पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के पीछे है पाकिस्तानी आर्मी का हाथ? जाने क्या है पूरा मामला

कई दिनों से पाकिस्तान की दक्षिणपंथी पार्टी ‘तहरीर-ए-लबेक पाकिस्तान’(टीएलपी), पाकिस्तानी सरकार के प्रधानमंत्री ‘इमरान खान’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है।

Oct 30, 2021 - 21:34
January 5, 2022 - 12:13
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पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के पीछे है पाकिस्तानी आर्मी का हाथ? जाने क्या है पूरा मामला
Image News: aninews.in

कई दिनों से पाकिस्तान की दक्षिणपंथी पार्टी ‘तहरीर-ए-लबेक पाकिस्तान’(टीएलपी), पाकिस्तानी सरकार के प्रधानमंत्री ‘इमरान खान’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है। सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार ‘तहरीर-ए-लबेक पाकिस्तान’, तथा इमरान खान सरकार के बीच चल रहे इस विवाद में पाकिस्तानी आर्मी आग में घी डालने का काम कर रही है। बता दें कि पाकिस्तान सरकार ने ‘तहरीर-ए-लबेक पाकिस्तान’ पर प्रतिबंध लगा रखा है।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी से पता चला है कि पाकिस्तानी फौज चाहती है यह विरोध प्रदर्शन चलते रहें, जिससे इमरान सरकार को कमजोर किया जा सके। सूत्रों के अनुसार लेफ्टिनेंट जनरल ‘नदीम अंजुम’ की ‘आईएसआई’ के चीफ के पद पर नियुक्ति में देरी से, पाकिस्तानी फौज के चीफ ‘कमर जावेद बाजवा’ इमरान सरकार से नाराज हैं।

‘टीएलपी’ के विरोध करने का कारण:

‘तहरीर-ए-लबेक पाकिस्तान’ पार्टी अपने नेता साद रिजवी को गिरफ्तार किए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है। साद को पिछले साल उस समय गिरफ्तार किया गया था जब पाकिस्तानी प्रशासन द्वारा उनकी पार्टी ‘तहरीर-ए-लबेक पाकिस्तान’ पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। टीएलपी के प्रदर्शन की एक अन्य वजह पाकिस्तान से फ्रांसीसी दूतावास को निष्कासित कराना भी है। बता दें कि टीएलपी के ही नेतृत्व में इस साल के शुरुआत में ही फ्रांस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिसके बाद फ्रांस सरकार द्वारा फ्रांसीसी नागरिकों को पाकिस्तान छोड़ने की चेतावनी दी गई थी।

टीएलपी द्वारा किया गया हिंसक प्रदर्शन:

बीते बुधवार को ‘तहरीर-ए-लबेक पाकिस्तान’ द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन में इसके समर्थकों द्वारा गोलियां भी चलाई गई थी, जिससे तीन पाकिस्तानी पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी तथा 260 अन्य लोग घायल हो गए। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि पाकिस्तानी फौज तथा नेता प्रतिपक्ष शाहबाज शरीफ के दरमियां इस मामले पर बातचीत चल रही है। सूत्रों से यह भी पता चला है कि पाकिस्तानी आर्मी द्वारा इस बात से भी इनकार नहीं किया गया है कि अगर यह प्रदर्शन इसी प्रकार बदस्तूर चलते रहे तो इमरान खान के रिप्लेसमेंट के तौर पर शाहबाज शरीफ भी उनकी जगह ले सकते हैं।

सरकार की ‘टीएलपी’ से नहीं बनी बात: 

इस बीच पाकिस्तान इमरान सरकार तथा ‘तहरीर-ए-लबेक पाकिस्तान’ के बीच हुई सभी प्रकार की बातचीत बेबुनियाद रही। इसका नतीजा यह रहा कि पाकिस्तान सरकार द्वारा राजधानी में प्रदर्शनकारियों को घुसने से रोकने के लिए पूरी राजधानी को कंटेनर्स के जरिए ब्लॉक कर दिया गया है। बताया जा रहा है इमरान सरकार ने ‘तहरीर-ए-लबेक पाकिस्तान’ को सिर्फ प्रतिबंधित ही नहीं किया था बल्कि उसे एक आतंकवादी संगठन के रूप में भी घोषित कर दिया था। साथ ही बताया जा रहा है कि इमरान सरकार द्वारा इस का नोटिस पाकिस्तान में जारी नहीं किया था बल्कि इसे केवल फाइनेंशियल टास्क फोर्स को भेजा गया था, तथा उसे जानकारी दी गई थी कि इसे एक आतंकी संगठन घोषित किया गया है। टीएलपी चाहती है कि उसका नाम इस लिस्ट से हटाकर देश की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी के रूप में घोषित किया जाए।