Kanhaiya Lal Murder Case: कन्हैया लाल हत्या मामले की अब एनआईए करेगी जांच, मामला किया दर्ज
Kanhaiya Lal Murder: केंद्रीय गृह मंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया, “एमएचए ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को कल राजस्थान के उदयपुर में श्री कन्हैया लाल तेली की नृशंस हत्या की जांच करने का निर्देश दिया है। किसी भी संगठन और अंतरराष्ट्रीय लिंक की संलिप्तता की पूरी जांच की जाएगी।"
दर्जी कन्हैया लाल तेली की हत्या के मामले में आतंकी एंगल का पता लगाने के लिए राजस्थान के उदयपुर में एनआईए की एक टीम भेजने के एक दिन बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने बुधवार को एजेंसी को इस मामले की जांच का निर्देश दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया, “एमएचए ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को कल राजस्थान के उदयपुर में श्री कन्हैया लाल तेली की नृशंस हत्या की जांच करने का निर्देश दिया है। किसी भी संगठन और अंतरराष्ट्रीय लिंक की संलिप्तता की पूरी जांच की जाएगी।"
इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हत्या की जांच को अपने हाथ में ले ली है और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामले को दर्ज किया है। एनआईए के एक प्रवक्ता के अनुसार, "एनआईए ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 452, 302, 153 (ए), 153 (बी), 295 (ए) और 34 और यूए (पी) अधिनियम, 1967 की धारा 16, 18 और 20 के तहत मामला फिर से दर्ज किया है।" मामले को शुरू में उदयपुर के धनमंडी थाने में दर्ज किया गया था।
वीडियो डालकर नफरत फैलाने की कोशिश
कन्हैया लाल की एक दिन पहले दिन दहाड़े उनकी दुकान के अंदर दो लोगों ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी। घटना उदयपुर के मालदास इलाके की है। अपराध करने के तुरंत बाद, दोनों आरोपियों ने सोशल मीडिया पर "सिर काटने" की एक वीडियो पोस्ट की है। एक अन्य वीडियो में हमलावरों ने खुद की पहचान मोहम्मद रियाज और ग़ौस मोहम्मद के रूप में की, जिन्होंने "सिर काटने" का दावा किया और पीएम मोदी और नूपुर शर्मा को जान से मारने की धमकी भी दी। हालांकि पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए घटना के कुछ ही घंटों के भीतर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
मुस्लिम संगठनों ने की हत्या की निंदा
इसी बीच, प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने कन्हैया लाल की हत्या की निंदा करते हुए इसे "गैर-इस्लामी" बताया, और कहा कि किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसी संस्थाओं ने भी हत्या की निंदा करते हुए बयान जारी किए है।