Omicron: क्या ओमिक्रॉन साबित हो सकता है खतरनाक? एम्स के डायरेक्टर ने कहा हमें रहना चाहिए तैयार
ओमिक्रॉन के बारे में एम्स के डायरेक्टर ने कहा हमें तैयारी करनी चाहिए और आशा करनी चाहिए कि चीजें यूनाइटेड किंगडम की तरह खराब न हों।
दुनियाभर में जिस तरह उथल-पुथल हो रही है, उससे सभी भली-भांति वाकिफ़ हैं। जिसका कारण कोरोना वायरस का नया वेरिएंट 'ओमिक्रॉन' है। ओमीक्रोन' वेरिएंट के बढ़ते मामलों ने दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है । भारत समेत 40 से अधिक देशों में इस वेरिएंट के मामले सामने आने पर सभी देश इस दुविधा मे हैं, कि 'ओमिक्रॉन' और कितना खतरनाक हो सकता हैं? क्योंकि दुनियाभर में जिस तरह मामले बढ़ते ही जा रहे हैं, यह प्रश्न उठना भी वाजिब है।
ख़बरों के मुताबिक़ कर्नाटक में दो लोगों के ओमीक्रोन वेरिएंट से संक्रमित पाए जाने के बाद एक्सपर्ट्स और वायरलॉजिस्ट्स ने बताया है, कि भारत में कोरोना का यह नया स्ट्रेन शायद बहुत पहले से फैल रहा था। एक एक्सपर्ट से हुई बातचीत में एक्सपर्ट ने यह भी संदेह जताया है कि दक्षिण अफ्रीका 'ओमिक्रोन' की पहचाने हो जाने से बहुत पहले, यहां तक की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी भारत में यह वेरिएंट मौजूद रहा होगा। बिना किसी ट्रैवल हिस्ट्री वाले व्यक्ति का ओमीक्रोन से संक्रमित होना भी साफ तौर पर इसी ओर इशारा करता है कि संभवतः पहले से यह वेरिएंट भारत में रहा होगा, बस पहचान में नहीं आया होगा।
सूत्रों के हवाले से पिछले 24 घंटे में आई ख़बर के अनुसार, भारत में कोरोना के 7081 केस सामने आए हैं और रही बात 'ओमिक्रोन' की तो भारत में ओमिक्रोन से संक्रमित मरीज़ों की संख्या भी 100 से अधिक हो चुकी है। वहीं पिछले 24 घंटे में 264 लोग कोरोना के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं,जो चिंता का विषय है। बता दें कि इस मुद्दे पर , AIIMS Delhi के Director, Dr. Randeep Guleria ने ANI News एजेंसी को जानकारी देते हुए कहा कि " हमें तैयारी करनी चाहिए और आशा करनी चाहिए कि चीजें यूनाइटेड किंगडम की तरह खराब न हों। हमें और डेटा चाहिए। जब भी दुनिया के दूसरे हिस्सों में मामलों में उछाल आता है। हमें इसकी बारीकी से निगरानी करने की जरूरत है।"
डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमाइक्रोन वेरिएंट कितना अलग है ?
''टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के तहत , "जीनोम अनुक्रमण के परिणाम से पता चलता है कि डेल्टा संस्करण की तुलना में ओमिक्रोन संस्करण अधिक भारी रूप से उत्परिवर्तित है। ऐसा कहा जाता है कि डेल्टा में पाए जाने वाले 18 प्रोटीन की तुलना में स्पाइक प्रोटीन में ही 30 से अधिक उत्परिवर्तन होते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह नए COVID संस्करण को वैक्सीन-प्रेरित एंटीबॉडी के प्रति प्रतिरक्षित बनाता है, जिससे अधिक सफल संक्रमण होते हैं।"