"कोरोना से जान गवाने वाले लोग मुआवजे के हकदार " मामले की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से मरने वालों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग पर सुनवाई करते हुए कोरोना से जान गवाने वाले लोगों के परिवारों की मदद के लिए दिशा निर्देश देने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से मरने वालों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिकरण (एनडीएमए) को, कोरोना से जान गवाने वाले लोगों के परिवारों की मदद के लिए दिशा निर्देश देने का आदेश दिया।
मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई में तीन जजों की एक बेंच ने की ,उन्होंने एनडीएमए को छह सप्ताह का समय देते हुए कहा की वो सभी राज्यों को इस बारे में निर्देश दे,इसके साथ ही कोर्ट ने मृत्य प्रमाण-पत्र के लिए भी आसान प्रक्रिया बनाने की बात कही ।
कोर्ट ने कहा की मुआवजा तय करना एनडीएमए का कर्तव्य है और इसके लिए रकम तय करना सरकार का। हालांकि इससे पहले केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था की जो लोग कोरोना से मरे हैं। उनके परिजनों को चार लाख मुआवजा देना संभव नहीं है क्योंकि सरकार के पास सीमित संसाधन है।
सरकार ने ये भी कहा की अगर वो मुआवजा दे भी दे तो फिर उसके आपदा राहत कोश में कुछ नहीं बचेगा और इससे बाकी राहत कार्यों पर असर पड़ेगा ओर साथ ही महामारी के खिलाफ सरकार के कदमों ओर स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाला खर्च प्रभावित होगा।
किसके द्वारा की गई मुआवजे की मांग:
एडवोकेट रिपक कसंल और गौरव कुमार बंसल ने याचिका दायर की जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया ।
उन्होंने मुआवजे की मांग आपदा प्रबंधन अधिनियम के सेक्शन 12 के हवाले से की। यह अधिनियम के अनुसार राष्ट्रीय अधिकरण को आपदा के कारण प्रभावित हुए लोगों को राहत के न्यूनतम मापदंडों के लिए दिशा निर्देश देने की सिफारिश करनी चाहिए, जिसमें मुआवजा शामिल हो।