रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक को नेशनल लाॅ कंपनी ट्रिब्यूनल (NCLT) ने किया दिवालिया घोषित
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दायर की गई याचिका पर NCLT ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सुपरटेक द्वारा वित्तीय कर्ज के भुगतान में भारी चूक हुई है। लिहाजा सुपरटेक के बोर्ड के नियंत्रक हितेश गोयल की अगुवाई में अंतरिम समाधान पेशेवर को सौंप दिया गया है।
रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक को नेशनल लाॅ कंपनी ट्रिब्यूनल (NCLT) ने दिवालिया घोषित कर दिया है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की याचिका पर NCLT की दिल्ली बेंच ने सुपरटेक कंपनी पर अपना फैसला दिया है। NCLT के इस फैसले से सबसे ज्यादा प्रभाव उन 25 हजार लोगों पर पड़ेगा, जिन्होंने कई वर्षों पहले से ही डेवलपर्स के पास अपने घर के लिए बुक कर रखा था।
कितने कर्ज में है सुपरटेक ?
रियल एस्टेट सुपरटेक पर 432 करोड़ का कर्ज है। जिसे तय समय सीमा में न चुका पाने के कारण NCLT के द्वारा दिवालिया घोषित कर दिया गया है। सुपरटेक के द्वारा नहीं देर कर पाने वाले लोन में ग्रेटर नोएडा वेस्ट के 2 इको विलेज प्राॅजेक्ट जिसकी लागत 1106.45 करोड़ की है, की खातिर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से लिया गया कर्ज भी शामिल है।
NCLT का बयान
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दायर की गई याचिका पर NCLT ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सुपरटेक द्वारा वित्तीय कर्ज के भुगतान में भारी चूक हुई है। लिहाजा सुपरटेक के बोर्ड के नियंत्रक हितेश गोयल की अगुवाई में अंतरिम समाधान पेशेवर को सौंप दिया गया है। NCLT ने आगे कहा कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि बिल्डर अपनी देनदारी चुकाने में नाकाम रहा है। सुपरटेक कंपनी द्वारा किसी भी प्रकार की संपत्ति के स्थानांतरण, नियंत्रण या निपटारा करने पर भी रोक लगा दी गई है।
बता दें कि वर्ष 2013 में सुपरटेक ने कई वित्तीय संस्थानों से संपर्क साधकर 350 करोड़ रुपये का कर्ज बैंक समूह से हासिल किया था। इसमें से 150 करोड़ रुपये सुपरटेक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दिए गए थे। लगातार सुपरटेक यह कर्ज चुका पाने में विफल रहा है।
सुपरटेक ने क्या कहा
NCLT के फैसले के बाद सुपरटेक ने एक प्रेस रिलीज जारी की और कहा है कि वह NCLT के इस फैसले के खिलाफ NCLAT में अपील करेगा। उसने यह भी कहा है कि इस आदेश से सुपरनोवा, ओआरबी, गोल्फ कंट्री, HUES, अज़ैला, एस्क्वायर, वैली, बसेरा, मेट्रोपाॅलिश माॅल, पेण्टागान माॅल, होटलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के ट्विन टॉवर को ध्वस्त करने का दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष यानी कि 31 अगस्त, 2021 में इमारत के मानदंडों का उल्लघंन करते हुए बनाए गए सुपरटेक के दो टाॅवर एपेक्स जिसकी लंबाई 100 मीटर है तथा सियेन जिसकी लंबाई 97 मीटर है, को ध्वस्त करने के आदेश जारी किया था। एडिफीस के पार्टनर उत्कर्ष मेहता ने मीडिया के सामने प्रजेंटेशन में दिखाया कि किस प्रकार से पहले एपेक्स फिर सियेन को अंदर की ओर कई चरणों में फ्लोर बाई फ्लोर गिराई जाएगी। हालांकि उस समय उत्कर्ष मेहता ने बताया था दोनों इमारतों को ध्वस्त करने में लगभग 2500 किलो से 4000 किलो विस्फोटक की जरूरत होगी। साथ में उन्होंने यह भी बताया था कि ट्रायल ब्लास्ट का प्लान अगले वर्ष यानि कि 2022 में मार्च के अंतिम सप्ताह या अप्रैल के पहले सप्ताह में किया गया है।