Godhra Incident: लंबे इंतज़ार के बाद गोधरा अग्निकांड मामले में पीड़ितों को मिला न्याय

आज गुजरात में हुए गोधरा अग्निकांड की 20वीं सालगिरह हैं। इस अग्निकांड में 59 तीर्थयात्री साबरमती एक्सप्रेस की S-6 कोच में जिंदा जल कर मर गए थे। इसके कुछ सालों बाद अहमदाबाद में 2008 में हुएं सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे, इन मामलों में 49 दोषियों को 13 साल बाद आखिरकार सजा मिल गई।

February 27, 2022 - 18:50
February 27, 2022 - 20:07
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Godhra Incident: लंबे इंतज़ार के बाद गोधरा अग्निकांड मामले में पीड़ितों को मिला न्याय
गोधरा अग्निकांड-फ़ोटो: ट्विटर

मामला 26 जुलाई 2008 का है, जब अहमदाबाद नगर पालिका क्षेत्र में 70 मिनट के अंदर 21 बम धमाके हुए थे, जिसमें 56 लोगों की जान चली गई थी और लगभग 250 से भी ज्यादा लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए थे। देश के भीतर इतने कम समय में 21 बम धमाके पहले कभी नहीं हुए थे। इन बम धमाकों से पूरा अहमदाबाद दहल उठा था। इस सीरियल बम ब्लास्ट के 38 दोषियों को फांसी और 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।पुलिस ने जांच के बाद दावा किया था कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (IM) से जुड़े लोगों ने साल 2002 में गुजरात दंगों (गोधरा अग्निकांड ) का बदला लेने के लिए इन हमलों को अंजाम दिया था।

अहमदाबाद पुलिस ने 20 प्राथमिकी मामले दर्ज की गई थी, इसके अलावा सूरत में भी 15 अन्य प्राथमिकी मामले दर्ज किए थे, जहां अलग-अलग स्थानों से बम बरामद किए गए थे। अहमदाबाद अदालत ने सभी 35 प्राथमिकी मामलों को मर्ज करने के बाद मुकदमा चलाया था, क्योंकि पुलिस की जांच के अनुसार "यह घटना एक ही साजिश का हिस्सा था।" 13 साल से भी ज्यादा पुराने इस मामले में विशेष अदालत ने पिछले साल सितंबर में सुनवाई पूरी की थी। तो वहीं दिसंबर 2009 में शुरू हुए इस मुकदमे में करीब 1,100 लोगों की गवाही हुई, लेकिन पर्याप्त सबूत नहीं मिलने के कारण 78 आरोपियो में से 28 लोगों को बरी कर दिया गया हैं।

गोधरा अग्निकांड में जिंदा जल गए थे 59 तीर्थयात्री

अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद के द्वारा फरवरी 2002 में पूर्णाहुति महायज्ञ का आयोजन किया गया था। जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालु ट्रेन से अयोध्या पहुंचे थे। अयोध्या से गुजरात वापस लौटते समय साबरमती एक्सप्रेस में करीब 1,700 हिंदू तीर्थयात्री और कारसेवक सवार हुए थे। ट्रेन जब 27 फरवरी, 2002 की सुबह 7 बजकर 43 मिनट पर गुजरात के पंचमहल जिले में पड़ने वाले गोधरा स्टेशन पहुंची। इसके बाद ट्रेन जैसे ही अगले स्टेशन की ओर रवाना होने लगी थी। उसी समय किसी ने चेन खींचकर ट्रेन को रोक दिया और फिर ट्रेन के ऊपर पथराव होने लगा, आगे किसी को कुछ समझ आता उसके पहले ही ट्रेन के S-6 कोच में आग लगा दिया जाता है, जिसमें 59 लोगों की जिंदा जलने से मौत हो जाती हैं।

गोधरा कांड के बाद हुआ था पूरे गुजरात में हिंसक दंगा

गोधरा कांड की घटना में करीब 1,500 लोगों के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी मामला दर्ज किया था। इस घटना के बाद पूरे गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी, जिससे काफी जान-माल का नुकसान हुआ। हालात इस कदर बेकाबू हुआ कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को गुजरात की जनता से शांति की अपील करनी पड़ी थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इन दंगों में करीब 1,200 लोगों की मौत हुई थी।

लॉकडाउन के समय भी चलती रही सुनवाई 

अहमदाबाद में हुएं सिलसिलेवार धमाकों पर करीब 13 सालों तक जांच और सुनवाई चलती रही। यहां तक कि  कोरोना वायरस के दौरान देश में लॉकडाउन लगने के बाद भी इस मामले की सुनवाई लगातार चलती रही। भारत के इतिहास में पहली बार एक साथ 49 आरोपियों को आतंकवाद के जुर्म में दोषी ठहराया गया है। इस मामले की पूरी सुनवाई के दौरान अब तक सात जज बदल चुके हैं।

पुलिस द्वारा अदालत में जमा किए गए दस्तावेज

पुलिस द्वारा जब साल 2009 में कानूनी कार्यवाही शुरू हुई थी, जिसमें करीब 1,163 लोगों की गवाही ली गई और इसके अलावा अदालत में 6,000 दस्तावेजी सबूत पेश किए गए थे। तो वहीं अदालत में 3,47,800 पेजों की कुल 547 चार्जशीट जमा की गई थी, जिसमें लगभग 9,800 पेज की सिर्फ प्रायमरी चार्जशीट थी। 

