ISRO chief's claim: "वेदों से मिले विज्ञान के सिद्धांत, पश्चिमी देशों ने सिर्फ इन्हें अपनी खोज बताया" ISRO चीफ के दावे में कितना दम?

ISRO Chief S Somnath Chandrayan 3: उन्होंने कहा था ‘साइंस के सिद्धांत वेदों से आये हैं’. उनका कहना है कि अलजेब्रा से लेकर यूनिवर्स तकसारा ज्ञान वेदों में पाया गया है जो बाद में अरब देशों के जरिए यूरोप में गया जिसे बाद में वहां के वैज्ञानिकों की खोजों के रूप में पेश किया गया. 

August 25, 2023 - 14:23
August 25, 2023 - 17:39
 0
ISRO chief's claim: "वेदों से मिले विज्ञान के सिद्धांत, पश्चिमी देशों ने सिर्फ इन्हें अपनी खोज बताया" ISRO चीफ के दावे में कितना दम?
ISRO Chief S Somnath:Chandrayan 3

ISRO Chief  S Somnath Chandrayan 3: चन्द्रयान-3 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख एस सोमनाथ के उस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा बढ़ गई है जिसमें उन्होंने कहा थासाइंस के सिद्धांत वेदों से आये हैं’. उनका कहना है कि अलजेब्रा से लेकर यूनिवर्स तकसारा ज्ञान वेदों में पाया गया है जो बाद में अरब देशों के जरिए यूरोप में गया जिसे बाद में वहां के वैज्ञानिकों की खोजों के रूप में पेश किया गया

कुछ लोग इसके पक्ष में तर्क दे रहे हैं तो कुछ लोग इस बयान को लेकर ISRO प्रमुख का मजाक बना रहे हैं. इस सब से इतर इस बात को समझना जरुरी है कि आधुनिक दौर में वैज्ञानिक इस तरह के दावे क्यों कर रहे हैं?

ISRO प्रमुख के दावे में कितना दम ?

एस सोनाथ के बयान से पूर्व इसरो के पूर्व अंतरिक्ष वैज्ञानिक एवं प्रधानमंत्री के साइंस एवं तकनीक मामलों के 1990 में ओएसडी रहे डॉ. ओमप्रकाश पांडे ने भी वेदों पर शोध करके विज्ञान के रहस्यों से जुड़े तथ्य रखे हैं.

उन्होंने बताया जब वे 2001 में काम के दौरान NASA गए तो वहां उनके सामने सूर्य मंत्र आया. इसके बाद उनकी इच्छा वेदों का अध्ययन करने की हुई. उन्होंने जब वेदों का अध्ययन शुरू किया तो पता चला कि विज्ञान की अधिकतर थ्योरी जो उन्होंने पश्चिम देशों के वैज्ञानिकों के नाम से पढ़ी थी, वही थ्योरी इन वैज्ञानिकों से हजारों साल पहले वेदों में दी जा चुकी है. अपने पिछले 16 सालों के शोध के दौरान उन्होंने पाया कि गुरुत्वाकर्षण का न्यूटन का सिद्धांत न्यूटन से पूर्व 6000 बीसी मेंअपरं संयोग अभावे गुरुत्वात पतनेऋग्वेद में लिखा हुआ है, जो धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के बारे में बताता है. इसके अलावा पृथ्वी गोल है इसका उदाहरण भी ऋग्वेद के श्लोक 'चक्राणास परिणहं पृथिव्यामें मिलता है.

पृथ्वी के वजन के बारे में भी वेदों में ‘1600 शंख मणलिखा है जो बिलकुल सही है. डॉ. पांडे ने बताया कि वेदों को पुराने समय का ग्रंथ कहकर गंभीरता से ना लेना हमारी सबसे बड़ी भूल रही है. उन्होंने बताया कि कैलकुलस का ज्ञान भीकेरल के भास्कराचार्यने ही दिया.

Abhishek Singh Experienced Content Specialist with a demonstrated history of working in the Internet Industry. Skilled in News Writing, Copy Editing, Journalism and Web Content writing.