Rajasthan University: अंग्रेजी शासनकाल में स्थापित होने वाला देश का आखिरी विश्वविद्यालय
राजस्थान विश्वविद्यालय, जिसकी शुरूआत आजादी के समय से कुछ महीने पहले यानी अंग्रेजी शासनकाल में आखिरी विश्वविद्यालय के रूप में हुई थी। इस विश्वविद्यालय की स्थापना आज ही के दिन यानी 8 जनवरी 1947 को हुई थी। आज यह विश्वविद्यालय 75 सालों का सफ़र पूरा कर चुका है।
पहले राजपूताना के नाम से जाना जाता था ‘राजस्थान विश्वविद्यालय’
आजादी के पूर्व स्थापित इस विश्वविद्यालय का नाम राजपूताना विश्वविद्यालय था। परंतु आजादी के बाद साल 1956 में इसका नाम बदलकर राजस्थान विश्वविद्यालय रख दिया गया था। आज भी इसे राजस्थान विश्वविद्यालय नाम से ही जाना जाता है। बता दें कि आजादी से पहले जयपुर सूबे के प्रधानमंत्री मिर्जा और उनके उत्तराधिकारी कृष्णामाचार्य ने विश्वविद्यालय को 300 एकड़ जमीन दान में दी थी।
राजस्थान विश्वविद्यालय में 75 सालों में हुए बदलाव
75 साल पहले राजस्थान विश्वविद्यालय की शुरुआत केवल 22 कॉलेज और 2.50 लाख रूपए की लागत से हुई थी। आज वर्तमान में इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत 498 कॉलेज हैं और इस विश्वविद्यालय का वर्तमान बजट 440 करोड़ रुपए है।
विश्व विद्यालय के पास फिलहाल 19 छात्रावास, कुलपति सचिवालय, विज्ञान भवन, प्रशासनिक भवन सहित 30 भवन हैं। परंतु बीतते समय के साथ इस विश्वविद्यालय का क्षेत्राधिकार कम हुआ है।
कभी टॉप 5 में शामिल था राजस्थान विश्वविद्यालय
इस बारे में प्रोफेसर एलएस राठौर का कहना है कि “मैंने 250 विश्वविद्यालय देखे , पर यहां जैसा एलुमिनाई कहीं नहीं। मेरे सेवा काल यूनिवर्सिटी में 16 कुलपतियों का कार्यालय रहा। एक समय था जब इसकी गिनती देश के टॉप विश्वविद्यालयों में होती थी। यहां करीब 1100 शिक्षक होते थे। लेकिन आज यूनिवर्सिटी का क्षेत्राधिकार सिर्फ जयपुर और दौसा तक ही सीमित है।“
नायाब अभिनेता से लेकर सफल राजनेता तक का गढ़ रहा है विश्वविद्यालय
इरफान खान - फिल्मी दुनिया का एक बड़ा नाम जिन्होंने, फिल्म जगत में कई सुपरहिट फिल्में दी हैं। जैसे- अंग्रेजी मीडियम, पिंकू, मदारी, मकबूल इत्यादि।
भैरोसिंह शेखावत - शेखावत का जन्म स्थान राजस्थान है और शेखावत राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। बता दें कि शेखावत देश के 11वें उप राष्ट्रपति और तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। शेखावत का मुख्यमंत्री कार्यकाल 1977- 1980, 1990 - 1992, और 1993 - 1988 रहा है।
मयंक प्रताप सिंह - मयंक प्रताप भारत के सबसे कम उम्र के न्यायाधीश हैं। प्रताप ने राजस्थान विश्वविद्यालय से LLB में पढ़ाई की थी। वहीं मयंक ने 2018 में राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा में टॉप किया था। इसी प्रकार राजस्थान विश्वविद्यालय ने अनेक हस्तियां देश को दी हैं, जो आज भी देश- विदेशों में उच्च पदों पर हैं।
विश्वविद्यालय के कुलपति राजीव जैन विश्वविद्यालय के बारे में बताते हुए कहते हैं कि विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवमयी है। विश्वविद्यालय दिनों-दिन प्रगति पथ पर अग्रसर है। कोरोनाकाल में भी हमने समय पर पढ़ाई, परीक्षा और परिणाम जारी किए। अभी हम नैक और एनआईआरएफ में अच्छी ग्रेडिंग का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए प्रोफेसर पद पर पदोन्नतियां की। और 2018 की भर्तियों की पेचीदगी दूर कर चयनितों का कंफर्मेशन किया। विश्वविद्यालय में आधुनिक लाइब्रेरी, संविधान पार्क और अंबेडकर की मूर्ति बनकर तैयार है। इनका जल्द ही उद्घाटन होगा।