Voter ID link: 18 साल का होते ही वोटर लिस्ट में खुद जुड़ जाएगा नाम, संसद में विधेयक लाएगी सरकार
मोदी सरकार द्वारा संसद में एक ऐसा बिल पेश किया जा रहा है, जिसके अनुसार देश का हर नागरिक का नाम 18 साल की उम्र पूरी करते ही वोटर सूची में अपने आप शामिल हो जाएगा। नए जनगणना भवन के उद्घाटन के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिए एक वेब पोर्टल का भी उद्घाटन किया ।
मोदी सरकार द्वारा संसद में एक ऐसा बिल पेश किया जा रहा है, जिसके अनुसार देश का हर नागरिक का नाम 18 साल की उम्र पूरी करते ही वोटर सूची में अपने आप शामिल हो जाएगा । इस बिल के माध्यम से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि सरकार जन्म और मृत्यु के आंकड़ों को मतदाता सूची और समग्र विकास प्रक्रिया से जोड़ने के लिए संसद में एक विधेयक लाने की योजना बना रही है।
शाह ने भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त के कार्यालय- 'जनगणना भवन' का उद्घाटन करते हुए कहा कि यदि जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र के आंकड़ों को विशेष तरीके से संरक्षित किया जाए तो विकास कार्यों की समुचित योजना बनाई जा सकती है । उन्होंने कहा, ‘‘ मृत्यु और जन्म रजिस्टर को मतदाता सूची से जोड़ने के लिए एक विधेयक संसद में पेश किया जाएगा । इस प्रक्रिया के तहत, जब कोई व्यक्ति 18 साल का होगा, तो उसका नाम अपने आप मतदाता सूची में शामिल हो जाएगा । इसी तरह, जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होगी, तो वह जानकारी अपने आप ही निर्वाचन आयोग के पास जाएगी, जो मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू करेगा।"
ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसी सुविधाओं में मिलेगा फायदा
अधिकारियों ने बताया कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम (आरबीडी), 1969 में संशोधन विधेयक से ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जारी करने और लोगों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने से संबंधित मामलों आदि में भी सुविधा होगी। शाह ने कहा कि पहले विकास की प्रक्रिया टुकड़ों में पूरी होती थी क्योंकि विकास के लिए पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध नहीं थे।
शाह ने कहा, "आजादी के 70 साल बाद हर गांव में बिजली पहुंचाने, सभी को घर देने, सभी को नल से पीने का पानी देने, सभी को स्वास्थ्य सेवा देने, हर घर में शौचालय बनाने की योजना अपनाई गई। इतना समय इसलिए लगा क्योंकि किसी को भी अंदाजा नहीं था कि इन मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कितने पैसे की आवश्यकता होगी। तब जनगणना की उपयोगिता की कल्पना नहीं की गई थी। साथ ही जनगणना से संबंधित आंकड़े सटीक नहीं थे। इसके अलावा उपलब्ध आंकड़ों तक ऑनलाइन पहुंच भी नहीं थी। जनगणना और योजना अधिकारियों के बीच समन्वय की भी कमी थी।"
जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिए वेब पोर्टल शुरू
नए जनगणना भवन के साथ ही मंत्री ने जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिए एक वेब पोर्टल का भी उद्घाटन किया । जनगणना रिपोर्ट का एक ऑनलाइन बिक्री पोर्टल और जियोफेंसिंग सुविधा से लैस एसआरएस मोबाइल ऐप के उन्नत संस्करण की भी शुरुआत की गई । शाह ने कहा कि जियोफेंसिंग से लैस मोबाइल ऐप यह सुनिश्चित करेगा कि अधिकारियों को पता चले कि गणनाकर्ता उन्हें सौंपे गए खंड में जाकर डेटा दर्ज करते हैं और कोई भी खंड का दौरा किए बिना फर्जी प्रविष्टियां नहीं कर सकता ।
शाह ने कहा कि यह नई जनगणना देश के लिए सटीक और कारगर साबित होगी। इसमें हर तरह की जानकारी होगी। उन्होंने यह भी कहा है कि पिछले 70 सालों में जनगणना की सही जानकारी नहीं थी, जिसके कारण बजट में योजनाओं का समय पर निर्माण नहीं हो सका । देश में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। अगली जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें देरी हुई।