अगर आपको अक्सर होता है सिर में दर्द: तो आज ही छोड़े इन पांच पदार्थों का सेवन करना, माइग्रेन को करते हैं ट्रिगर

माइग्रेन एक प्रकार का सिर में होने वाला दर्द है जो आप के मस्तिष्क की तंत्रिका में विकार उत्पन्न होने के कारण होता है। माइग्रेन एक प्रकार का सिर दर्द है जो आपके मस्तिष्क को बार-बार टारगेट करता है, तथा आमतौर पर इसका असर आपके सर के एक ही हिस्से पर पड़ता है।

Oct 24, 2021 - 17:48
December 11, 2021 - 23:46
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अगर आपको अक्सर होता है सिर में दर्द: तो आज ही छोड़े इन पांच पदार्थों का सेवन करना, माइग्रेन को करते हैं ट्रिगर
Image source: medanta.org

माइग्रेन एक प्रकार का सिर में होने वाला दर्द है जो आप के मस्तिष्क की तंत्रिका में विकार उत्पन्न होने के कारण होता है। माइग्रेन एक प्रकार का सिर दर्द है जो आपके मस्तिष्क को बार-बार टारगेट करता है, तथा आमतौर पर इसका असर आपके सर के एक ही हिस्से पर पड़ता है। माइग्रेन की समस्या होने पर आपको उल्टी होना ‘जी मचलाना’, मतली होना, ध्वनि तथा प्रकाश के प्रति अचानक आपका संवेदनशील हो जाना आदि लक्षण हो सकते हैं। माइग्रेन का स्ट्रौक आपको कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक पीड़ा दे सकता है।

माइग्रेन- आयुर्वेद के अनुसार खानपान में नियमितता ना होने के कारण वात पित्त और कफ दोषों में बदलाव आने के कारण आपके शरीर में अलग-अलग प्रकार की व्याधियों के लक्षण उत्पन्न होते हैं। सिर में होने वाले दर्द का संबंध ‘वात’के खराब होने से है। लंबे समय तक सिर में दर्द रहने से न्यूरोलॉजी से संबंधित समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है। न्यूरोलॉजी समस्याओं का संबंध आपके मस्तिष्क के साथ-साथ आपके गर्दन और कान से भी होता है। इसलिए ऐसी समस्या होने पर अपने मस्तिष्क का सिटी स्कैन करवाना अति आवश्यक है जिससे बीमारी के असल कारण का जल्द से जल्द पता लगाया जा सके।

माइग्रेन मुख्यता दो प्रकार का होता है, पहला क्लासिक माइग्रेन तथा दूसरा नॉन क्लासिक माइग्रेन।

क्लासिक माइग्रेन के दौरान आपको ऐसे कई प्रकार के लक्षणों का अनुभव होता है, जो आपको पूर्ण संकेत देते हैं कि अब आपको कभी भी माइग्रेन का दौरा पड़ सकता है। जैसे सिर में दर्द होने से पहले आपको स्पष्ट दिखाई ना देना या धुंधला दिखाई देना, कंधे और गर्दन आदि में जकड़न होना तथा दर्द और जलन होना। क्लासिक माइग्रेन होने की अवस्था में व्यक्ति की रक्त धमनिया सिकुड़ने लगती हैं। ऐसी अवस्था में मरीज को तुरंत डॉक्टरी उपचार मिलना अति आवश्यक है।

नॉन क्लासिक माइग्रेन- इसमें सिर्फ सिर दर्द जैसे लक्षण ही नजर आते हैं। उसमें सिर दर्द की शुरुआत के साथ ही दर्द निवारक दवा लेने पर इसमें आराम पहुंचता है। पर जब आपको लंबे समय तक ऐसी समस्या होती रहे तो बिना देर करे अपने डॉक्टर को दिखाएं तथा उनकी सलाह अवश्य लें।

