ट्रिब्यूनल में खाली पदों पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, हो सकती है अवमानना कार्यवाही शुरू
ट्रिब्यूनल में नियुक्तियों में हुई देरी और ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट, 2021 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र को आड़े हाथों लिया।
ट्रिब्यूनल में नियुक्तियों में हुई देरी और ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट, 2021 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र को आड़े हाथों लिया। 3 जजों की बेंच का नेतृत्व कर रहे मुख्य न्यायाधीश, एनवी रमन ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कड़े शब्दों में कहा, "हमने इस मसले की सुनवाई पहले भी की थी और विस्तृत फैसला सुनाया था। हमे यह प्रतीत हो रहा है कि इस कोर्ट के फैसलों की कोई इज्ज़त नही है।" सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि, "हमारे पास अब तीन ही रास्ते बचे हैं — पहला कि कानून पर रोक लगा दी जाए, दूसरा कि ट्रिब्यूनलों को बंद करने का निर्देश जारी किया जाए और इस मामले पर फैसले का अधिकार हाईकोर्ट को दे दिया जाए और तीसरा कि हम खुद ही नियुक्तियाँ करें।"
विलुप्त होने की कगार पर हैं कुछ ट्रिब्यूनल:
एनवी रमन ने कहा कि वे कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही भी शुरू कर सकते हैं। सीजेआई द्वारा नियुक्तियों की संख्या पूछे जाने पर, मेहता ने कहा कि सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में कुछ नियुक्तियाँ की गई हैं और वित्त मंत्रालय से प्राप्त पत्र के मुताबिक "जहाँ भी सिफारिश होगी, वहाँ दो हफ्ते में नियुक्ति का निर्णय लिया जाएगा।" इस पर बेंच में मौजूद, जस्टिस एल नागेश्वर राव ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सिफारिशें एक साल पहले की गई थी और अब हाल यह है कि कुछ ट्रिब्यूनल बंद होने की कगार पर आ गए हैं।
रिक्त पदों के कारण समयसीमा का पालन करने में विलम्ब:
जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) और राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण(NCLAT) के रिक्त पदों पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि ये ट्रिब्यूनल अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं। रिक्त पदों के कारण वे मामले का निपटारा नहीं कर पा रहे हैं या समयसीमा का पालन नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि मुख्य न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में हुई नियुक्तियों के लिए केंद्र की प्रशंसा की है।
ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट, 2021 पर कोर्ट की आपत्ती:
हाल ही में प्रख्यापित ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट, 2021 को लेकर जस्टिस चंद्रचूड़ जिन्होंने अध्यादेश के कुछ प्रावधानों को रद्द करने वाली बेंच का नेतृत्व किया था, ने कहा कि एजी के सभी सुझावों को ध्यान में रखकर यह आदेश दिया गया था। इसके बावजूद, केंद्र ने फैसले का सम्मान नहीं किया।
जयराम रमेश, ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट, 2021 के खिलाफ याचिका दायर करने वाले कांग्रेसी लीडर, के लिए उपस्थित वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "नया कानून, जस्टिस राव द्वारा रद्द प्रावधानों को पुनः लागू करता है।"
कोर्ट ने ट्रिब्यूनल में खाली पदों पर नियुक्ति के लिए एक हफ्ते की मोहलत दी है।