आईआईटी बॉम्बे के शोधकर्ता विकसित कर रहे हैं 'स्मार्ट स्पीड वार्निंग सिस्टम', सड़क हादसों में आ सकती है गिरावट
आईआईटी गुवाहाटी और आईआईटी बॉम्बे स्मार्ट स्पीड वार्निंग सिस्टम बनाने की दिशा में कर रहें है प्रयास, सड़क हादसों में भारी गिरावट आने की है उम्मीद।
देश में हर साल तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों के कारण लगभग 70 प्रतिशत से भी अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। यूं तो सरकार ने भी इस आंकड़े को कम करने के लिए अनेक नियम-कानून बनाए हैं, परंतु अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थाओं यानी आईआईटी के शोधकर्ताओं ने भी इस तरफ अपनी नई मुहिम प्रारंभ की है। जानकारी के मुताबिक, आईआईटी गुवाहाटी और आईआईटी बॉम्बे के शोधकर्ता वाहनों के लिए 'स्मार्ट स्पीड वार्निंग सिस्टम' विकसित करने की दिशा में काम कर रहें हैं। अगर यह प्रयास सफल रहता है तो इससे सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी आ सकती है। यह सिस्टम सड़क के ढांचे और भौगोलिक स्तिथि के आधार पर वाहन चालक को तेज गति से होने वाली दुर्घटना के प्रति पहले ही सचेत कर देगा ।
हालांकि, शोधकर्ताओं ने बताया कि, हमें यह बात ध्यान में रखनी होगी कि गति नियंत्रण उपकरण में इतनी बुद्धिमता नहीं होती है की वे प्रभावशाली तरीके से पहाड़ी क्षेत्रों, मैदानी और रेगिस्तानी इलाकों में काम कर सकें। आईआईटी गुवाहाटी में सिविल इंजीनरिंग के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत अखिलेश कुमार मौर्य ने बताया कि "स्मार्ट स्पीड वार्निंग सिस्टम विकसित करने की जरूरत है जो सड़क के ढांचे के मुताबिक गति के बारे में बता सकें और तेज गति से हो सकने वाले हादसों को रोका जा सके"।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने 1 जुलाई 2019 के बाद से ही खरीदी जाने वाली सभी नई गाड़ियों में नियंत्रण उपकरण लगवाना अनिवार्य कर दिया है। 80 किलोमीटर की स्पीड पार करते ही यह उपकरण बीप की आवाज करने लगता है और 120 किलोमीटर की गति के बाद निरंतर अलार्म की आवाज देता है जिससे की चालक सचेत हो जाए।
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