CBI रेड के बाद सत्यपाल मलिक का पीएम मोदी और अडानी पर वार, क्या है पूरा घटनाक्रम

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फ़िर नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है. मलिक पहले भी सरकार के ख़िलाफ़ बोलते रहे हैं

May 23, 2023 - 16:36
May 23, 2023 - 20:25
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CBI रेड के बाद सत्यपाल मलिक का पीएम मोदी और अडानी पर वार, क्या है पूरा घटनाक्रम
Satypal Malik

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फ़िर नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है. पुलवामा हमले के मामले में रविवार को बोलते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव 'सैनिकों की लाशों पर' लड़ा गया, अगर इस मामले में जांच होती तो तत्कालीन गृहमंत्री को इस्तीफा देना पड़ता. सत्यपाल मलिक ने दावा करते हुए कहा कि उन्होंने घटना के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सूचित किया था, लेकिन पीएम ने उन्हें 'चुप रहने' के लिए कहा था. गौतम अडानी को लेकर भी सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ के लोग गौतम अडानी हैं. उन्होंने तीन साल में इतनी दौलत जमा कर ली कि देश के सबसे अमीर व्यक्ति हो गए. मलिक ने लोगों से सवाल पूछते हुए कहा कि आप में से किसी की दौलत बढ़ी हो तो मुझे बताइए. सत्यपाल मलिक ने अलवर ज़िले के बानसूर में एक कार्यक्रम में ये बातें कहीं.

मलिक ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि जब मैं गोवा का राज्यपाल था तो मैंने मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार की शिकायत प्रधानमंत्री से की और नतीजा ये निकला कि मुझे हटा दिया और गोवा के मुख्यमंत्री को नहीं हटाया गया. इसलिए मैं आश्वस्त हूं कि ये अपनी नाक के नीचे भ्रष्टाचार कराते हैं और उसमें इनकी हिस्सेदारी होती है और पूरी रकम अडाणी को जाती है. सत्यपाल मलिक ने लोगों से सरकार बदलने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जनता ही इस सरकार को हटा सकती है. मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि इस बार चूके तो इसके बाद आपको वोट देने का मौका नहीं मिलेगा.

पहले भी सरकार के ख़िलाफ़ बोलते रहे हैं मलिक

मलिक पहले भी जम्मू-कश्मीर के मुद्दों पर बोलते रहे हैं. इससे पहले मलिक ने केंद्र सरकार के द्वारा लाये गये तीन कृषि कानूनों (जो अब निरस्त हो चुके हैं) के विरोध के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन किया था. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे.

सत्यपाल मलिक के करीबियों के 12 ठिकानों पर CBI रेड

जम्मू-कश्मीर के इंश्योरेंस और किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट स्कैम से जुड़े केस में CBI ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और राजस्थान में 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी. तलाशी में सीबीआई पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के मीडिया सलाहकार रहे सुनक बाली के घर भी पहुंचे. ये मामला तब सामने आया था जब सत्यपाल मलिक 23 अगस्त 2018 से लेकर 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे. मलिक ने खुद इस मामले की शिकायत की थी. उन्होंने कहा था कि फ़ाइलों को मंजूरी देने के बदले उन्हें 150-150 करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी. CBI ने इस पर केस दर्ज किया था. सत्यपाल मलिक के भी बयान दर्ज किए थे. इस पूरे मामले पर अब मलिक ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि CBI इस मामले में शिकायतकर्ता को ही परेशान कर रही है. सुनक बिना किसी सरकारी वेतन के जम्मू-कश्मीर में मेरे सेक्रेटरी थे. 

इस मामले में पहले की घटना

बीमा घोटाले में सीबीआई ने 28 अप्रैल को सत्यपाल मलिक से लंबी पूछताछ की थी. ये पूछताछ सत्यपाल मलिक के निवास स्थान पर हुई थी. इससे पहले बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय के राज्यपाल पद से रिटायर होने के बाद पिछले साल अक्टूबर में भी सीबीआई ने इस केस में पहली बार उनका बयान दर्ज किया था. सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि जब वो जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे तो उस वक़्त दो फ़ाइलों को क्लियर करने के लिए उनसे रिश्वत की पेशकश की गई थी. 

बता दें कि सत्यपाल मलिक को 2018 में बतौर राज्यपाल केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर भेजा था. सत्यपाल मलिक के कार्यपाल में ही 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया था. इस दौरान सत्यपाल मलिक की भूमिका अहम रही थी. इसके बाद बतौर राज्यपाल सत्यपाल मलिक का तबादला मेघालय कर दिया गया था. 

इंश्योरेंस स्कैम मामला

मलिक ने जिन दो फ़ाइलों का ज़िक्र किया था, उसके बारे में कभी खुलकर नहीं बताया. रिपोर्ट के मुताबिक, सत्यपाल मलिक सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और पत्रकारों के लिए लाए गए ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ी एक फ़ाइल का ज़िक्र कर रहे थे. इसमें अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी शामिल थी.

मलिक ने रिलायंस के साथ डील कर दी थी कैंसिल

बाद में मलिक ने कुछ गड़बड़ी के अंदेशे को देखते हुए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के साथ यह डील कैंसिल कर दी थी. दो दिन बाद गवर्नर ने एंटी-करप्शन ब्यूरो को इस डील की जानकारी देते हुए कहा था कि वो इस कॉन्ट्रैक्ट की तह तक जांच-पड़ताल करे कि क्या इसमें किसी तरह का भ्रष्टाचार हुआ है.

Harish Sahu छत्तीसगढ़ का निवासी हूँ. फ़िलहाल जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहा हूँ. लिखने की कोशिश में लगा हुआ हूँ.