21 बम धमाकों से दहल उठा था पूरा अहमदाबाद

जुलाई 2008 के दिन अहमदाबाद शहर में केवल 70 मिनटों के अन्दर कुल 21 बम धमाके हुए थे। इन बम धमाकों में 56 लोगों की जान चली गई और 250 से भी ज्यादा लोग घायल हुए थे। पुलिस ने कार्रवाई में बताया कि इन बम धमाकों के पीछे इंडियन मुजाहिदीन (IM) से जुड़े लोग थे। इंडियन मुजाहिदीन को स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा संगठन बताया जाता है। तो वहीं इस घटना की साज़िश केरल के जंगलों में रचा गया था।

बम धमाकों के बाद सीएम ने दिए थे गिरफ्तारी के आदेश

26 जुलाई, 2008 के दिन अहमदाबाद में सीरियल बम धमाकों के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी आतंकियों की जल्द गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे। गुजरात के तत्कालीन DGP आशीष भाटिया के नेतृत्व में एक बेहतरीन अफसरों की टीम बनाई गई थी। वहीं देश के मौजूदा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 27 तारीख को अहमदाबाद का दौरा किया था।

मात्र 19 दिन में ही पकड़े गए थे 30 आतंकी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अहमदाबाद आने के पश्चात 28 जुलाई को गुजरात पुलिस DGP आशीष भाटिया के नेतृत्व एक टीम बनाई गई, जिसने केवल 19 दिनों में ही 30 आतंकियों को पकड़ लिया था। इसके बाद बचे हुए आतंकी समय-समय पर पकड़े गए। अहमदाबाद में हुए बम धमाकों से पहले इंडियन मुजाहिदीन (IM) की बनाईं हुई इसी टीम ने ही जयपुर और वाराणसी में भी धमाकों को अंजाम दे चुके हैं। इन आतंकवादियों को पकड़ने के लिए कई राज्यों की पुलिस लगी हुई थी, लेकिन ये आतंकी संगठन एक के बाद एक धमाके करते चले गए। 26 जूलाई को अहमदाबाद में हुए बम धमाकों के दूसरे दिन यानि कि 27 जुलाई को भी सूरत में सीरियल ब्लास्ट होने वाले थे, लेकिन टाइमर में गड़बड़ी के कारण ये धमाके नहीं हो पाए।

बम धमाकों में कुल 78 आरोपी थे पुलिस के निशाने पर

उत्‍तर प्रदेश के आजमगढ़ के सबसे खूंखार बाहुबली और अहमदाबाद में हुए बम धमाकों के मुख्य आरोपी अबू बशर को उत्तर प्रदेश से गुजरात ले जाने के लिए गुजरात सरकार को स्पेशल एयरक्राफ्ट भेजना पड़ा। अहमदाबाद में हुए बम धमाकों की साजिश के मामले में अदालत आज फैसला सुना सकती है। अब तक इस मामले में 78 आरोपियों पर आरोप पत्र तैयार किया जा चुका है और अभी 6 आरोपियों पर आरोप पत्र तैयार होना बाकी है, जिसमें से 2 आरोपियों की मौत हो चुकी हैं। तो वहीं 82 आतंकवादी जेलों में कैद हैं।

जेल से भागने के लिए आरोपियों ने खोदी 213 फीट लंबी सुरंग

गुजरात की विशेष अदालत ने इस मामले की शुरुआती सुनवाई में आरोपियों को साबरमती सेंट्रल जेल में डाल दिया था। इसके बाद ज्यादातर मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होने लगी थी। इस जेल में बंद कुछ आरोपियों ने साल 2013 में जेल के अंदर 213 फीट लंबी सुरंग खोदकर जेल से भागने का प्रयास किया था। इसके बाद ज्यादातर मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होने लगी थी। 

बम धमाकों के पिछे था इंडियन मुजाहिदीन (IM) का हाथ

गुजरात पुलिस ने जांच के दौरान दावा किया था कि बम धमाकों के पीछे आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (IM) और बैन किए गए स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े आतंकवादियों का हाथ था। पुलिस के अनुसार, इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों ने साल 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के जवाब में ये बम धमाके किए हैं। अहमदाबाद में हुए बम धमाकों का मास्टरमाइंड इकबाल, यासीन भटकल और रियाज भटकल थे। इसके अलावा इस मामले के जुड़े एक अन्य आरोपी यासिन भटकल पर पुलिस नए सिरे से केस चलाने की तैयारी में है।

आईएम ने बम धमाकों से लिया गोधरा कांड का बदला

गुजरात पुलिस द्वारा अदालत में पेश किए गए आरोपों के अनुसार, इंडियन मुजाहिदीन (आई एम) ने अहमदाबाद में हुए 21 बम धमाकों के पीछे साल 2002 में हुए गोधरा कांड के बाद हुए हिंसक दंगों का बदला बताया है। अहमदाबाद नगर पालिका क्षेत्र में धमाकों के कुछ दिन के बाद पुलिस ने सूरत में अलग अलग जगहों से बम बरामद किए थे।