Kashmir Target Killing: कश्मीर में टारगेट किलिंग से प्रवासियों में डर का माहौल, बड़ी संख्या में लोग कर रहे पलायन
कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से आतंकवादी गतिविधियां तेज हो गई हैं। जहां टारगेट किलिंग के जरिए लोगों में डर फैलाया जा रहा है। बीते कुछ सप्ताह से कश्मीर में अन्य प्रदेशों से आए लोगों की हत्या हो रही है, इसमें श्रमिकों की संख्या सबसे अधिक है।
कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से आतंकवादी गतिविधियां तेज हो गई हैं। जहां टारगेट किलिंग के जरिए लोगों में डर फैलाया जा रहा है। बीते कुछ सप्ताह से कश्मीर में अन्य प्रदेशों से आए लोगों की हत्या हो रही है, इसमें श्रमिकों की संख्या सबसे अधिक है।
बता दें कि पिछले दिनों दो शिक्षकों एवं मजदूरों की हत्या के बाद पलायन तेजी से बढ़ रहा है। कश्मीर के इन हालातों ने स्थानीय लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है। उन्हें यह डर सता रहा है कि अगर बड़े स्तर पर पलायन होगा तो यह खामियाजा सभी स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ेगा।
बता दें कि कश्मीर में एक लाख से अधिक लोग अन्य प्रदेशों से आ कर रह रहे हैं। इनमें प्रमुख रूप से बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों से आकर जीवनयापन करने वाले लोग हैं। कश्मीर में आगे बढ़ रहे कृषि कार्यों में भी अन्य प्रदेशों के मजदूरों कि संख्या बहुत अधिक है। वहीं हजारों की संख्या में लोग यहां रेहड़ियां लगा कर जीवनयापन कर रहे हैं। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि वह कई कार्यों के लिए प्रवासी मजदूरों पर ही निर्भर है, इनके पलायन को रोकने के लिए सरकार को जल्द ही महत्वपुर्ण कदम उठाने चाहिए।
बीते दिनों हो चुकी है दो लोगों की हत्या:
बीते दिनों आतंकवादियों द्वारा उत्तर प्रदेश और बिहार के दो लोगों की हत्या की जा चुकी है। यह जानना भी अहम है कि बिहार का वह मजदूर जिसकी हत्या हुई है, गोलगप्पे की रेहड़ी लगाने का काम करता था तथा वहीं उत्तरप्रदेश का रहने वाला मजदूर बढ़ई का काम करता था। बता दें कि इसके बाद आतंकवादियो द्वारा दो शिक्षकों को भी निशाना बनाया गया।
दरअसल इन सभी घटनाओं के पीछे चरमपंथियों का हाथ बताया जा रहा हैं। चूंकि सरकार घाटी में शांति व्यवस्था कायम करने में कुछ हद तक सफल रही है और अल्पसंख्यकों को दोबारा घाटी में बसाने का प्रयास कर रही हैं। केंद्र सरकार द्वारा कश्मीरी पंडितो से जबरदस्ती हड़पी गई जमीनों को वापस दिलाने के लिए रिवेन्यू कोर्ट के द्वारा विशेष अदालतें भी लगाई जा रही हैं। लगातार घट रही घटनाओं को देखते हुए यह भी कहा जा सकता है कि कश्मीरी पंडितों को वापस बसाने और अमन बहाली के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम आतंकी संगठनों को रास नहीं आ रहें है। हालांकि सुरक्षा बलों द्वारा लगातार इन घटनाओं का जबाव आतंकवादियों को मारकर दिया जा रहा हैं।
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