रासबिहारी बोस: बोस जो 19 साल की उम्र से क्रांतिकारी गतिविधियों में हो गए थे सक्रिय
साल 1943 में जापान सरकार ने बॉस को अपने देश के दूसरे सबसे बड़े अवार्ड 'ऑर्डर ऑफ राइजिंग' से सम्मानित किया। 21 जनवरी 1945 को जापान के क्योटो शहर में रासबिहारी बोस का निधन हो गया।
21जनवरी को रासबिहारी बोस की 77 वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर कई नेताओं और सामाजिक संगठनों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए याद किया। रासबिहारी बोस का जन्म 25 मई 1886 को बंगाल के एक कायस्थ परिवार में हुआ था। शुरूआती दिनों में वे स्वतंत्रता और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ वैचारिक तौर पर लडाई लड़ते थे। साल 1905 से वे स्वतंत्रता आंदोलनों व क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रिय हुए। उस समय बोस की उम्र महज़ 19 वर्ष की थी। इससे यही मालूम पड़ता है कि रासबिहारी बोस शीघ्र निर्णय लेने में काफी सक्षम थे व शीघ्र निर्णय लेना उनका मूल गुण था।
23 दिसबंर 1912 को पहली बार वायसरॉय लॉर्ड हार्डिंग कलकत्ता आ रहे थे। सूचना मिलने के बाद बॉस ने उन पर बम फेंकने की योजना बनाई गई। योजना का नेतृत्व क्रांतिकारी बसंत कुमार को दिया गया। जब वायसरॉय पर बम फेंका गया तो कुछ समय बाद वहां भगदड़ मच गई। लेकिन थोड़ी देर बाद पता चला कि लॉर्ड हार्डिंग बच गए हैं। और रासबिहारी बोस वहां से भाग कर देहरादून चले गए। बाद में उन्होंने देहरादून के वन अनुसंस्थान में हेड क्लर्क की नोकरी करने लगे। इसी बीच कई क्रांतिकारियों को पुलिस ने धरपकड़ किया। गिरफ्तारी से बचने के लिए रासबिहारी ने साल 1915 को जापान में शरण ली। वहां उन्होंने खुद को बचाने के लिए 17 ठिकाने बदलें।
साल 1916 में रासबिहारी बोस को जापान की नागरिकता मिली। रासबिहारी बोस ने जापान की महिला तोशिको सोमा से शादी की। उनके दो बच्चे हुए। जापान में रासबिहारी बोस ने हिन्दू महासभा की स्थापना की और उसके प्रथम अध्यक्ष भी रहें। जापान में रहते हुए भी बोस स्वदेश की गुलामी से दुखी थे। फिर उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत से युद्ध कर देश को आजाद कराने के मकसद से आजाद हिंद फौज की स्थापना की। फौज की कमान रासबिहारी बोस ने सुभाषचंद्र बोस को दी।
साल 1943 को जापान सरकार ने अपने देश के दूसरे सबसे बड़े अवार्ड 'ऑर्डर ऑफ राइजिंग' से सम्मानित किया। 21 जनवरी 1945 को जापान के क्योटो शहर में रासबिहारी बोस का निधन हो गया।
बोस की पुण्यतिथि पर केन्द्रीय परिवहन मंत्री ने ट्वीटर के माध्यम से अभिवादन किया। मध्यप्रदेश सरकार ने बोस की पुण्यतिथि पर संदेश दिया कि महान क्रांतिकारी नेता, आजाद हिंद फ़ौज के निर्माता एवं प्रख्यात वकील व शिक्षाविद रास बिहारी बोस जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि कोटि नमन। जापानी अधिकारियों को भारतीय राष्ट्रवादियों के साथ लाने और स्वतंत्रता आंदोलन को सक्रिय समर्थन दिलाने में बोस जी का योगदान अविस्मरणीय है।