ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में लक्ष्य सेन को मिली हार, विक्टर एक्सेलसन के साथ था मुकाबला
20 वर्षीय लक्ष्य सेन की इस मुकाबले के पहली पारी में 10—21 तथा दूसरी पारी में 15-21 से हार मिली। इस खेल की शुरूआत में ही वर्ल्ड नंबर-1 विक्टर एक्सेलसन ने बेहतरीन प्रदर्शन दिया। इसकी दूसरी पारी में लक्ष्य ने बेहद कोशिश की कि वह अपनी वापसी निश्चित कर लें, किंतु वह असफल रहे।
ऑल इंडिया बैडमिंटन चैंपियनशिप में पुरूष सिंगल्स के फाइनल में भारत से लक्ष्य सेन तथा डेनमार्क से विक्टर एक्सेलसन के बीच में मुकाबला हुआ। इस मुकाबले में विक्टर एक्सेलसन ने दो गेम में ही जीत हासिल कर ली और लक्ष्य सेन को हार से संतोष करना पड़ा।
20 वर्षीय लक्ष्य सेन की इस मुकाबले के पहली पारी में 10—21 तथा दूसरी पारी में 15-21 से हार मिली। इस खेल की शुरूआत में ही वर्ल्ड नंबर-1 विक्टर एक्सेलसन ने बेहतरीन प्रदर्शन दिया। इसकी दूसरी पारी में लक्ष्य ने बेहद कोशिश की कि वह अपनी वापसी निश्चित कर लें, किंतु वह असफल रहे।
कौन हैं लक्ष्य सेन
लक्ष्य सेन का जन्म 16 अगस्त, 2001 में अल्मोड़ा उत्तराखंड में हुआ था। लक्ष्य सेन एक उभरते हुए भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। इनके पिता डी के सेन इंडिया में कोच हैं तथा लक्ष्य के भाई चिराग सेन भी अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। लक्ष्य सेन ने प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी से प्रशिक्षण लिया है इसके साथ ही कई अनुभवी प्रशिक्षकों जैसे विमल कुमार, पुलेला गोपीचंद और योनि सू यू से भी लक्ष्य प्रशिक्षण ले चुके हैं। इंटरनेशनल रैंकिंग में लक्ष्य 11वें स्थान पर हैं।
लक्ष्य सेन की उपलब्धियां
भारत के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने बीते रविवार को विश्व चैंपियन लोह कीन यीव को फाइनल में हराकर इंडिया ओपन-2022 के पुरुष एकल वर्ग में 24-22, 21-17 से यह खिताब अपने नाम किया है।
लक्ष्य को सिंगापुर के खिलाड़ी के खिलाफ तीन मैचों में से दो में मात मिली थी। लेकिन रविवार को लक्ष्य ने विश्व विजेता लोह टीन रील के सामने आक्रामक शॉट्स खेले और 54 मिनट तक चलने वाले इस खेल में जीत हासिल की। इससे पहले लक्ष्य ने एशियन जूनियर चैंपियनशिप 2016 में कांस्य पदक तथा इसी प्रतियोगिता में 2018 में स्वर्ण पदक जीता था।
लक्ष्य ने जनवरी में ही इंडिया ओपन में अपना पहला सुपर 500 खिताब जीतने और पिछले हफ्ते जर्मन ओपन में उपविजेता रहने से पहले, दिसंबर में विश्व चैंपियनशिप में अपना पहला कांस्य पदक हासिल किया। इसके साथ ही उन्होंने बीडब्ल्यूएफ इंटरनेशनल चैलेंज तथा बीडब्ल्यूएफ इंटरनेशनल सीरीज में क्रमशः 2017 तथा 2016 में विजय हासिल की है।
इंडिया बैडमिंटन ओपन खिताब जीतने वाले खिलाड़ी
इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पहुंचने वाले लक्ष्य पांचवें भारतीय शटलर, चौथे भारतीय पुरुष शटलर तथा सबसे युवा भारतीय शटलर हैं।
1947 में प्रकाश नाथ, 1980 और 1981 में प्रकाश पादुकोण, 2001 में पुलेला गोपीचंद और फिर 2015 में साइना नेहवाल के बाद गत वर्ल्ड चैंपियन ली ज़ी को हराकर प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाले पांचवें भारतीय थे।