प्रोटीन का सेवन आपके लिए भी हो सकता है खतरनाक, हो सकती है ये समस्याएं !
मानव शरीर को जीवित रहने के लिए केवल श्वास की ही आवश्यकता नहीं पड़ती है बल्कि शरीर को हष्ट-पुष्ट बनाए रखने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है, इनमें से एक प्रोटीन भी है। लेकिन प्रोटीन का अधिक मात्रा में सेवन आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।
मानव शरीर को जीवित रहने के लिए केवल श्वास की ही आवश्यकता नहीं पड़ती है बल्कि शरीर को हष्ट-पुष्ट बनाए रखने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता भी होती है, इनमें से एक प्रोटीन भी है। यह शरीर की मांसपेशियों के निर्माण में तथा उन्हें मजबूत बनाए रखने में सहायता करता है। इसके अलावा प्रोटीन हड्डियों के निर्माण में सहायता करता है, वजन को घटाने, बालों और स्किन की हैल्थ को बनाए रखने में भी यह अपनी भूमिका अदा करता है।
सब्जियाँ, दूध, नट्स, पनीर, मांस जैसे आहार के सेवन से शरीर में प्रोटीन की मात्रा पूरी की जा सकती है। लेकिन कभी-कभी कुछ लोग हड्डियों को ज्यादा मजबूत बनाने के उद्देश्य से प्रोटीन का बहुत अधिक मात्रा में सेवन करने लगते है, लेकिन प्रोटीन का अधिक मात्रा में सेवन आपकी सेहत को हानि पहुँचा सकता है। शरीर के लिए प्रोटीन को भी पर्याप्त मात्रा में लिया जाना चाहिए, यह मात्रा आवश्यकतानुसार होनी चाहिए।
अगर आप शरीर को ज्यादा स्वस्थ बनाने के नाम पर आवश्यकता से अधिक प्रोटीन का सेवन करते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि यह आपके लिए नुकसानदायक है, इसके कारण आपको निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है-
सांसो में दुर्गंध आना
शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए प्रोटीन तो जरूरी है ही लेकिन कार्ब भी आवश्यक होता है। लेकिन जब आप केटोजेनिक आहार अर्थात अधिक वसायुक्त, कम कार्ब और पर्याप्त प्रोटीन युक्त आहार वाली डाइट को फॉलो करते हैं तब भोजन में कार्ब की मात्रा कम हो जाती है जिस कारण से शरीर में कीटोसिस की स्थिति बनने लगती है ।और यह शरीर से कार्बोहाइड्रेट अर्थात कार्ब को बाहर निकालने लगती है जिससे शरीर में ऊर्जा के लिए फैट बर्न होने लगता है और सांसो में बदबू आने लगती है इसलिए प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा नियंत्रित रहनी चाहिए।
मूड संबंधी समस्याओं का उपजना
अमेरिका की अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि जो लोग तकरीबन एक वर्ष तक प्रोटीन की अधिक और कार्बोहाइड्रेट की कम मात्रा का सेवन करते हैं उन लोगों में नेगेटिव इमोशन्स, मूड स्विंग, डिप्रेशन और चिंता में डूबे रहने जैसी समस्याएँ उत्पन्न होने लगती हैं। प्रोटीन का अधिक सेवन और कार्ब का कम मात्रा में लिया जाना मस्तिष्क में सेरोटीन हार्मोन के स्तर को कम करने लगता है इसलिए कार्ब और प्रोटीन को नियंत्रित करना आवश्यक है।
कैलोस्ट्रोल का बढ़ना
हृदय को सवस्थ बनाए रखने के लिए प्रोटीन का सेवन जरूरी है लेकिन जब आप प्रोटीन का सेवन आवश्यकता से ज्यादा करने लगते हैं तो प्रोटीनयुक्त आहार जैसे दूध, अण्डे इत्यादि में प्रोटीन के साथ-साथ फैट भी शामिल होता है। जब आप प्रोटीन सेवन की मात्रा बढ़ा देते हैं, तो
फैट भी बढ़ता है जिससे कैलोस्ट्रोल की मात्रा भी बढ़ने लगती है। और कैलोस्ट्रोल की अधिकता हृदय के लिए नुकसानदायक है।
प्रोटीन शरीर की जरूरत है लेकिन इसका ज्यादा सेवन हानिकारक है, इसलिए प्रोटीन को आवश्यकतानुसार ही लें और प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट की मात्रा नियंत्रित रखें।