Sri Lanka Crisis: लगातार बिगड़ रहा श्रीलंका का हाल, 1900 रूपये किलो बिक रहा मिल्क पाउडर
Economic Crisis:आजादी मिलने के बाद से श्रीलंका अब तक के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। वर्तमान में श्रीलंका की कुल आबादी 2.2 करोड़ है जिनकी जरूरतें पूरी करने में सरकार असमर्थ है और यही कारण है कि श्रीलंका की जनता लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है।
Sri Lanka Economic Crisis: भारत के पड़ोसी मुल्क श्रीलंका में लोगों के पास खाद्य सामग्री एवं जरूरी सामान की लगातार कमी होने के कारण लोग हिंसा, प्रदर्शन एवं दंगे को अंजाम दे रहे हैं। वर्तमान में श्रीलंका में न तो खाने के लिए कुछ है, न बिजली है, न ईंधन है और ऊपर से संपूर्ण देश में आपातकाल लगाया जा चुका है।
श्रीलंका की बढ़ती परेशानियों एवं उन परेशानियों से लोगों में बढ़ते आक्रोश को कम करने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने पूरे देश में आपातकाल घोषित कर दिया है। लोग लगातार राष्ट्रपति से इस्तीफा की मांग कर रहे हैं साथ ही देश भर में कई जगह तोड़ फोड़ को भी अंजाम दिया गया है।
श्रीलंका की आर्थिक संकट कि कुछ खास बातें
• 4 फरवरी 1948 को आजादी मिलने के बाद से श्रीलंका अब तक के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। वर्तमान में श्रीलंका की कुल आबादी 2.2 करोड़ है जिनकी जरूरतें पूरी करने में सरकार असमर्थ है और यही कारण है कि श्रीलंका की जनता लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। इसी प्रदर्शन को रोकने के कारण राष्ट्रपति राजपक्षे ने वहां कर्फ्यू लगा दिया है जिसमें मात्र जरूरी सेवा प्रदान करने वाले लोग ही घर से बाहर निकल पाएंगे।
• श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने 1 अप्रैल से श्रीलंका में आपातकाल की घोषणा कर दी है और घोषणा करते हुए कहा है कि यह आपातकाल देश में कानून व्यवस्था को बनाए रखने एवं जरूरी समानों की सप्लाई को जारी रखने के लिए लगाई गई है। विदेशी मुद्रा भंडार कम होने के कारण श्रीलंका आवश्यक वस्तुओं का आयात करने में असमर्थ है।
• लगातार बिगड़ रही स्तिथि को देखते हुए भारत ने मदद का हाथ आगे बढाया है और लगभग 40,000 टन डीजल श्रीलंका तक पहुंचाया है। यह डीजल भारत ने श्रीलंका को उसके क्रेडिट लाइन के तहत दी है। श्रीलंका में 50 से अधिक लोगों को पिछले सप्ताह प्रदर्शन करने के लिए गिरफ्तार भी किया गया है, ताकि लोग गिरफ्तारी को गंभीर रूप से लें और प्रदर्शन न करें।
• श्रीलंका में परिवहन व्यवस्था की बात करें तो वहां के कुल परिवहन में मात्र 30% हिस्सा ही सरकारी बसों का है जबकि 70% हिस्सेदारी निजी बसों के पास है। वर्तमान समय में सरकारी बसों के पास तो उपयुक्त मात्रा में डीजल है परंतु निजी बस के मालिकों का कहना है कि उनके पास परिवहन व्यवस्था का संचालन करने के लिया पर्याप्त ईंधन नहीं है। देश की जनता इन सभी परेशानियों के लिए मौजूदा सरकार पर इल्जाम लगा रही है और लगातार श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में प्रदर्शन कर रही है। प्रदर्शन के दौरान कई सरकारी बसों को भी आग में फूका जा चुका है।
• अपने सबसे बुरे दौर से गुजरने वाला श्रीलंका आज अपने नागरिकों की आवश्यकता कि पूर्ति करने के लिए दूसरे देशों के सामने हाथ फैलाए खड़ा है। देश की डगमगाती स्तिथि को देखते हुए राष्ट्रपति ने आपातकाल की घोषणा तो अवश्य कर दी है परंतु लोगों कि आवाज को दबाना असंभव सा हो गया है। राष्ट्रपति राजपक्षे का कहना है कि देश की मौजूदा स्तिथि के जिम्मेदार वो नहीं है बल्कि कोरोना महामारी है। बता दें कि श्रीलंका की कुल जीडीपी में लगभग 13% योगदान टूरिज्म इंडस्ट्री का है जो कि महामारी के कारण पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया है।
• पर्यटन में भारी गिरावट होने के कारण श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार की कमी हो गई है जिसके कारण खाद्य सामग्री, गैस, ईंधन सभी कि कीमतें आसमान छूती दिख रही है। हाल कुछ इस प्रकार है कि वर्तमान में श्रीलंकन रूपया डॉलर के मुकाबले गिरकर लगभग 90 तक आ गया है। सरकार बिजली की पूर्ति करने में भी असमर्थ है और इसी कारण संपूर्ण देश में प्रत्येक दिन लगभग 10 घंटे बिजली की कटौती की जा रही है।
For how much longer are we going to hold a candle on the pavement and protest silently?
I think its about time people get onto the streets and make some noise. #GoHomeRajapaksas #GoHomeGota #PowerCutLK pic.twitter.com/BYvIkzKwrd — Aysha
• वर्तमान में श्रीलंका के रोजमर्रा की जीवन में उपयोग करने वाली वस्तुओं की बढ़ती कीमतों की बात करें तो उसकी सूची कुछ इस प्रकार है–
चावल:– 220₹ प्रति किलो (INR)
गेंहू:– 190₹ प्रति किलो (INR)
चीनी:– 240₹ प्रति किलो (INR)
पाउडर वाला दूध:– 1900₹ प्रति किलो (INR)
अंडा:– 30₹ प्रति पीस (INR)
खाने योग्य नारियल तेल:– 850₹ प्रति लीटर (INR)
आलू:– 240₹ प्रति किलो (INR)
प्याज:– 205₹ प्रति किलो (INR)
• इस मुश्किल भरे दौर में जनता बदहाल होकर शुक्रवार की रात कोलंबो की सड़कों पर उतर आई एवं प्रदर्शन आरंभ कर दिया था। प्रदर्शन के साथ ही लगभग 5000 लोगों ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास की ओर रैली निकाली थी। इस रैली के दौरान लोगों की पुलिस से झड़प हुई जिसमें पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया वहीं झड़प के दौरान लगभग 10 प्रदर्शनकारियों की मौत भी हो गई है। आम लोगों के साथ–साथ कई पत्रकार भी इस झड़प में घायल हुए हैं।
Police fire tear gas to disperse protesters in Negombo #SriLankaCrisis #LKA #SriLanka pic.twitter.com/U1TEV9qETx — Sri Lanka Tweet
• भारत ने श्रीलंका की दयनीय स्थिति को देखते हुए श्रीलंका को 1 अरब डॉलर का अतिरिक्त सस्ता कर्ज दिया है। कर्ज के साथ ही भारत आवश्यक खाद्य सामग्रियों के लगभग 1500 कंटेनर भी श्रीलंका भेज रहा है।