माइग्रेन के लक्षण- आमतौर पर हर एक मनुष्य को कभी ना कभी सिर में दर्द अवश्य होता है। ऐसे में यह निर्धारित करना मुश्किल है कि आपके मस्तिष्क में होने वाला दर्द सामान्य सिर दर्द है या माइग्रेन। माइग्रेन के लक्षणों में ‘ऑरा’ एक मुख्य लक्षण है। ‘ऑरा’ दृष्टि संबंधित एक व्याधि यानी विजुअल डिस्टरबेंस है, जिसमें मरीज को रुक-रुक कर तेज रोशनी, अथवा टेढ़ी-मेढ़ी चमकीली रेखाएं दिखाई देती हैं। अचानक आपका चिड़चिड़ा हो जाना अत्यधिक गुस्सा आना तथा सिर के एक हिस्से में लगातार तेज दर्द होना इसके मुख्य लक्षण हैं। माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिक व्याधि है जिसमें रह-रह कर सिर के एक हिस्से में तेज और चुभने वाला दर्द होता है। जो कई घंटों से लेकर कुछ दिनों तक रह सकता है। इसमें तेज सिर दर्द के साथ साथ गैस, मतली होना, उल्टी आदि समस्याओं के साथ-साथ चमकीली रोशनी तथा तेज ध्वनि से समस्या उत्पन्न होना इसके लक्षण हैं । इन लक्षणों में से एक या उससे अधिक को पहचान कर माइग्रेन का पता लगाया जा सकता है। किंतु ध्यान रखें कि ऐसे लक्षण किसी अन्य बीमारी में भी हो सकते हैं , इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह व जांच के किसी भी प्रकार का उपचार शुरू ना करें।

खाद्य पदार्थ जो करते हैं माइग्रेन को ट्रिगर- जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हर एक खाद्य पदार्थ में अपने कुछ खास गुण होते हैं। जो कई प्रकार की बीमारियों में लाभदायक होते हैं। तथा उसी प्रकार कई खाद्य पदार्थों के सेवन से व्याधियों के दौरान परहेज की सलाह दी जाती है। उसी प्रकार माइग्रेन से ग्रसित लोगों को भी कुछ पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए जिनमें मुख्य हैं-

चॉकलेट- चॉकलेट माइग्रेन के मरीजों के लिए एक ट्रिगर का काम करता है, जिसके सेवन से माइग्रेन के स्ट्रोक आने की संभावना बढ़ जाती है। अमेरिकन माइग्रेन फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित अध्ययन की रिपोर्ट के मुताबिक माइग्रेन से ग्रसित 22% लोगों को चॉकलेट प्रभावित कर सकती है।

कैफीन- कैफीन के अत्यधिक सेवन से भी माइग्रेन का ट्रिगर एक्टिवेट हो सकता है। चॉकलेट, चाय, कॉफी आदि पेय पदार्थों में कैफ़ीन अधिक मात्रा में पाया जाता है। जिसके अधिक सेवन से बचना चाहिए। हालांकी सीमित मात्रा में कैफीन का सेवन करना नुकसानदेह नहीं है।

एल्कोहल- एक अन्य अध्ययन के अनुसार 35% से अधिक मरीजों में एल्कोहल के सेवन से माइग्रेन के स्ट्रोक आने का खतरा बढ़ जाता है।

एस्पार्टेम (शुगर)- मार्केट में बिकने वाले कई प्रोसेस्ड तथा पैकेट फूड कृत्रिम मिठास से बने होते हैं। विशेष रुप से एस्पार्टेम शुगर माइग्रेन का कारण बन सकता है।

एमएसजी युक्त फूड- एसएमजी एक ग्लूटामिक एसिड युक्त सोडियम नमक है जो पैक्ड फूड में योजक के रूप में मौजूद होता है। अमेरिकन माइग्रेन फाउंडेशन के अनुसार एसएमजी से गंभीर माइग्रेन एक्टिवेट हो सकता है।

क्योर मीट- क्योर मीट में नाइट्रेट्स नामक संरक्षक होता है जिसका उपयोग रंग और स्वाद बनाए रखने के लिए किया जाता है। जो डेली मीट, हैम, हॉट डॉग, सॉसेज में पाए जाते हैं। यह खाद्य रक्त में नाइट्रिक ऑक्साइड छोड़ते हैं जिनसे माइग्रेन का खतरा बढ़ जाता है।