Nawab Malik, Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता नवाब मलिक की जमानत याचिका
अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ से आग्रह किया कि मामले की सुनवाई अगले सप्ताह उच्च न्यायालय द्वारा की जाए. हालांकि, शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए कोई तारीख़ तय नहीं की है. दरअसल, ट्रायल कोर्ट द्वारा 30 नवंबर 2022 को उन्हें जमानत देने से इनकार करने के बाद मलिक ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की याचिका को जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया. मलिक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ़्तारी के बाद 23 फरवरी, 2022 से जेल में हैं. बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने मलिक की जमानत अर्जी को 6 जून तक के लिए स्थगित कर दिया था. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. यह देखते हुए कि हाईकोर्ट को दरकिनार नहीं किया जा सकता, सुप्रीम कोर्ट ने मलिक की याचिका को स्थगित कर दिया.
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि इस बीच मामले को उठाने के लिए हाईकोर्ट स्वतंत्र होगा. मलिक की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल की अनुपलब्धता के आधार पर हाईकोर्ट में जमानत अर्जी स्थगित होने पर नाराज़गी व्यक्त की. एएसजी एसवी राजू ने भरोसा दिलाया कि ईडी अगले सप्ताह तैयार हो जाएगी. सिब्बल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मलिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं.
अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ से आग्रह किया कि मामले की सुनवाई अगले सप्ताह उच्च न्यायालय द्वारा की जाए. हालांकि, शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए कोई तारीख़ तय नहीं की है. दरअसल, ट्रायल कोर्ट द्वारा 30 नवंबर 2022 को उन्हें जमानत देने से इनकार करने के बाद मलिक ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.
गुर्दे की बीमारी से पीड़ित हैं मलिक...
कपिल सिब्बल ने बेंच को बताया था कि मलिक गुर्दे की विफलता से पीड़ित हैं. लेकिन कोर्ट ने तत्काल कोई फैसला नहीं लिया.
फरवरी में अरेस्ट हुए थे मलिक...
ईडी ने 23 फरवरी 2022 में नवाब मलिक को यह आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया कि मलिक ने 1999-2006 के बीच दाऊद इब्राहिम की दिवंगत बहन हसीना पारकर की मदद से कुर्ला में एक संपत्ति हड़पी थी. ईडी ने आरोप लगाया कि पारकर दाऊद के अवैध कारोबार को संभालती थी. इसलिए इस पैसे का इस्तेमाल टेरर फंडिंग के लिए किया गया था.
समीर वानखेड़े के खिलाफ खोला था मोर्चा...
नवाब मलिक, आर्यन खान ड्रग्स केस के दौरान भी सुर्खियों में रहे थे. उन्होंने ही तत्कालीन एनसीबी अफ़सर समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया था. समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर उन्होंने तमाम सबूत मीडिया के सामने पेश किए थे. यही नहीं, कथित तौर पर उनकी नौकरी को लेकर जाति सर्टिफिकेट और मैरिज सर्टिफिकेट को लेकर भी सवाल खड़े किए थे.