केंद्रीय कैबिनेट ने दी मानव निर्मित और तकनीकी वस्त्र क्षेत्र के लिए 10,683 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी
टेक्सटाइल खंड में निवेश बढ़ने हेतु मोदी कैबिनेट ने किया 10,683 करोड़ रूपए के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना की घोषणा। मानव निर्मित एवं तकनीकी वस्त्र क्षेत्र को मिलेगा अगले 5 वर्ष तक योजना का लाभ। 7.5 लाख रोज़गार का होगा सृजन। केंद्रीय कैबिनेट ने दी मानव निर्मित और तकनीकी वस्त्र क्षेत्र के लिए 10,683 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार, 8 सितम्बर को मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) परिधान , एमएमएफ़ कपड़ा एवं टेक्निकल टेक्सटाइल के 10 खंड/उत्पादों के लिए अगले 5 वर्ष तक के लिए 10,683 करोड़ रूपए का प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना की घोषणा की है।
इस योजना के ज़रिए 19,000 करोड़ रूपए से अधिक का निवेश, 3 लाख करोड़ रूपए से अधिक का संचयी टर्नओवर एवं 7.5 लाख नए रोज़गार के अवसर प्रदान करने जैसे लक्ष्यों को साधने का प्रयास किया गया है।
योजना के अंतर्गत अलग-अलग प्रोत्साहन संरचना के साथ दो प्रकार के निवेश की व्यवस्था की गयी है। प्रथम व्यवस्था में कोई भी व्यक्ति अथवा उद्योग जो कि अधिसूचित उत्पादों के उत्पादन के लिए न्यूनतम 300 करोड़ रूपए का निवेश संयत्र, मशीनरी अथवा सिविल कार्य में करेगा, वह इस योजना में प्रतिभागिता के लिए मान्य होगा। द्वितीय व्यवस्था में निवेश की राशि न्यूनतम 100 करोड़ रूपए होगी।
साथ ही साथ निवेश के लिए प्राथमिकता तृतीय, चतुर्थ टियर के शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों को दी जाएगी एवं इस योजना से गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा जैसे राज्यों को लाभ होगा।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि, “अब तक, हमने मुख्य रूप से सूती वस्त्र पर ध्यान केंद्रित किया है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय कपड़ा बाज़ार का 2/3 हिस्सा मानव निर्मित और तकनीकी वस्त्रों का है। इस पीएलआई योजना को मंजूरी दी गई है ताकि भारत मानव निर्मित फाइबर के उत्पादन में भी योगदान दे सके।"
तकनीकी वस्त्र एक नए प्रकार का कपड़ा है, जिसका आधारभूत ढांचे, पानी, स्वास्थ्य और स्वच्छता, रक्षा, सुरक्षा, ऑटोमोबाइल, विमानन आदि सहित अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में प्रयोग इन क्षेत्रों की दक्षता में सुधार करेगा।
इससे पहले भी सरकार टेक्सटाइल खंड में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए 'राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन' का भी शुभारम्भ कर चुकी है।