पूरा मामला -
दरअसल मई में 150 लाशें गंगा में तैरती हुई यूपी ,बिहार के कई जिलों में मिली थी ,उस वक्त कोरोना चरम पर था । इनमें एक लाश बच्चे की भी थी । इन लाशों का कोरोना से संक्रमित होने का अंदेशा भी लगाया गया था । इसी घटना पर प्रदीप कुमार यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी ।