Mig 21 Crash, Rajasthan: मिग -21 की उड़ान पर लगी रोक, हनुमानगढ़ दुर्घटना के कारणों की जांच तक रहेगा प्रभावी

Mig 21 Crash, Rajasthan News:सूरतगढ़ में 8 मई को मिग -21 विमान से तीन लोगों की मौत हो गई थी। राजस्थान के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त हुआ फाइटर जेट एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था जब यह घटना घटी। पायलट को मामूली चोटें आईं, जिसके बाद दुर्घटना के सही कारण की जांच के लिए जांच शुरू की गई।

May 22, 2023 - 21:44
May 23, 2023 - 14:21
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Mig 21 Crash, Rajasthan: मिग -21 की उड़ान पर लगी रोक, हनुमानगढ़ दुर्घटना के कारणों की जांच तक रहेगा प्रभावी
Mig-21 लड़ाकू विमान दुर्घटनास्थल

Mig 21 Crash, Rajasthan: राजस्थान और सूरतगढ़ में हो रहे हादसों के बाद वायुसेना ने मिग -21 के उड़ाए जाने पर रोक लगा दी है। यह रोक फिलहाल तब तक रहेगी जब तक राजस्थान में हुई दुघर्टना की पुरी तरह जांच नहीं हो जाती।अब तक सिर्फ तीन मिग-21 ही संचालन में रह गये है। इन्हें 2025 की चरण प्रकिया तक हटाया जाना है।

सूरतगढ़ और राजस्थान हादसे 

सूरतगढ़ में 8 मई को मिग -21 विमान से तीन लोगों की मौत हो गई थी। राजस्थान के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त हुआ फाइटर जेट एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था जब यह घटना घटी। पायलट को मामूली चोटें आईं, जिसके बाद दुर्घटना के सही कारण की जांच के लिए जांच शुरू की गई।

परिवार को शव उठाने से किया इनकार

घटनास्थल पर परिवार के लोगों को शव उठाने से किया इन्कार तो परिवार ने विरोध करते हुए लिखित मुआवजे की है परिवार का कहना है कि वादा करते हैं अधिकारी फिर निकल जाते हैं दुसरी तरफ प्रशासन का कहना है कि जब तक मुआवजा का लिखित में भरोसा नहीं मिलता, शव को नहीं उठाने देंगे

मिग -21 क्या है?

मिग- 21 वायुसेना के लड़ाकू विमानों के दस्ते में 1960 मे शामिल किया गया था। इनका इस्तेमाल कारगिल अभियान में भी हुआ था। अन्य देशों में भी मिग -21 का उपयोग किया गया है। रुस देश में इन विमानों को बहुत उपयोग किया गया है लेकिन धीरे-धीरे ये विमान पुराने होते गए इनका रखरखाव मुश्किल होने लगा, जिसके चलते वायुसेना से इन्हें हटाने का निदेश मिला ।

मिग -21 की उड़ानों पर क्यू लगाई गई रोक

मिग- 21 विमान ने 8 मई को सूरतगढ़ से उड़ान भरी थी। उसके बाद तकनीकी खराबी के कारण पायलट पैराशूट के जरिये सुरक्षित निकल आया। विमन हनुमानगढ़ में एक बस्ती में गिर गई थी जिसके कारण तीन नागरिकों की मौत हो गई थी।

1960 के दशक में MIG -21 को मिली थी एंट्री 

मिग -21 को 1960 के दशक में एंट्री मिली थी। इसके 800 संस्करण सेवाएं में रहे हैं। हालांकि कई हादसों की वजह से विमान के संचालन पर प्रश्र उठने लगे हैं। इसे देखते हुए एक नई रणनीति पर काम किया जा रहा है। एलसीए मार्क 1ए और एलसीए मार्क 2 स्वदेशी विमानों को शामिल करने की रणनीति बनाई जा रही है।