Holi With Organic Colours: प्राकृतिक रंगों से खेलना चाहते हैं होली तो अपने घर पर इन तरीकों से बनाएं होली के रंग

होली हिन्दूओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, लेकिन दूसरे धर्म के लोग भी इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। होली भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जहां कहीं भी भारतीय रहते हैं, वहां भी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। होली में कृत्रिम रंगों की जगह प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करके हम अपने स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं सुरक्षा का ध्यान रख सकते हैं।

March 16, 2022 - 08:16
March 17, 2022 - 08:16
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Holi With Organic Colours: प्राकृतिक रंगों से खेलना चाहते हैं होली तो अपने घर पर इन तरीकों से बनाएं होली के रंग
होली खेलते हुए बच्चे- फोटो : सोशल मीडिया

होली का पर्व वसंत ऋतु में फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली के फाल्गुन मास में होने के कारण इसे कई जगहों पर फगुआ भी कहा जाता है। होली हिन्दूओं का त्योहार है, लेकिन दूसरे धर्म के लोग भी इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं और यह पर्व केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जहां कहीं भी भारतीय रहते हैं, बड़े ही हर्षोल्लास के साथ अपने परिवार तथा सगे-संबंधियों के साथ में मनाते हैं। मथुरा, अयोध्या, ब्रज बरसाना आदि जगहों पर होली मनाने का तरीका सबसे ज़्यादा चर्चित है। उसी में बरसाना की लट्ठमार होली पूरे विश्व में विख्यात है।

होली पर घरों में अनेक स्वादिष्ट पकवान भी बनाए जाते हैं, जिसमें गुझिया सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध है। होली मुख्यत: रंगों का त्योहार है और समय के साथ जिस तरह यह प्रसिद्ध होती गई है, उसके लिए रंगों का भी प्रयोग बढ़ता गया है। वहीं रंगों की आपूर्ति के लिए न सिर्फ प्राकृतिक रंग बल्कि कृत्रिम रंगों का भी बढ़ चढ़कर प्रयोग होता है, जो कि आपकी त्वचा, बाल तथा स्वास्थ्य आदि के लिए हानिकारक सिद्ध होते हैं। अपनी त्वचा, बाल आदि की सुरक्षा हेतु इस होली आप कृत्रिम रंगों का प्रयोग न करके, प्राकृतिक रंगों का प्रयोग कर सकते हैं जो कि स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं सुरक्षा आदि के लिहाज से भी सुविधाजनक है।

हम यहां पर कुछ प्राकृतिक रंगों को बनाने की विधि आपके साथ साझा करने जा रहे हैं, जिसे आप स्वयं अपनी सुविधानुसार घर पर आसानी से बना सकते हैं।

पीला रंग बनाने की विधि

पहली विधि- हम आधा कप बेसन में तीन से चार चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर हम घर पर बिल्कुल आसानी से प्राकृतिक रंग बना सकते हैं।

• बेसन त्वचा को निखारने में फायदेमंद हैं तथा इससे त्वचा और स्वास्थ्य दोनों को ही कोई नुकसान नहीं होता है।

• पीले रंग के रूप में हम हल्दी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जो पूरी तरह से प्राकृतिक है।

दूसरी विधि- गेंदें के फूल की पंखुड़ियों को धूप में सुखाने के बाद उसका महीन चूर्ण तैयार कर लें। इसे भी आप इस होली पर पीले रंग के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। इससे भी आपकी त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंच सकता।

लाल रंग बनाने की विधि

पहली विधि- सबसे पहले तो यदि आपके पास कम समय है तो बाजार से लाल चंदन ले आएं और उसका महीन चूर्ण बना लें। फिर इसे आप लाल रंग के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।

दूसरी विधि- आप लाल गुड़हल के फूलों की पंखुड़ियां को धूप में सुखा लें, फिर उसका महीन चूर्ण तैयार कर लें। इसे आप लाल रंग के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।

तीसरी विधि- आप चाहें तो टेसू या पलाश के फूलों की पंखुड़ियों को धूप में सुखा लें और जब वह पूरी तरह से सूख जाए तो उसका महीन चूर्ण बना लें। फिर इसे आप लाल रंग के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।

• यह सभी चीजें आपकी त्वचा अथवा बालों को कोई नूकसान नहीं पहुंचाते हैं।

हरा रंग बनाने की विधि

पहली विधि- आप गुड़हल या गेंदें की पत्तियों को सुखाकर, उसे बारीक पीसकर पाउडर बना लें, फिर आप तैयार हुए चूर्ण का प्रयोग हरे रंग के रूप में कर सकते हैं।

दूसरी विधि- पालक, धनिया, मेथी आदि की पत्तियों को सुखाकर, फिर उसे बारीक पीसकर चूर्ण तैयार करने के बाद उसे हरे रंग के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।

तीसरी विधि- आप सीधे मेंहदी पाउडर का भी हरे रंग के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।

• गीली मेहंदी पाउडर रंग छोड़ती है लेकिन अगर बिना पानी मिलाए, सूखी मेहंदी पाउडर का प्रयोग करें तो वह हरे रंग का कार्य करेगी।

इसके अलावा भी और बहुत सी विधियां हैं जिसके द्वारा आप घर पर ही प्राकृतिक रंग बना सकते हैं और घर पर बने ये रंग हमारी त्वचा, बाल, स्वास्थ्य आदि को कोई भी नुकसान या दुष्प्रभाव नहीं पहुंचाते बल्कि अनेक प्रकार से फायदा ही करते हैं।