K. K. Venugopal: वेणुगोपाल को नए कार्यकाल मिलने की सम्भावना,30 जून को समाप्त होने जा रहा हैं कार्यकाल
K. K. Venugopal:आमतौर पर एक अटॉर्नी जनरल का कार्यकाल तीन साल के लिए निर्धारित होता है। लेकिन उनके अनुरोध को सुनते हुए सरकार ने पिछले साल भी उन्हें एक साल के लिए फिर से पद पर नियुक्त किया था। वह भारत के 15 वें अटॉर्नी जनरल के रूप पद पर आसीन हैं। उन्होंने 30 जून को 2017 को 88 वर्षीय मुकुल रोहतगी के पहले ही कार्यकाल के बाद इस पद के छोड़ने पर पदभार ग्रहण किया था।
सरकार के सूत्रों के हवाले सामने आया है कि वरिष्ठ अधिवक्ता के के वेणुगोपाल(K. K. Venugopal) को भारत के अटॉर्नी जनरल (AG) के रूप में एक और नया कार्यकाल मिल सकने की सम्भावना है। इसको लेकर एक या दो दिन में अंतिम फैसला आ सकता है। वेणुगोपाल पहले से इस पद पर कार्यरत हैं, उनका इस बार का कार्यकाल 30 जून को समाप्त होने जा रहा है। उन्होंने अपनी अधिक उम्र और वरिष्ठता का हवाला देते हुए, 2020 में अपने कार्यकाल में एक साल की वृद्धि के लिए सरकार से पहले भी अनुरोध कर चुके हैं।
आमतौर पर एक अटॉर्नी जनरल का कार्यकाल तीन साल के लिए निर्धारित होता है। लेकिन उनके अनुरोध को सुनते हुए सरकार ने पिछले साल भी उन्हें एक साल के लिए फिर से पद पर नियुक्त किया था। वह भारत के 15 वें अटॉर्नी जनरल के रूप पद पर आसीन हैं। उन्होंने 30 जून को 2017 को 88 वर्षीय मुकुल रोहतगी के पहले ही कार्यकाल के बाद इस पद के छोड़ने पर पदभार ग्रहण किया था।
बता दें कि वेणुगोपाल ने 1996 से लेकर 1997 तक यूनियन इंटरनेशनेल डेस एवोकैट्स (IDA), इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स (UIA) के अध्यक्ष के पद को संभाल चुकें हैं। वह कई 50 सालों में हाई-प्रोफाइल मामलों में पेश हो चुके हैं। उनमे सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें भूटान की शाही सरकार द्वारा भूटान के संविधान के प्रारूपण यानि ड्राफ्टिंग ऑफ़ कंस्टीटूशन के लिए संवैधानिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने मोरारजी देसाई की सरकार में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल का पद भी संभाला था। उनकी कुछ हाई प्रोफाइल मामलों में भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है,जैसे : 2जी स्पेक्ट्रम मामले में सुप्रीम कोर्ट की सहायता के लिए वेणुगोपाल को बतौर न्यायिक मित्र नियुक्त किया गया था। वह बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की ओर से भी पेश हुए थे।