Raj Kapoor Death Anniversary: हिंदी सिनेमा के शोमैन कहे जाने वाले राजकपूर कभी चाहते थे म्यूजिक डायरेक्टर बनना

Raj Kapoor:हिंदी सिनेमा के “शोमैन” कहे जाने वाले राजकपूर ने साल 1947 में फिल्म ‘मधुसूदन’ से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और ‘आशियाना’ ‘दास्तान’ ‘श्री 420 ‘दिल ही तो है’, ‘मेरा नाम जोकर’ जैसी फिल्में हिंदी सिनेमा जगत को दी हैं।

June 2, 2022 - 06:45
June 2, 2022 - 17:54
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Raj Kapoor Death Anniversary: हिंदी सिनेमा के शोमैन कहे जाने वाले राजकपूर कभी चाहते थे म्यूजिक डायरेक्टर बनना
Raj Kapoor Death Anniversary

सिनेमा जगत के स्वर्णिम काल के सुपर स्टार राजकपूर की आज 34वीं पुण्यतिथि है। 2 जून 1988 को महान कलाकार राज कपूर ने सभी को अलविदा कह दिया था। उन्हे हिंदी सिनेमा का शोमैन भी कहा जाता है। इस मौके पर उनके करीबी लोगों से लेकर फैंस तक उनके जिंदगी से जुड़े किस्सो का सोशल मिडिया पर कसीदे पढ़ते हैं।

राजकपूर का व्यक्तिगत जीवन और उपलब्धियां

हिंदी सिनेमा के “शोमैन” कहे जाने वाले राजकपूर ने साल 1947 में फिल्म ‘मधुसूदन’ से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और ‘आशियाना’ ‘दास्तान’ ‘श्री 420 ‘दिल ही तो है’, ‘मेरा नाम जोकर’ जैसी फिल्में हिंदी सिनेमा जगत को दी हैं। राज कपूर को दादा साहब फाल्के शिखर पुरस्कार के अतिरिक्त उनकी दो फिल्मों के लिए भी उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। वहीं साल 1971 में उन्हें सरकार ने पदमभूषण भी दिया है। जहां उनकी फिल्मों को कुछ अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले वहां फिल्मफेयर पुरस्कारों में तो वह बरसों छाए रहे।

उन्हें कुल 11 फिल्मफेयर पुरस्कार मिले जबकि उन्हे लगातार दो बार साल 1959 और 1960 में ‘अनाड़ी’ और ‘जिस देश में गंगा बहती है’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर मिला और चार बार उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला। व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो उन्होंने 1946 में कृष्णा कपूर से शादी कर ली थी। जिसके बाद उनकी पत्नी कृष्णा ने पांच बच्चों को जन्म दिया- रणधीर, रितु, ऋषि, रीमा और राजीव कपूर। बताते चलें कि उनके बेटे ऋषि कपूर, राजीव कपूर और बेटी ऋतु कपूर का निधन हो चुका है।

राजकपूर की जिंदगी के अनसुने किस्से

राज कपूर हमेशा से म्यूजिक डायरेक्टर बनना चाहते थे,लेकिन किस्मत ने उन्हें एक्टर बना दिया। वहीं बॉलीवुड का मशहूर ऐक्टर बनने से पहले वह सबसे कम उम्र के डायरेक्टर बनें। अपनी पहली फिल्म की डायरेक्शन के दौरान उनकी उम्र 24 साल की थी। यही नहीं साल 1948 में राज कपूर ने आर के फिल्म्स की स्थापना की। आर. के. फिल्म्स के बैनर तले बनी पहली फिल्म “आग” थी। इसमें उन्होंने डायरेक्शन के साथ-साथ खुद लीड रोल निभाया था और उनकी को-ऐक्टर नर्गिस बनी थीं। हालांकि आर. के. फिल्म्स के बैनर को कामयाबी ‘बरसात’फिल्म के बाद हासिल हुई थी।

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