Deve Gowda: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा के जन्मदिन के अवसर पर जानिए उनकी प्रधानमंत्री बनने की यात्रा
H. D. Deve Gowda: पूर्व प्रधानमंत्री और राज्यसभा सांसद एचडी देवगौड़ा, आज 90 साल के हो गए हैं। देवगौड़ा का जन्म 1933 में कर्नाटक के हासन जिले के होलेनरसीपुरा तालुक के हरदानहल्ली गांव में हुआ था।
Happy Birthday, Devegowda: भारतीय राजनीति के कद्दावर नेता,पूर्व प्रधानमंत्री और राज्यसभा सांसद एचडी देवगौड़ा, आज 90 साल के हो गए हैं। देवगौड़ा का जन्म 1933 में कर्नाटक के हासन जिले के होलेनरसीपुरा तालुक के हरदानहल्ली गांव में हुआ था। उन्होंने मैसूर पॉलीटेक्निक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की डिग्री धारण करने के बाद 1953 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी। यानी यह भी कहा जा सकता है कि देवगौड़ा ने बहुत ही कम उम्र में राजनीति में प्रवेश कर लिया था। वहीं इस दौरान साल 1962 तक वह अंजनेया सहकारी समिति के अध्यक्ष रहे और बाद में तालुक विकास बोर्ड, होलेनारसीपुरा के सदस्य के रूप में रहे।
1962 में, देवेगौड़ा ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और कर्नाटक विधान सभा चुनाव के लिए एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में होलेनरसीपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विधायक बने। बाद में वे लगातार तीन बार उसी निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने गए।
कांग्रेस छोड़ने के बाद देवगौड़ा जनता पार्टी में शामिल हो गए जहां सत्तर के दशक में उन्होंने अपनी साख मजबूत की और बाद में अस्सी के दशक में जनता दल के गठन के समय देवगौड़ा एक जाना-पहचाना चेहरा बन चुके थे। वहीं 1975-77 के बीच तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा इमरजेंसी लगाकर नागरिक अधिकार खत्म करने पर देवगौड़ा विरोध में जेल भी गए।
बाद में देवगौड़ा राज्य स्तर पर दो बार जनता पार्टी के अध्यक्ष और 1994 में राज्य जनता दल के अध्यक्ष बने और उन्हें आठवें कर्नाटक विधानसभा में जनता दल विधायक दल का नेता चुना भी गया। वहीं बाद में 11 दिसंबर 1994 को उन्होंने कर्नाटक के 14 वें मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया।
कांग्रेस और बीजेपी दोनों से ही दूरी बनाकर रखने और तीसरे मोर्चे के उनके नेतृत्व ने उन्हें प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचने में मदद की। 1996 के आम चुनावों में भी कांग्रेस पार्टी हार गई और प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव ने इस्तीफा दे दिया तथा भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने में विफल रही तब देवेगौड़ा ने 30 मई 1996 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर, भारत के 11वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और संयुक्त मोर्चा गठबंधन की सरकार बनाई।
देवगौड़ा फिलहाल जनता दल (सेक्यूलर) के अध्यक्ष हैं, जिसकी स्थापना 1999 में जनता दल के टूटने से हुई थी। देवगौड़ा और उनकी पार्टी लगातार कर्नाटक की राजनीति में सक्रिय रही है।