पीएम मोदी का देश के नाम संबोधन: बोले ढाल मजबूत पर युद्ध भी जारी है- आइए जानते हैं क्या रहा पीएम मोदी के संबोधन में खास।

भारत में कोरोना वैक्सीन के 100 करोड़ टीके का लक्ष्य पूरा होने के उपलक्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन जारी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 100 करोड़ वैक्सीनेशन डोज महज एक आंकड़ा नहीं है, यह भारत के इतिहास में एक नया अध्याय है, जो भारत के सामर्थ्य को दर्शाता है।

Oct 22, 2021 - 18:07
December 11, 2021 - 23:48
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पीएम मोदी का देश के नाम संबोधन: बोले ढाल मजबूत पर युद्ध भी जारी है- आइए जानते हैं क्या रहा पीएम मोदी के संबोधन में खास।
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भारत में कोरोना वैक्सीन के 100 करोड़ टीके का लक्ष्य पूरा होने के उपलक्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन जारी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 100 करोड़ वैक्सीनेशन डोज महज एक आंकड़ा नहीं है, यह भारत के इतिहास में एक नया अध्याय है, जो भारत के सामर्थ्य को दर्शाता है। 

प्रधानमंत्री ने कहा दुनिया हमें देख रही है: 
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा आज विश्व में भारत के इस वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तुलना बड़े सामर्थ्य देशों के साथ हो रही है। भारत ने जिस तेजी से एक अरब के इस आंकड़े को छुआ है उसकी काफी सराहना भी हो रही है। लेकिन इस विश्लेषण में एक चर्चा और होनी चाहिए जो हमसे छूट रही है, कि हमने इसकी शुरुआत कहां से की।

अब भारत वैक्सीन के लिए किसी अन्य पर निर्भर नहीं:
 पहले भारत को टीके के लिए उन देशों पर निर्भर होना पड़ता था जो वैक्सीन पर रिसर्च करने में निपुण थे। लेकिन अब हमने यह साबित कर दिया है कि अब भारत टीके के मामले में भी आत्मनिर्भर बन रहा है।

महामारी के दौर में उठ रहे थे सवाल: 
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहां जब इस सदी की सबसे बड़ी महामारी आई, तो भारत पर सवाल उठने लगे, क्या भारत के पास इस वैश्विक महामारी से लड़ने की क्षमता है? भारत वैक्सीन खरीदने के लिए इतना पैसा लाएगा कहां से? भारत को वैक्सीन कब मिलेगी? भारत अपने लोगों को वैक्सीन कैसे लगाएगा? सबको लगा पाएगा भी या नहीं? क्या भारत इतने बड़े स्तर पर टीका लगा पाएगा जिससे महामारी को फैलने से रोका जा सके? कई सवाल थे, लेकिन यह 100 करोड़ डोज जो भारत लगाने में कामयाब हुआ है यह हर सवाल का जवाब है।

आम हो या खास सबको लगी समान वैक्सीन:
 हमने यह सुनिश्चित किया कि वैक्सीनेशन अभियान पर वीआईपी कल्चर हावी ना हो। हमने सभी को एक साथ ले देश में ‘सबको वैक्सीन मुफ्त वैक्सीन’ का अभियान शुरू किया। हमने यह सुनिश्चित किया जब बीमारी अमीर गरीब, गांव, शहर दूर-सुदूर किसी में भेदभाव नहीं करती तो वैक्सीनेशन में भेदभाव क्यों हो।

100 करोड़ डोज लगाकर रचा इतिहास:
 भारत ने अपनी जनता में एक बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन अभियान चलाया वह भी एक दम मुफ्त। 100 करोड़ डोज यह वह आंकड़ा है जिससे हम कह सकते हैं कि अब भारत काफी हद तक इस महामारी से सुरक्षित है।

ताली-थाली बजाने पर उठे सवाल: 
पीएम मोदी ने कहा हमने महामारी के खिलाफ इस लड़ाई को जनभागीदारी में बदला, देश ने अपनी एकजुटता दिखाने के लिए तथा कोरोना वॉरियर्स का उत्साहवर्धन करने के लिए ताली-थाली बजाई एवं दीए जलाए। तब कुछ लोग यह सवाल उठा रहे थे क्या इससे बीमारी भाग जाएगी? लेकिन हम सबको उसमें देश की शक्ति देश की एकता देखी, तथा इस सम्मान से अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं ने अपने आप को गौरवान्वित महसूस किया।

100 करोड़ डोज एक विश्वास: 
प्रधानमंत्री ने कहा पिछले साल दिवाली पर हर किसी के मन में एक डर और तनाव था। लेकिन इस दिवाली लोगों में विश्वास है, सुरक्षा का भाव है जिसे इस रिकॉर्ड स्तर वैक्सीनेशन अभियान ने सुनिश्चित किया है। पीएम मोदी ने लोकल फॉर वोकल का संदेश देते हुए कहा कि अगर मेरे देश की वैक्सीन मुझे सुरक्षा दे सकती है तो मेरे देश में बना सामान हमारी दिवाली को और भव्य बना सकता है।

कोरोना काल में किसानों ने संभाला: 
पीएम मोदी ने अपने संबोधन  में किसानों को याद करते हुए कहा, कि जब इस महामारी के दौर में सब कुछ ठप पड़ गया था, उस समय भी हमारे किसान दिन-रात अपने खेतों में डटे रहे। कोरोना काल में किसानों ने कृषि के माध्यम से हमारी अर्थव्यवस्था को संभाले रखा। आज रिकॉर्ड लेवल पर अनाज की खरीद हो रही है। किसानों के खाते में पैसे अब सीधे जा रहे हैं। कोरोना वैक्सीन के बढ़ते हुए स्तर के साथ हर क्षेत्र में सकारात्मकता बढ़ रही है।