National Science Day: जानिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास, महत्व और इस वर्ष की थीम

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022: भारतीय भौतिक विज्ञानी चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है।

February 28, 2022 - 20:15
February 28, 2022 - 20:36
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National Science Day: जानिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास, महत्व और इस वर्ष की थीम
 भारतीय भौतिक विज्ञानी चंद्रशेखर वेंकट रमन -फोटो : Social Media

भारतीय भौतिक विज्ञानी चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 का विषय ‘सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण’ है। सीवी रमन ने इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस, कोलकाता की प्रयोगशाला में काम करते हुए रमन प्रभाव की खोज की थी। विज्ञान के क्षेत्र में दिए बहुमूल्य योगदान के लिए उन्हें साल 1930 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। बता दें कि यह विज्ञान के क्षेत्र में भारत का पहला नोबेल पुरस्कार था। महान वैज्ञानिक को श्रद्धांजलि देने के लिए साल 1987 से भारत इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाता आ रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वैज्ञानिकों और विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर बधाई दी। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस और मानव प्रगति के लिए विज्ञान की शक्ति का लाभ उठाने के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का आह्वान किया।

नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करते हुआ लिखा, “सभी वैज्ञानिकों और विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की बधाई। आइए हम अपनी सामूहिक वैज्ञानिक जिम्मेदारी को पूरा करने और मानव प्रगति के लिए विज्ञान की शक्ति का लाभ उठाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें।“

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की कैसे हुई शुरुआत

चंद्रशेखर वेंकट रमन को ‘रमन प्रभाव’ के लिए 28 फरवरी साल 1986 से इस दिवस को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था। हर साल सीवी रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज के लिए व विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने और समाज में जागरूकता लाने के लिए दिए गए योगदान के उपलक्ष में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने की आधिकारिक घोषणा

साल 1986 में, राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में नामित किया जाए। यह अवसर अब पूरे भारत में स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य विज्ञान, इंजीनियरिंग, चिकित्सा और अनुसंधान संगठनों में आयोजित किया जाता हैं। शैक्षिक संस्थानों, सार्वजनिक भाषण, रेडियो, टीवी, विज्ञान फिल्में, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं और विज्ञान मॉडल प्रदर्शनियों का आयोजन करके राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाते हैं। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के मन में विज्ञान को लेकर रूचि बढ़ाना और इसका महत्व समझाना है।

कौन थे सी वी रमन?

सर चंद्रशेखर वेंकट रमन एक भारतीय भौतिक विज्ञानी थे। जिनका जन्म 7 नवंबर साल 1888 को तिरुचिरापल्ली मद्रास के एक तमिल परिवार में हुआ था। सी वी रमन प्रकाश प्रकीर्णन के क्षेत्र में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। रमन प्रभाव की खोज के लिए भौतिकी में साल 1930 का नोबेल पुरस्कार मिला और वह विज्ञान की किसी भी शाखा में नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले एशियाई थे। उन्हें रॉयल सोसाइटी के फेलो के द्वारा मट्टूरी मेडल, नाइट बैचलर व ह्यूजेस मेडल से भी सम्मानित किया गया था। रमन प्रभाव की खोज 28 फरवरी साल 1928 को हुई थी। इस दिन को भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 1954 में, भारत सरकार ने उन्हें पहले भारत रत्न, अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया। बाद में उन्होंने वैज्ञानिक अनुसंधान पर प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू की नीतियों के विरोध में पदक को लौटा दिया था। अक्टूबर 1970 के अंत में, रमन को कार्डियक अरेस्ट हुआ और वह अपनी प्रयोगशाला में गिर गए। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जिसके बाद 21 नवंबर 1970 को 82 वर्ष की आयु में प्राकृतिक कारणों से उनकी मृत्यु हो गई।