यूएलएफ जेके की तरफ से नॉन लोकल को कश्मीर खाली करने की धमकी , पाकिस्तान की बड़ी साजिश का खुलासा 

पाकिस्तानी आईएसआई की कोशिश है कि इस तरह के छोटे आतंकी समूहों के द्वारा आतंक फैलाकर उसे हिंदु मुस्लिम का नाम दे दिया जाए। तथा पाकिस्तान खुद को आतंक से दूर होने की बात अंतरराष्ट्रीय सूची में साबित करने का प्रयास कर सके।

Oct 18, 2021 - 19:24
December 10, 2021 - 11:38
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यूएलएफ जेके की तरफ से नॉन लोकल को कश्मीर खाली करने की धमकी , पाकिस्तान की बड़ी साजिश का खुलासा 
Image Source -hindustantimes

कश्मीर में हो रही 'पिस्टल किलिंग' को लेकर पाकिस्तान की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) ने पाकिस्तान सरकार की इज्जत बचाने के लिए कश्मीर में नए नामों से कई आतंकवादी संगठन खड़े कर दिए हैं। कश्मीर में इस रविवार को बिहार के जिन दो मजंदूरों को मारा गया, उसकी जिम्मेदारी यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट-जम्मू एंड कश्मीर (ULF JK) ने अपने ऊपर ले ली है।


 
छोटे आतंकी संगठनों को सौंपा गया है 'पिस्टल किलिंग' का टारगेट:

आपको बता दें कि सात अक्तूबर को श्रीनगर में आतंकवादियों ने एक प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद की हत्या की थी। जिसकी हत्या की जिम्मेदारी नए आतंकी संगठन ‘गिलानी फोर्स’ ने अपने ऊपर ली थी। वहीं इससे पहले इन शिक्षकों की हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन 'लश्कर-ए-तैयबा' की नई शाखा 'द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने अपने ऊपर ली थी। जम्मू कश्मीर पुलिस की इंटेलिजेंस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचने के लिए पाकिस्तान ने यह नया गेम प्लान तैयार किया है। पाकिस्तानी आईएसआई, आतंकवादी संगठन 'लश्कर-ए-तैयबा' और 'जैश-ए-मुहम्मद' के साथ मिलकर कश्मीर में छोटे-छोटे समूह तैयार कर रही है। इन्हीं छोटे समुहों के आतंकवादियों को 'पिस्टल किलिंग' का टारगेट सौंपा गया है।

मिनी बिहार के नाम से जाना जाता है वानपोह इलाका:

आपको बता दें कि अनंतनाग जिले के वानपोह इलाके को मिनी बिहार भी कहा जाता है। इसी अनंतनाग जिले के वानपोह इलाके में बिहार के दो लोगों की हत्या करने के बाद 'यूएलएफ जेके' ने एक पत्र जारी किया और उस पत्र में खुद को फ्रीडम फाइटर बताया है।

पत्र के जरिये नॉन लोकल को कश्मीर खाली करने की धमकी:

जारी किए गए पत्र की आखिरी दो लाइनों में बोला गया है कि नॉन लोकल यहां से चले जाएं, वरना इसके परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं। साथ में यह भी कहा है कि यदि जम्मू कश्मीर पुलिस लोकल लोगों पर अत्याचार करना बंद नहीं करेगी तो नेताओं के साथ-साथ जम्मू कश्मीर पुलिस को भी सबक सिखाने में हमें देर नहीं लगेगी।

वहीं जम्मू कश्मीर मामलों के सिक्योरिटी सलाहकार रिटायर्ड कैप्टन अनिल गौर के अनुसार पाकिस्तान ने अब जो चाल चली है, उसमें पाकिस्तान यह बताने की कोशिश कर रहा है कि कश्मीर में हो रही हत्याएं उनका अंदूरनी मामला है। तथा पाकिस्तानी आईएसआई की कोशिश है कि इस तरह के छोटे आतंकी समूहों के द्वारा आतंक फैलाकर उसे हिंदु-मुस्लिम का नाम दे दिया जाए और पाकिस्तान खुद को आतंक से दूर होने की बात अंतरराष्ट्रीय सूची में साबित करने का प्रयास कर सके।

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Mohammad Altaf Ali Global Opinions Writer at @The Lokdoot.com