Pilot v/s Gehlot, Rajasthan : सहप्रभारी निजामुद्दीन बोले-पायलट मजबूत स्तंभ, ज़ल्द फैसला करेंगे खड़गे
Sachin Pilot RAJASTHAN News: अधीर रंजन ने कहा कि पायलट को जो करना है, करने दीजिए. सचिन पायलट के आंदोलन की चेतावनी और यात्रा पर अधीर रंजन ने कहा कि जिसकी जो मर्जी है, वह करने दिया जाए. पिछले दिनों भी उन्होंने बहुत कुछ किया है. किसी को अच्छा लगे या बुरा लेकिन काबिलियत के तौर पर हमारे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कोई जवाब नहीं है.
सचिन पायलट अपनी जनसंघर्ष यात्रा को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. वहीं पायलट को लेकर कांग्रेस में खींचतान तेज़ हो गई है. उनके लिए कांग्रेस पार्टी के भीतर से अलग-अलग तरह के राय सामने आ रहे हैं. लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी खुलकर सीएम अशोक गहलोत के पक्ष में उतर गए हैं. वहीं, राजस्थान कांग्रेस के सहप्रभारी काजी निजामुद्दीन ने पायलट को मज़बूत स्तंभ बताते हुए कहा कि राजस्थान पर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जल्द फैसला करेंगे.
अधीर रंजन का अशोक गहलोत को समर्थन...
अधीर रंजन ने कहा कि पायलट को जो करना है, करने दीजिए. सचिन पायलट के आंदोलन की चेतावनी और यात्रा पर अधीर रंजन ने कहा कि जिसकी जो मर्जी है, वह करने दिया जाए. पिछले दिनों भी उन्होंने बहुत कुछ किया है. किसी को अच्छा लगे या बुरा लेकिन काबिलियत के तौर पर हमारे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कोई जवाब नहीं है. हिंदुस्तान में अगर काबिल मुख्यमंत्रियों की सूची बनाई जाए तो उसमें पहली पंक्ति में हमारे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत होंगे. जिस व्यक्ति को जो करना है करे, कांग्रेस पार्टी हर चुनौती से निपटना जानती है.
सहप्रभारी काजी निजामुद्दीन ने कहा- खरगे इस मामले को देख रहे हैं...
राजस्थान कांग्रेस के सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन ने सचिन पायलट के मुद्दे पर कहा कि सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी के मजबूत स्तंभ हैं. अगर भ्रष्टाचार को लेकर उनकी कोई पिनपॉइंट शिकायत है तो उसे देखा जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि पायलट के मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे पैनी निगाह बनाए हुए हैं. कर्नाटक में निर्णय हो जाए उसके बाद राजस्थान पर निर्णय होगा. इस पर निर्णय मलिकार्जुन खड़गे ही लेंगे, क्योंकि हम लोग हमारा काम कर रहे हैं. कांग्रेस प्रेसिडेंट अपना काम करेंगे.
काजी ने ये भी कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव की परिस्थितियां अलग थी. हर बार चुनावों में हर प्रदेश की स्थिति अलग होती है. यकीनन पिछली बार और इस बार में यहां फ़र्क़ है. सह प्रभारी वीरेंद्र राठौड़ ने पायलट मामले पर कहा कि घर का मामला है, घर का मामला घर में ही निपटा लिया जाएगा.
सचिन थोड़ा इंतजार करें...
रंधावा ने सचिन पायलट के बारे में बात करते हुए कहा था कि पार्टी में उनके लिए बहुत टाइम पड़ा है. कांग्रेस बीजेपी की तरह नहीं है. पार्टी हमारे नेताओं को सोचने से ज़्यादा देती है. गहलोत और पायलट के बीच जुबानी जंग और उकसाने वाले बयानों पर रंधावा ने कहा था कि मैं अभी वहां गया नहीं, अभी वहां जाकर देखेंगे कि किसने उकसाने वाले बयान दिए. अब जो मेरे आने से पहले की बातें हैं, उनको मैं नहीं उठाना चाहता.
पिछले दिनों सचिन ने की थी जनसंघर्ष यात्रा...
सचिन ने जनसंघर्ष यात्रा में कहा कि जब-जब मैं वसुंधरा जी के करप्शन की बात करता हूं, पेपरलीक से लाखों बच्चों के भविष्य पर बात करता हूं, तो उसका कोई जवाब नहीं आया. इसलिए उन्होंने कि 11 मई से अजमेर से जनसंघर्ष यात्रा निकालने का फ़ैसला लिया था. उन्होंने बताया था कि यह यात्रा सरकार के ख़िलाफ़ नहीं, करप्शन के ख़िलाफ़ है. अजमेर के आरपीएससी से पेपरलीक हुए, इसलिए वहीं से यात्रा की शुरुआत हुई. पांच दिन में यात्रा अजमेर से जयपुर पहुंची. करीब 125 किलोमीटर की यात्रा सम्पन्न हुई. उन्होंने यह भी कहा कि निर्णय तब लिए जाएंगे, जब जनता हमारे साथ होगी. यह यात्रा किसी के विरोध में ना होकर भ्रष्टाचार के विरोध में है,नौजवानों के पक्ष में है.
फिलहाल कांग्रेस छोड़ने की चर्चाओं पर पायलट से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अटकलें मत लगाइए, मैं सब कुछ कहके करता हूं. इस बयान से भी नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
बँटी हुई है राजस्थान कांग्रेस...
राजस्थान कांग्रेस फिलहाल बंटी हुइ नज़र आ रही है. इसकी शुरूवात 2020 से हुई जब सचिन पायलट सहित कई विधायकों ने बगावत कर दी थी. हालांकि बाद सुलह हुई और सचिन पायलट कांग्रेस में ही रहे. इसका एक अध्याय 11 अप्रैल 2022 रहा, जब सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ अनशन कर दिया. जिसमें उन्होंने गहलोत सरकार से भ्रष्टाचार पर काम करने को कहा. शनिवार यानी 6 मई को भी सचिन ने बाड़मेर के आदर्श नगर स्टेडियम में शक्ति प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि मैंने भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद की. हो सकता है कि कई लोगों को बात पसंद नहीं आई हो, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है. इस बगावत की एक कड़ी 11 मई से 15 मई तक चलने वाली जनसंघर्ष यात्रा थी. जिसमें उन्होंने अशोक गहलोत पर खुलकर निशाना साधा.