Neet exam 2021: पैटर्न बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया सख्त आदेश।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा: मेडिकल एजुकेशन को कई लोगों ने एक व्यवसाय बना दिया है। प्राईवेट संस्थानों को बस सीटें भरने की जल्दबाजी है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश एग्जाम सुपर स्पेशियलिटी को लेकर एक सख्त फैसला सुनाया और लास्ट टाइम एग्जाम पैटर्न को बदलने को लेकर नाराजगी जताई, कहा: देश में मेडिकल परीक्षा को कुछ लोगों ने व्यवसाय बना दिया है, ऐसा लगता है पैटर्न बदलने की जल्दबाजी सीटों को भरने के लिए है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड पर कई सवाल किए।
अदालत ने कहा,“ आपको किस बात की जल्दबाजी है की आप पैटर्न बदलाव को अगले सत्र से लागू नहीं कर सकते? आप नवंबर में होने वाली परीक्षा के पैटर्न को अगस्त में बदलते हैं और वहीं जब छात्र कोर्ट आए तो परीक्षा जनवरी में कर दी। पहले 60% प्रश्न सुपर स्पेशलिटी और 40% फीडर श्रेणी से आते थे, और अब आपने 100% प्रश्न सामान्य परीक्षा की फीडर श्रेणी से कर दिए है। जो डॉक्टर्स पुराने पैटर्न से तैयारी कर चुके है उनके लिए नए तरीके से तैयारी कैसे संभव है? अदालती कार्रवाई बुधवार को भी जारी रहेगी।
परीक्षा पैटर्न में बदलाव को लेकर 41 पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर्स ने अदालत में लगाई गुहार:
41 पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर्स ने कोर्ट में परीक्षा पैटर्न के बदलाव को लेकर चुनौती दी। इस पर बोर्ड और आयोग ने कोर्ट को कहा कि छात्रों को सहूलियत के लिए नवंबर में होने वाली परीक्षा को जनवरी में तय किया गया । अदालती सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा: सीट कभी सरकारी कॉलेज में खाली नहीं होती, सीटें हमेशा प्राईवेट कॉलेज में खाली होती हैं। परीक्षा पैटर्न में बदलाव को लेकर विचार अगले वर्ष होना चाहिए, वरना हम इसमें सख्त निर्णय लेंगे।
पैटर्न चेंज करने को लेकर अगले साल करेंगे अपील: बोर्ड
वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा,“हम परीक्षा पैटर्न में बदलाव प्राईवेट कॉलेज की सीट भरने के लिए नही कर रहे। हम सरकार से ये धारणा दूर करने की अपील करते हैं और नए परीक्षा पैटर्न को अगले साल से लागू करने का अनुरोध करेंगे।“
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