चीन ने दी तीन बच्चे पैदा करने की मंजूरी, जानिए क्या है चीन का जनसंख्या संकट?

‘चाइना स्टैटिस्टिकल ईयरबुक 2021’ के आंकड़ों अनुसार 2020 में चीन की जन्म दर प्रति 1,000 लोगों पर 8.52 दर्ज की गई हैं , जो 43 वर्षों में सबसे कम है। विश्व में सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश, चीन में यह समस्या कैसे उत्पन्न हुई और सरकार इसे कैसे दूर करेगी?

January 8, 2022 - 21:59
January 8, 2022 - 22:24
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चीन ने दी तीन बच्चे पैदा करने की मंजूरी, जानिए क्या है चीन का जनसंख्या संकट?
population-crisis-in-China- प्रतीकात्मक फोटो: gettyimages

चीन की सरकार जनसांख्यिकीय संकट को दूर करने के लिए संघर्ष कर रही है। चीन की सरकार बच्चों की जन्म दर को बढ़ाने की कोशिश कर रही है, इसके बावजूद भी चीन में जन्म दर का आंकड़ा नीचे जा रहा है। बता दें कि चीन ने अपने यहां साल 1979 में एक नीति का निर्माण किया था, जिसके तहत “एक बच्चे की नीति ( ONE CHILD POLICY ) “ अर्थात 1 बच्चा पैदा करने की अनुमति को मंजूरी दी गई थी। यह नीति लाए जाने के पीछे की मुख्य वज़ह, जनसंख्या वृद्धि को रोकना थी। हालांकि बाद में इस नीति को दरकिनार करते हुए, लोगों को इस नीति से मुक्त कर दिया गया।

बता दें कि  साल 2015 में सरकार द्वारा वन चाइल्ड पॉलिसी को खत्म करते हुए, विवाहितों को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी गई थी, परंतु यह सुधार भी देश में जन्म दर को बढ़ाने में कुछ ख़ास भागीदारी नहीं निभा पाया। जिसके बाद सरकार द्वारा जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति दी गई, लेकिन लोग बच्चों को जन्म देने के लिए तैयार नहीं हैं। बता दें, चीन विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है और हाल के वर्षों में दशकों पुरानी एक बच्चे की नीति को खत्म करने के बाद भी चीन में जनसंख्या तेजी से कम हो रही है। वहीं चीन में जन्म दर लगातार घटती जा रही है।

जन्म दर में कमी की मुख्य वजहें

 चीन में एक विश्वविद्यालय के जनसंख्या एवं विकास केन्द्र के प्रमुख सोंग जियांग के अनुसार पिछले कुछ सालों में कोविड-19 , जन्म दर को प्रभावित करने वाले कारकों में से सबसे मुख्य है। जियांग बताते है कि “ चीन को , बूढ़ी होती आबादी व लोगों की पसंद में बदलाव सहित विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण निम्न जन्म दर में गिरावट जारी रहेगी। कई विशेषज्ञ बताते हैं कि साल 1990 के बाद पैदा हुए बहुत से लोग आवास की कमी के कारण शादी नही करना चाहते हैं और वे बच्चों के इच्छुक भी नहीं हैं। उनकी सरकार से मांग है कि अधिक बच्चे पैदा करने के लिए सरकार की तरफ़ से उन्हे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए व साथ ही अच्छी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।

चीन की जन्म दर में कमी से अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ेगा असर  ?

चीन की जन्म दर सालों से गिर रही है, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के सामने एक बड़ी चुनौती है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार चीन की जन्म दर में गिरावट के साथ वहां पर मृत्यु दर में भी कमी हुई है, जिसके कारण आबादी लगातार बढ़ी है। इसे देखते हुए चीन की चिंताएं बढ़ गई हैं क्योंकि इससे वहां कामकाजी युवाओं की संख्या कम होती चली जाएगी और देश पर रिटायर होते बूढ़े लोगों की ज़िम्मेदारी भी आ जाएगी , जो कार्य करने में असमर्थ होंगे। जिससे अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।

जन्म दर को बढ़ाने के लिए चीन की सरकार के प्रयास

चीन ने, जन्म दर को बढ़ाने के लिए अगस्त 2021 में अपने यहां “तीन बच्चों की नीति” को लागू किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य जनसांख्यिकीय संकट को दूर करना है। चीन की सरकार ने इस नीति को अपनाने वाले दंपतियों को कुछ योजनाओं के तहत लाभ देने का भी भरोसा जताया है।

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