Delhi University: अब डाकिया डाक में लाकर देगा आपकी एसओएल की डिग्री, पंजीकरण की प्रक्रिया के बाद ही लिया जा सकेगा इस सुविधा का लाभ
DU SOL: दिल्ली के स्कूल ऑफ ओपेन लर्निंग (एसओएल) ने वर्ष 2015 से 2019 तक विभिन्न कोर्स में पास हुए छात्रों के लिए डाक से डिग्री पहुँचाने की अनूठी पहल शुरू की है। जहां,विश्वविद्यालय प्रशासन ने डिग्री को सुरक्षित छात्रों तक पहुँचाने के लिए डाक विभाग से करार किया है।
छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है कि अब डाकिया सिर्फ़ डाक नहीं आपकी डिग्री भी लाएगा और आपको गाना भी नहीं गाना पड़ेगा । दिल्ली के स्कूल ऑफ ओपेन लर्निंग (एसओएल) ने वर्ष 2015 से 2019 तक विभिन्न कोर्स में पास हुए छात्रों के लिए डाक से डिग्री पहुँचाने की अनूठी पहल शुरू की है। जहां,विश्वविद्यालय प्रशासन ने डिग्री को सुरक्षित छात्रों तक पहुँचाने के लिए डाक विभाग से करार किया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने जानकारी दी कि इस सुविधा का लाभ केवल उन्हीं छात्रों को मिलेगा जिन्होंने वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करने के साथ नो-ड्यूस करा लिया हो यानी बाकी बकाया फ़ीस जमा कर दी हो। एसओएल के ओएसडी डॉ. उमाशंकर पांडे ने बताया विश्वविद्यालय से पास होने के बाद बहुत सारे छात्र किन्हीं कारणों से डिग्री लेने नहीं आ पा रहे हैं, उन लाखों छात्रों की डिग्रियाँ हमारे पास रखी हुई हैं। हमारा ऐसा मानना है इन छात्रों की डिग्रियाँ उन तक पहुँचना ज़रूरी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित डिग्री पहुँचाने की सुविधा शुरू की गयी है। हमें आशा है हम त्रुटि पूर्ण इस काम को करने में सफ़ल होंगे, छात्रों से भी हम पूरे समर्थन की उम्मीद रखते हैं। इसके लिए छात्रों को एसओएल की वेबसाइट पर पंजीकरण करना है और बाकी बकाया फ़ीस जमा कर देनी है, जैसे की लाइब्रेरी की किताब नहीं लौटाई हो तो उसका बकाया शुल्क, माइग्रेशन का कोई बचा हुआ भुगतान या कोई अन्य, इन सब भुगतानों के बाद ही वेबसाइट पर पंजीकरण किया जा सकता है।
डॉ. पांडे ने आगे बताया कि डिग्री एक ऐसा दस्तावेज है, जिसकी कभी भी आवश्यकता पड़ सकती है, डिग्री दस्तावेज के बिना आपकी पढाई मान्य नहीं होती, शुरु में तो छात्र डिग्री लेकर नहीं जाते बाद में ज़रूरत पड़ने पर अनायास ही परेशान होते हैं, अभी तो कई ऐसी डिग्री भी हैं जो 70 के दशक की हैं। अतः शुरुआत में रोज़ाना कम से कम एक हज़ार डिग्रियाँ यहाँ से पहुँचाने की शुरुआत की गयी है, इसलिए जिन भी छात्रों का पता विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड में है उन छात्रों के पास उनकी डिग्रियाँ जल्द ही पहुँचेंगी।