Bihar Diwas 2022: आज मनाया जा रहा 110वां बिहार दिवस, पीएम मोदी ने दी बिहारवासियों को बधाई

गत दो वर्षों से कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण बिहार अपना स्थापना दिवस नहीं मना पाया था, किंतु इस बार बिहार दिवस के अवसर पर गांधी मैदान में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम को देखने के लिए बढ़ते हुए हुजूम तथा सोशल मीडिया पर भी बिहार के लोगों तथा बिहार से बाहर देश-विदेश में रहने वाले बिहारी लोगों के उत्साह को देखा जा सकता है।

March 23, 2022 - 01:30
March 23, 2022 - 02:19
 0
Bihar Diwas 2022: आज मनाया जा रहा 110वां बिहार दिवस, पीएम मोदी ने दी बिहारवासियों को बधाई
Bihar Diwas 2022 -फोटो : Social Media

आज 22 मार्च, 2022 को बिहार राज्य अपना 110वां स्थापना दिवस बिहार दिवस के रूप में मना रहा है। बिहार राज्य आज ही के दिन 1912 में स्वतंत्र राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था। हालांकि बिहार 1912 में स्वतंत्र राज्य के रूप में अस्तित्व में आ चुका था किंतु बिहार दिवस मनाने की परंपरा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2010 से शुरू की थी। इस साल के बिहार स्थापना दिवस की थीम ‘जल-जीवन-हरियाली’ है।

गत दो वर्षों से कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण बिहार अपना स्थापना दिवस नहीं मना पाया था, किंतु इस बार बिहार दिवस के अवसर पर गांधी मैदान में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम को देखने के लिए बढ़ते हुए हुजूम तथा सोशल मीडिया पर भी बिहार के लोगों तथा बिहार से बाहर देश-विदेश में रहने वाले बिहारी लोगों के उत्साह को देखा जा सकता है। बता दें कि इस कार्यक्रम में बॉलीवुड से भी चर्चित हस्तियां शिरकत करेंगी।

सभी ने दी शुभकामनाएं

आज बिहार में सभी लोग उत्साह और उमंग के साथ बिहार दिवस की अपने दोस्तों, भाई-बहनों, सगे-संबंधियों आदि को शुभकामनाएं दे रहे हैं। वहीं इस शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी बिहारवासियों को शुभकामनाएं भी दी हैं।

बिहार शब्द का इतिहास

बिहार राज्य का इतिहास का मानव सभ्यता के आरंभ से माना जाता है। बिहार हिंदू, बौद्ध, जैन आदि धर्मों की प्रचलित किंवदंतियों से भी संबद्ध है।  यह प्राचीन समय में एक शक्तिशाली साम्राज्य का केंद्र था। शक्तिशाली सम्राटों के संरक्षण में यह हजारों वर्षों तक शिक्षा तथा धर्म आदि का सांस्कृतिक केंद्र भी रहा है।

बौद्ध भिक्षुओं के आराम करने के स्थान को विहार कहा जाता था। बिहार, विहार शब्द का अपभ्रंश या विकृत रूप है। ऐसा माना जाता है कि 12वीं सदी के मुस्लिम शासक विहार को 'बिहार' कहते थे।

बिहार कैसे स्वतंत्र राज्य के रूप में अस्तित्व में आया?

कांग्रेस ने 1908 में अपना प्रांतीय अधिवेशन किया और अधिवेशन में ही उन्होंने बिहार को बंगाल से विभाजित प्रांत बनाए जाने की बात का समर्थन किया। जिसके लिए तैयार की गई कमेटी में दरभंगा महाराजा रामेश्वर सिंह को अध्यक्ष और अली इमाम को उपाध्यक्ष बनाया गया। अतः लंबे प्रयास के बाद 12 दिसंबर, 1911 के दिन बिहार को अलग प्रांत का दर्जा मिल गया और पूर्णतः २२ मार्च, १९१२ को बिहार, बंगाल से विभाजित होकर नये प्रांत के रूप में स्थापित हुआ। जिसके बाद पटना को बिहार की राजधानी घोषित की गई। बता दें कि 1 अप्रैल, 1936 में बिहार को विभाजित करके उड़ीसा को एक नये राज्य के रूप में स्थापित किया गया।  स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद बिहार का एक बार पुनः विभाजन हुआ और विभाजन से सन् २००० में झारखंड राज्य का गठन किया गया। भारत के स्वतंत्रता आंदोलनों में बिहार राज्य की गहन भूमिका रही।

बिहार के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

  • बिहार का राजकीय चिह्न- दो स्वास्तिक से घिरा हुआ बोधि वृक्ष

(बोधि वृक्ष के नीचे ही तपस्या करते हुए भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।)

  • बिहार राज्य का राजकीय पशु - बैल
  • राजकीय पक्षी- गौरैया
  • राजकीय पुष्प- गेंदा

(2013 में बैल, गौरैया तथा गेंदें को राजकीय चिह्न प्रदान किया है।)

  • राजकीय वृक्ष- पीपल
  • राजकीय खेल- कबड्डी
  • बिहार पहला भारतीय राज्य जिसने हिंदी को अपनी आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकृति प्रदान की थी।
  • राज्य गीत- मेरे भारत के कंठहार, तुझको शत् शत् वंदन बिहार।

(कवि संत्य नारायण द्वारा लिखित)

  • राज्य प्रार्थना गीत- मेरे रफ्तार पर सूरज की किरणें नाज़ करें।

(यह प्रार्थना गीत मुजफ्फरपुर के एमपी कृष्टी ने लिखा है।)

बिहार के विश्व प्रसिद्ध चेहरे

प्राचीन काल में बिहार विशाल साम्राज्यों, शिक्षा केन्द्रों एवं संस्कृति का गढ़ था। चक्रवर्ती सम्राट अशोक, आर्यभट्ट - महान ज्योतिषविद् तथा गणितज्ञ, सिक्खों के दसवें गुरु गोविन्द सिंह, चाणक्य, चंद्रगुप्त मौर्य, महावीर, स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, वीर कुंवर सिंह, चित्रगुप्त, शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, भिखारी ठाकुर आदि बिहार के ऐसे प्रसिद्ध तथा सम्मानित चेहरे हैं जिनकी चर्चा पूरे विश्व में होती है। इसके साथ ही विद्यापति, रामवृक्ष बेनीपुरी, रामधारी सिंह 'दिनकर', आलोक धन्वा, नागार्जुन, देवकीनंदन खत्री, फणीश्वरनाथ रेणु, आदि  साहित्यकार अपनी लेखनी और रचनाओं से न केवल बिहार एवं भारत में बल्कि पूरे विश्व में अमिट छाप छोड़ते हैं।

The LokDoot News Desk The lokdoot.com News Desk covers the latest news stories from India. The desk works to bring the latest Hindi news & Latest English News related to national politics, Environment, Society and Good News.