Russia Ukraine War: यूक्रेन पर रूस ने दागी अत्यंत शक्तिशाली हाइपरसोनिक मिसाइल
हाल ही में रूस ने यूक्रेन पर अपनी ‘किंझल’ नाम के हाइपरसोनिक मिसाइल से आक्रमण किया है। किंझल मिसाइल को डैगर भी कहा जाता है जो कि एडवांस तकनीकी से पूरी तरह लैश है।
रूस–यूक्रेन जंग के 25वें दिन रूस ने ‘किंझल’ नाम की हाइपरसोनिक मिसाइल यूक्रेन पर दागी है। दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी युद्ध में इतनी खतरनाक मिसाइल का उपयोग किया गया है।
बीतते समय के साथ रूस और यूक्रेन के बीच का तनाव और भी अधिक बढ़ता जा रहा है। यूक्रेन पर रूस का हमला लगातार जारी है और इसी हमले के बीच युद्ध पर जल्द से जल्द कामयाबी हासिल करने के लिए रूस ने यूक्रेन पर हाइपरसोनिक मिसाइल से प्रहार किया है। चलिए विस्तार से जानते हैं इस मिसाइल के बारे में-
कितनी खतरनाक है रूस की ‘किंझल’ मिसाइल?
हाल ही में रूस ने यूक्रेन पर अपनी ‘किंझल’ नाम के हाइपरसोनिक मिसाइल से आक्रमण किया है। किंझल मिसाइल को डैगर भी कहा जाता है जो कि एडवांस तकनीकी से पूरी तरह लैश है। रूस ने सर्वप्रथम इस मिसाइल को अपने 73वें पैट्रियोटिक वॉर वर्षगांठ के उपलक्ष में 2018 में दुनिया के सामने पेश किया था। यह मिसाइल जमीन से हवा में 2000 किलोमीटर तक की रेंज में मार करने में सक्षम है। इस मिसाइल को रूसी लड़ाकू विमान MiG–31K में तैनात किया गया है।
क्या है हाइपरसोनिक मिसाइल?
हाइपरसोनिक का अर्थ ध्वनि की गति से भी तेज होता है। सरल भाषा में कहें तो, हाइपरसोनिक मिसाइल वो मिसाइल होती है जो ध्वनि की गति से लगभग 5 गुना तेज अर्थात 6100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती है। इस मिसाइल की गति अत्याधिक तेज होने के कारण इसे ट्रैक कर पाना, रोक पाना अत्यंत मुश्किल होता है। इसी कारण इस मिसाइल को दुनिया के सबसे घातक मिसाइलों की श्रेणी में सबसे ऊंचे पायदान पर रखा जाता है।
किन देशों के पास है हाइपरसोनिक मिसाइल?
फिलहाल यह मिसाइल रूस के कारण चर्चा का विषय है, किंतु ऐसा नहीं है की यह मिसाइल मात्र रूस के पास ही है। यह हाइपरसोनिक मिसाइल दुनिया में मौजूद कई और भी देशों के पास हैं। इनमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जर्मनी और चीन भी शामिल हैं। वहीं कोरिया ऐसी मिसाइल बनाने में जुटा हुआ है जो जमीन से अंतरिक्ष तक मार कर सके।
भारत के पास हाइपरसोनिक हथियार है या नहीं?
वर्तमान समय की बात करें तो भारत के पास अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध हैं लेकिन हाइपरसोनिक हथियार नहीं हैं। इस क्षेत्र में भारत तेजी से कार्य कर रहा है और सफल रूप से हाइपरसोनिक ग्लाइडर का परीक्षण भी कर चुका है। भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने 2020 में मानवरहित हाइपरसोनिक ग्लाइडर का परीक्षण किया था।
दुनिया में कितने तरह के हाइपरसोनिक हथियार?
हाइपरसोनिक हथियार के प्रकार की बात करें तो ये हथियार मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। पहला ग्लाइड व्हीकल्स अर्थात हवा में तैरने योग्य एवं दूसरा क्रूज मिसाइल। क्रूज मिसाइल अत्यधिक खतरनाक मिसाइल है एवं इसका उपयोग भी कठिन है जबकि ग्लाइड व्हीकल्स का उपयोग आसान और किफायती दोनों है। ग्लाइड व्हीकल्स, मिसाइल को अपने साथ ले जाते हैं और एक निश्चित दूरी पर जाकर मिसाइल से अलग हो जाते हैं। भारत भी इसी प्रकार की मिसाइल बनाने में जुटा हुआ है। जिसकी गति लगभग 4000 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।