नान घोटाला फिर चर्चा में, प्रदेश सरकार पर गिरेगी गाज
छत्तीसगढ़ के इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में शुमार नान घोटाला फिर हवा पकड़ रहा है, जिस नान घोटाले का अलाप लगाकर कांग्रेस सत्ता में आई अब वही कांग्रेस के गले का सांप बन चुका है।
छत्तीसगढ़ के इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में शुमार नान घोटाला फिर हवा पकड़ रहा है, जिस नान घोटाले का अलाप लगाकर कांग्रेस सत्ता में आई अब वही कांग्रेस के गले का सांप बन चुका है।
नान घोटाला क्या है?
नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार की हदें लांघते हुए राइस मिलों में लाखों क्विंटल घटिया चावल लिया और करोड़ों की रिश्वतखोरी की, साथ ही ट्रांसपोर्टेशन में भी भारी घोटाला किया गया और तो और जिस नमक के लिए गांधी जी ने दांडी मार्च किया था उस नमक आपूर्ति तक में भ्रष्टाचार किया गया। इसमें आरंभिक तौर पर 27 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज कराए गए थे जो बाद में 2 आईएएस अधिकारियों आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा के आने से 29 हो गए। 12 फरवरी 2015 को ओडब्ल्यू और भ्रष्टाचार निवारक ब्यूरो ने 28 स्थानों पर छापा मारकर करोड़ों रुपए,हार्ड डिस्क और डायरी प्राप्त की थी।
राजनीतिक पृष्टभूमि:
एक और जहां कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने दावा किया था कि इसमें सरकार पूर्ण रूप से लिप्त है सीएम मैडम से डॉक्टर रमन सिंह तक का नाम डायरी में था जिसके साथ छेड़खानी की गई ,और 107 पन्नों की डायरी को केवल 6 पन्नों तक रखा गया। इसी के साथ उन्होंने दोनों आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा था। जबकि डॉ रमन सिंह द्वारा एक हलफनामे में कहा गया था कि ऐसा कोई घोटाला हुआ ही नहीं है। 15 वर्षों बाद हुए सत्ता परिवर्तन में नान घोटाले ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी के दम पर कांग्रेस ने पुनः सत्ता स्थापित की ।
वर्तमान प्रकाश के कारण:
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह सरकार द्वारा बनाई गई ट्रांसपोर्ट कानून अधिकारी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आईएएस अधिकारियों के खिलाफ मामले को कमजोर किया और नान घोटाले की निष्पक्ष जांच नहीं होने दी। इस बयान के बाद इस घोटाले ने पुनः आग पकड़ ली। आरोपों का दौर पुनः शुरू हो गया है जहां एक और भारतीय जनता पार्टी इसे जनता के साथ धोखा बता रही है, वहीं कांग्रेस इसका ठीकरा बीजेपी पर फोड़ रही है ,जबकि कम्युनिस्टों का मानना है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों आपस में साठ-गांठ से काम करने वाले दल हैं और इन्हें जनता की कोई परवाह नहीं है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या पुनः यह नान घोटाला सत्ता परिवर्तन तक जाएगा या कांग्रेस इसे सुलझा पाएगी।
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