Agni Prime missile:अग्नि प्राइम के रूप में DRDO ने किया अग्नि मिसाइल का तीसरा सफल परीक्षण, चीन तक पहुंचने में सक्षम हैअग्नि प्राइम मिसाइल
अग्नि प्राइम का परीक्षण उड़ीसा के बालासोर स्थित एपीजे अब्दुल कलाम द्विप से किया गया है। यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी DRDO ने शनिवार को अग्नि मिसाइल का तीसरा सफल परीक्षण अग्नि प्राइम के रूप में किया है। अग्नि प्राइम के सफल परीक्षण के रूप में डीआरडीओ ने देशवासियों को नए साल से पहले एक तौहफा दिया है। बता दें कि अग्नि प्राइम का परीक्षण उड़ीसा के बालासोर स्थित एपीजे अब्दुल कलाम द्विप से किया गया है। यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 1000 से 2000 किलोमीटर है, इसे अग्नि-6 का भी नाम दिया गया है।
अग्नि सीरीज की अन्य मिसाइलें और उनकी विशेषताएं:
अग्नि-1 – इसमें SLV 3 बूस्टर का प्रयोग किया गया है तथा इसकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर है। वहीं इसमें भरे जाने वाले ईंधन की अवस्था द्रव होती है। 28 मार्च 2010 में इसका पहला परीक्षण किया गया था तथा इस मिसाइल से परमाणु सामग्री को भी ले जाया जा सकता है ।
अग्नि-2 – परमाणु क्षमता वाली इस मिसाइल की मारक क्षमता अग्नि-1 की तुलना में कहीं अधिक 3000 किलोमीटर है, यह अपने साथ 1000 किलोग्राम सामग्री ले जाने में सक्षम है।
अग्नि-3 – अग्नि-3 की मारक क्षमता 3000 से 4000 किलोमीटर तक है। इससे 600 से 1800 किलोग्राम परमाणु सामग्री को ले जाया जा सकता है, उसकी गति 5 से 6 किलोमीटर पर सेकंड है ।
अग्नि-4 – इसकी मारक क्षमता 4000 किलोमीटर तक की है, इसके रेंज में पूरा पाकिस्तान व आधा चीन आ सकता है, यह भी परमाणु क्षमता वाली मिसाइल है।
अग्नि-5 - अप्रैल 2012 में अग्नि 5 का पहला परीक्षण किया गया था। इस मिसाइल से भारतीय सेना है पूरे चीन को निशाना बना सकने में सक्षम है। इसकी क्षमता 5000 से 7000 किलोमीटर है।
इसी प्रकार अन्य देशों के पास सतह से सतह पर मार करने वाली निम्न मिसाइलें हैं:
अमेरिका:- अमेरिका की बात की जाए तो अमेरिका के पास इस श्रेणी में 5 मिसाइलें है।
• FGM-148 JAVELIN
• BGM-71 TOW
• BGM-109 TOMAHAWK
• RGM-85 HARPOON
• MGM-140 ATACMS
चीन:- चीन के पास इस श्रेणी की मिसाइलें
• DF-41 – मारक क्षमता ( 12000 – 15000 KM )
• DF-31 – मारक क्षमता ( 7000 – 8000 KM )
• DF-17 – मारक क्षमता ( 2500 KM )