राजस्थान: जयपुर में हीरक जयंती पर राजपूत समाज का शक्ति प्रदर्शन
इस संगठन की सूबे में राजनीतिक रूप से वर्चस्व की बात करें तो इसे इस बात से समझा जा सकता है कि इस संगठन द्वारा कराए गए किसी भी समारोह में जाने से किसी भी पार्टी के नेता कतराते नहीं हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में श्री क्षत्रिय युवक संघ की ओर से 22 दिसंबर को हीरक जयंती पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस समारोह में देशभर के क्षत्रिय समाज के लोग एकत्रित हुए और अपनी ताकत को दिखाया। गौरतलब है कि इस समारोह में तमाम अलग-अलग राजनीतिक शख्सियत भी शामिल हुए परंतु मंच से किसी प्रकार की कोई राजनीतिक बोल नहीं बोले गए। कार्यक्रम में खास बात यह रही कि श्री क्षत्रिय युवक संघ के किसी भी पदाधिकारी द्वारा ना तो किसी पार्टी का समर्थन किया गया ना ही विरोध। परंतु इस कार्यक्रम द्वारा तमाम राजनीतिक पार्टियों को अपने समाज के शक्ति का एहसास कराया गया।
क्या है क्षत्रिय युवक संघ और इस की सूबे में ताकत
श्री क्षत्रिय युवक संघ एक सामाजिक संगठन है जो अपने क्षत्रिय समाज के लिए काम करता है। इस संगठन की स्थापना 22 दिसंबर 1946 को तान सिंह द्वारा की गई थी। बता दें कि तान सिंह एक राजनीतिक शख्सियत थे। वह दो बार लोकसभा के सदस्य और राजस्थान विधानसभा के सदस्य रह चुके थे। वहीं इस संगठन की सूबे में राजनीतिक रूप से वर्चस्व की बात करें तो इसे इस बात से समझा जा सकता है कि इस संगठन द्वारा कराए गए किसी भी समारोह में जाने से किसी भी पार्टी के नेता कतराते नहीं हैं।
सूबे में राजपूतों की राजनीतिक अहमियत क्या है ?
राजस्थान में राजपूतों की आधिकारिक जनसंख्या लगभग 7% है। परंतु फिर भी आजादी के बाद 1952 के चुनाव में 160 सीटों में 54 सीटों पर राजपूत उम्मीदवारों को जीत मिली थी। वहीं 2013 की राजस्थान विधानसभा में क्षत्रिय समाज के 26 विधायक जीतकर सदन में पहुंचे थे, वहीं इस बार के वर्तमान कार्यकाल में इस समाज के 21 विधायक सदन में मौजूद हैं।
श्री क्षत्रिय युवक संघ के मंच पर राजनेताओं के बयान ?
राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री खाचरियावास ने कहा - असली क्षत्रिय वह है जो आन बान व स्वाभिमान के साथ-साथ औरतों, दलितों व पिछड़ों को बचाने के लिए तैयार रहता है। जो राजनीति व धर्म के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं करता वही क्षत्रिय है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा - समारोह में क्षत्रिय धर्म की अग्नि प्रज्ज्वलित हुई है। यह गर्व की बात है। यह राजनीति का मंच नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति, मान्यताओं को नई दिशा देने का मंच है। बिना राजनीतिक भेदभाव के क्षत्रिय समाज के कल्याण के लिए सब एक साथ हैं।
राजेंद्र राठौड़ - लोकतंत्र में मत की पेटी से राजा निकलता है,समाज में राजनीतिक चेतना लाने के लिए क्षत्रिय युवक संघ ने शिविर लगाए। हमें अपने गांव की तरफ देखना होगा, वहां के घरों को देखना होगा। राष्ट्र निर्माण के लिए शुरू से संघ ने कई बदलाव किए हैं।