Army Day क्यों मनाया जाता है? जानें इस दिन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
ग्लोबल फायरपावर ने दुनिया की शक्तिशाली सेनाओं की लिस्ट जारी कर दी है। इस सूची में 133 देशों की सेनाओं को शामिल किया गया था जिसमें भारतीय सेना चौथे स्थान पर है।
भारतीय थल सेना (Indian Army) के लिए आज का दिन यानी 15 जनवरी बेहद खास है। क्योंकि आज ही के दिन फील्ड मार्शल केएम करियप्पा (Field Marshal KM Cariappa) ने आजादी के 2 साल बाद 1949 में ब्रिटिश जनरल फ्रांसिस बुचर (General Sir Francis Butcher) से भारतीय सेना की पूरी कमान ले ली थी। सेना की कमान वापस लेने के बाद फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ बने थे। केएम करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार संभालने के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष यह दिन 'आर्मी डे' (Army day)के रूप में मनाया जाता है।
15 जनवरी को ही क्यों मनाते है Army day
हमारे देश को आजादी 1947 को मिल गई थी, लेकिन आजादी के बाद भी भारतीय सेना का अध्यक्ष ब्रिटिश मूल का ही होता था। आजादी के करीब 2 साल बाद 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश कमांडर इन चीफ ने भारतीय सेना की कमान भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल के एम. करियप्पा को सौंपी थी। इस तरह केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे। 15 जनवरी का दिन भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है। इसलिए हर साल 15 जनवरी को भारत में भारतीय सेना दिवस (Army day) फील्ड मार्शल केएम करियप्पा की याद के तौर पर मनाया जाता है।
भारतीय सेना दिवस पर ट्विटर ने भरा जोश
Army day के मौके पर भारतीय थल सेना का मनोबल बढ़ाते हुए, तमाम हस्तियों के अलावा प्रधानमंत्री ने भी ट्विटर पर लिखा कि ''भारतीय सेना के जवान प्रतिकूल इलाकों में सेवा करते हैं और प्राकृतिक आपदाओं सहित मानवीय संकट के दौरान साथी नागरिकों की मदद करने में सबसे आगे हैं। भारत को विदेशों में भी शांति अभियानों में सेना के शानदार योगदान पर गर्व है।''
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आज के दिन देश भर में 74वां आर्मी दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन भारतीय थल सेना द्वारा राजधानी दिल्ली और सभी सेना मुख्यालयों पर सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।
1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने किया भारतीय आर्मी का गठन
भारतीय आर्मी की शुरुआत साल 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया था। साल 1947 में जब देश आजाद हुआ था, तब भी भारतीय सेना का अध्यक्ष ब्रिटिश मूल का ही था। देश के आजाद होने के करीब 2 साल बाद 15 जनवरी 1949 को आजाद भारत के आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ ने भारतीय सेना की कमान भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा को सौंपी थी। इसके पश्चात ही करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सैन्य कमांडर बने थे। यह घटना भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक थी। इसलिए 15 जनवरी को हर साल भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इन सब बातों के अलावा भारतीय सेना दिवस (Army day) को मनाने का उद्देश्य उन सभी शहीदों को सम्मान देना भी है। जिन्होंने देश की सुरक्षा में अपने प्राण त्याग दिए और उन सैनिकों को भी सम्मान करना है जो देश की सेवा में लगे हुए हैं।
केएम करियप्पा कौन थे
केएम करियप्पा का जन्म साल 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में हुआ था। करियप्पा महज 20 वर्ष की उम्र में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी शुरू की थी। इसके बाद केएम करियप्पा को दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बर्मा में जापानियों को शिकस्त देने के लिए उन्हें ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर के सम्मान से सम्मानित किया गया था। उसके पश्चात भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर करिअप्पा ने सेना का नेतृत्व किया था।
दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना है भारतीय सेना
ग्लोबल फायरपावर ने दुनिया की शक्तिशाली सेनाओं की लिस्ट जारी कर दी है। इस सूची में 133 देशों की सेनाओं को शामिल किया गया था जिसमें भारतीय सेना चौथे स्थान पर है। ग्लोबल फायरपावर की सूची में दुनिया की शक्तिशाली सेनाओं में अमेरिका की सेना को बताया गया है, जबकि रूस को दूसरे स्थान पर और चीन को तीसरे स्थान पर जगह मिला हैं। तो वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान को इस सूची में दसवें स्थान पर रखा गया है।
ग्लोबल फायरपावर ने दुनिया की शक्तिशाली सेनाओं की सूची देश की बजट, सक्रिय व असक्रिय सैन्य कर्मियों की संख्या, वायु, समुद्र, जमीनी, परमाणु संसाधन, औसत वेतन व उपकरणों की संख्या समेत विभिन्न तथ्यों पर विचार करने के बाद ‘सैन्य ताकत सूचकांक’ तैयार किया गया है।