भारत में आई 2 से 18 वर्ष के बच्चों की कोरोना वैक्सीन, DCGI ने रखी 4 बड़ी शर्ते।
सबसे पहले ये कोरोना वैक्सीन 12 से 18 वर्ष के बच्चों को लगाई जाएगी जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है। इसके अलावा यह भी फैसला लिया जाएगा की हर उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाने की जरूरत है भी या नहीं।
देश में उन सभी मां बाप के लिए खुशी का अवसर है जो अपने बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन का इंतज़ार कर रहे थे। DCGI ने अपने अंडर काम करने वाले सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 2 से 18 वर्ष के बच्चों पर लगाने की सिफारिश की हैं।
DCGI ने रखी हैं ये चार शर्तें:
पहली शर्त:- कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की प्रकिया लगातार जारी रखी जाए।
दूसरी शर्त:- वैक्सीन की जानकारी में ये भी जोड़ा जाए कि इसके बच्चों पर क्या साइड इफेक्ट्स होंगे।
तीसरी शर्त:- बच्चों को वैक्सीन लगाए जाने के हर 15 दिन बाद वैक्सीन के होने वाले इफेक्ट्स को डेटा के जरिए कलेक्ट किया जाए।
चौथी शर्त:- वैक्सीन निर्माता कंपनी रिस्क मैनेजमेंट प्लान के बारे में बताए, और यह भी बताए कि इसके साइड इफेक्ट्स मिलने की स्थिति में क्या करना चाहिए।
अब इन सिफारिशों को फाइनल मंजूरी के लिए DCGI के पास भेजा जाएगा। उम्मीद है कि सबसे पहले यह कोरोना वैक्सीन 12 से 18 वर्ष के बच्चों पर लगाई जाएगी और कम इम्यूनिटी वाले बच्चों को मुख्य रूप से इस अभियान में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा यह भी फैसला लिया जाएगा की हर उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाने की जरूरत है भी या नहीं।
आपको बता दें कि कोवैक्सीन के अलावा Zydus Cadila की वैक्सीन Vaccine Zaycov-D को भी मंजूरी मिल गई है। इस वैक्सीन के 3 डोज jet injector की मदद से लगाए जाएंगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि इससे इंजेक्शन लगाने के बाद कोई दर्द नहीं होता। यह भी जानना अहम है कि दुनिया के कई देशों में 12 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए वैक्सीन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।