Kirron Kher Birthday Special: 70 साल की हुई किरण खेर, जानिए उनकी अनुपम के साथ दोस्ती और राजनीतिक सफर के बारे में
Kirron Kher: किरण खेर बीते कई सालों से सामाजिक कार्य करती आ रही है,साथ ही उन्होंने कई समाज सुधारक अभियान भी चलाए, जैसे भ्रूण हत्या के खिलाफ ‘लाडली’ अभियान में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। आगे साल 2009 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली।
मुंबई। अनुपम खेर और किरण खेर ने 1985 में शादी कर ली थी। किरण की पहली शादी गौतम बेरी से हुई थी जो एक बिजनेसमेन थे। किरण की पहली शादी से उन्हें एक बेटा है जिसका नाम सिकंदर खेर है। साल 2013 के एक साक्षात्कार में फर्स्ट पोस्ट के साथ किरण की हुई बातचीत में किरण ने अनुपम के साथ अपनी दोस्ती के बारे में बात की जब वे चंडीगढ़ में थे। किरण ने कहा, “हम दोनों चंडीगढ़ में थिएटर में थे और हम सबसे अच्छे दोस्त थे। ऐसा कुछ भी नहीं था जो वह मेरे बारे में नहीं जानते थे, और मैं भी उनके बारे में सब कुछ जानती थी, यहाँ तक कि यह भी कि वह किस लड़की को पटाने की योजना बना रहे होते थे। यह मजेदार था और हमने साथ में अच्छा काम भी किया। लेकिन दोस्ती से बढ़कर कोई और आकर्षण नहीं था।"
वहीं जब किरण से उनकी अलग-अलग पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "हां, वे बहुत अलग थे। मैं जमींदार वर्ग से आती थी। हम बड़े जमींदार थे, मेरे पिता सेना में थे जबकि चाचा प्रशासनिक और विदेशी सेवाओं में थे।वहीं मैंने और मेरी बहन ने प्रकाश पादुकोण और उनके साथियों के साथ भारत के लिए बैडमिंटन खेला और मेरी बहन अर्जुन पुरस्कार विजेता भी थी। मैं स्कूल और कॉलेज में एक ऑल राउंडर थी। वहीं अनुपम एक बहुत ही खुशहाल परिवार से आए थे, उसके पिता शिमला में वन विभाग में एक क्लर्क थे, लेकिन वह छुट्टियों के दौरान श्रीनगर ही जाते थे, जहाँ उनका बाकी कश्मीरी पंडित परिवार रहता था। अनुपम के माता-पिता बहुत मज़ेदार और प्यारे लोग थे।"
किरण का राजनीतिक सफर
किरण खेर बीते कई सालों से सामाजिक कार्य करती आ रही है,साथ ही उन्होंने कई समाज सुधारक अभियान भी चलाए, जैसे भ्रूण हत्या के खिलाफ ‘लाडली’ अभियान में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। आगे साल 2009 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली। बीजेपी के लिए वो स्टार प्रचारक भी रही हैं तथा देश भर में उन्होंने घूम घूम कर पार्टी का प्रचार किया है। साल 2011 में चंडीगढ़ में हुए नगर निगम चुनाव में उन्होंने पार्टी के लिए अहम रोल निभाया। किरण अन्ना हजारे के चलाए हुए आंदोलन से भी जुड़ी थीं। वहीं अन्ना हजारे के आंदोलन से कुछ लोगों ने अलग होकर आम आदमी पार्टी (AAP) बनाने का फैसला किया, जिसको लेकर किरण ने काफी विरोध जताया। भाजपा के नेतृत्व में किरण ने चंडीगढ़ लोकसभा सीट से साल 2014 में सांसद का चुनाव लड़ा। जिसमें उन्होंने जीत हासिल की और साल 2019 में उन्होंने इस सीट पर पुनः कब्जा कर लिया।