जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक आज से चंडीगढ़ में हुई शुरू, लिए जा सकते हैं कई अहम फैंसले
GST Council:जीएसटी काउंसिल एक लंबे एजेंडे पर विचार कर रही है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों की राजस्व स्थिति का विश्लेषण, जीएसटी से छूट प्राप्त वस्तुओं की सूची में कटौती, कच्चे माल पर तैयार उत्पादों की तुलना में अधिक कर लगाने की कर विसंगति को ठीक करना शामिल है।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल ने आज यहां अपनी 47वीं बैठक शुरू की, जिसमें मंत्रिस्तरीय समितियों की कई प्रमुख सिफारिशों पर निर्णय लिया जाएगा, जिसका उद्देश्य कर प्रणाली को और अधिक कुशल बनाना है।
चंडीगढ़ में हो रहे इस जीएसटी काउंसिल के बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही हैं। वहीं आज से शुरू हुई इस 2 दिवसीय बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हो रहे हैं।
क्या है बैठक का एजेंडा?
जीएसटी काउंसिल एक लंबे एजेंडे पर विचार कर रही है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों की राजस्व स्थिति का विश्लेषण, जीएसटी से छूट प्राप्त वस्तुओं की सूची में कटौती, कच्चे माल पर तैयार उत्पादों की तुलना में अधिक कर लगाने की कर विसंगति को ठीक करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, जीएसटी काउंसिल ऑनलाइन गेम, कैसीनो और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत का उच्चतम कर लगाने पर भी विचार कर सकती है।
जीएसटी काउंसिल राज्य के मंत्रियों के पैनल की एक रिपोर्ट पर भी विचार करेगी, जिसमें 2 लाख रुपये और उससे अधिक मूल्य के सोने/कीमती पत्थरों की राज्य के भीतर आवाजाही के लिए ई-वे बिल अनिवार्य करने और सोने/कीमती पत्थरों की आपूर्ति करने वाले सभी करदाताओं जिनका 20 करोड़ रुपये से अधिक का कुल वार्षिक कारोबार है, उनके लिए ई-चालान अनिवार्य करने पर भी विचार किया जाएगा।
किन वस्तुओं के टैक्स रेट में हो सकता है बदलाव?
इन सब के अतिरिक्त काउंसिल के समक्ष प्रस्तावों में प्रिंटिंग, लेखन, ड्राइंग स्याही, कुछ चाकू, चम्मच और टेबलवेयर, और ड्राइंग उपकरणों जैसी वस्तुओं पर जीएसटी दर को 12% से बढ़ाकर 18% करना शामिल है। साथ ही सोलर वॉटर हीटर और फिनिश्ड लेदर पर रेट 5% से बढ़कर 12% होने की भी उम्मीद है। वहीं सेवाओं की कुछ दरों में बदलाव की भी उम्मीद की जा रही है।
मिंट के हवाले से आई एक खबर के अनुसार एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, "बैठक 2017 के अप्रत्यक्ष कर सुधार के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि यह भविष्य के वर्षों के लिए जीएसटी की दिशा को निर्धारित करेगी। केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दिया गया जीएसटी मुआवजा इस महीने के अंत तक समाप्त होने वाला है और काउंसिल से नियम परिवर्तनों के एक सेट को मंजूरी मिलने की उम्मीद है जो कर चोरी को रोकने में आईटी प्रणाली और जीएसटी के नियामक ढांचे को और अधिक कुशल बना देगा।"